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चंडीगढ़ को 'डिसऐबल फ्रेंडली' बनाने की कवायद शुरू, दिव्यांगों के लिए नायाब मुहिम - NSS

चंडीगढ़ को अब डिसऐबल फ्रेंडली बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है, जिसके तहत चंडीगढ़ की हर जगह को दिव्यांग लोगों के लिए फ्रेंडली बनाया जाएगा, ताकि दिव्यांग लोग शहर में जहां चाहे वहां जा सके.

दिव्यांगों के लिए नायाब मुहिम
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Published : Feb 20, 2019, 5:10 PM IST

चंडीगढ़: सिटी ब्यूटीफुल को अब डिसऐबल फ्रेंडली बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है, जिसके तहत चंडीगढ़ की हर जगह को दिव्यांग लोगों के लिए फ्रेंडली बनाया जाएगा, ताकि दिव्यांग लोग शहर में जहां चाहे वहां जा सके. इसके तहत चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से एक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है.

इस कार्यक्रम में करीब 700 एनएसएस के वॉलंटियर हिस्सा लेंगे. ये वॉलंटियर चंडीगढ़ की अलग-अलग जगहों पर जाएंगे और वहां पर जाकर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे कि किन-किन जगहों पर दिव्यांग लोगों के लिए क्या-क्या सुविधाएं होनी चाहिएं. इसके बारे में बात करते हुए गवर्नमेंट रिहैबिलिटेशन इंस्टीट्यूट की ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ प्रीति अरुण ने बताया कि हमारे द्वारा चार चरणों में ऑडिट किया जाएगा.

दिव्यांगों के लिए नायाब मुहिम
दिव्यांगों के लिए नायाब मुहिम

इसकी रिपोर्ट 28 फरवरी तक पेश कर दी जाएगी. डॉ प्रीति अरुण ने कहा कि इस ऑडिट के तहत कई बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा, जैसे शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और इस तरह की दूसरी जगहें डिसऐबल फ्रेंडली हो, जहां पर दिव्यांग लोग बिना किसी की सहायता के आ जा सकें.

डॉ प्रीति अरुण, ज्वाइंट डायरेक्टर

इसके अलावा शहर के सार्वजनिक शौचालय डिसऐबल फ्रेंडली हो, शहर के रेस्टोरेंट्स क्लब्स, बार, मल्टीप्लेक्स, सिनेमा आदि डिसऐबल फ्रेंडली होने चाहिएं. वहीं शहर के पार्क, म्यूजियम जैसी जगहों को भी पूरी तरह से डिसऐबल फ्रेंडली बनाने पर जोर दिया जाएगा. इसके साथ-साथ ही ट्रांसपोर्ट को भी डिसऐबल फ्रेंडली किया जाएगा, जैसे शहर में चलने वाली टैक्सी और बसों आदि में ऐसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिसमें दिव्यांग लोग अपने आप आ जा सकें.

चंडीगढ़: सिटी ब्यूटीफुल को अब डिसऐबल फ्रेंडली बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है, जिसके तहत चंडीगढ़ की हर जगह को दिव्यांग लोगों के लिए फ्रेंडली बनाया जाएगा, ताकि दिव्यांग लोग शहर में जहां चाहे वहां जा सके. इसके तहत चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से एक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है.

इस कार्यक्रम में करीब 700 एनएसएस के वॉलंटियर हिस्सा लेंगे. ये वॉलंटियर चंडीगढ़ की अलग-अलग जगहों पर जाएंगे और वहां पर जाकर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे कि किन-किन जगहों पर दिव्यांग लोगों के लिए क्या-क्या सुविधाएं होनी चाहिएं. इसके बारे में बात करते हुए गवर्नमेंट रिहैबिलिटेशन इंस्टीट्यूट की ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ प्रीति अरुण ने बताया कि हमारे द्वारा चार चरणों में ऑडिट किया जाएगा.

दिव्यांगों के लिए नायाब मुहिम
दिव्यांगों के लिए नायाब मुहिम

इसकी रिपोर्ट 28 फरवरी तक पेश कर दी जाएगी. डॉ प्रीति अरुण ने कहा कि इस ऑडिट के तहत कई बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा, जैसे शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और इस तरह की दूसरी जगहें डिसऐबल फ्रेंडली हो, जहां पर दिव्यांग लोग बिना किसी की सहायता के आ जा सकें.

डॉ प्रीति अरुण, ज्वाइंट डायरेक्टर

इसके अलावा शहर के सार्वजनिक शौचालय डिसऐबल फ्रेंडली हो, शहर के रेस्टोरेंट्स क्लब्स, बार, मल्टीप्लेक्स, सिनेमा आदि डिसऐबल फ्रेंडली होने चाहिएं. वहीं शहर के पार्क, म्यूजियम जैसी जगहों को भी पूरी तरह से डिसऐबल फ्रेंडली बनाने पर जोर दिया जाएगा. इसके साथ-साथ ही ट्रांसपोर्ट को भी डिसऐबल फ्रेंडली किया जाएगा, जैसे शहर में चलने वाली टैक्सी और बसों आदि में ऐसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिसमें दिव्यांग लोग अपने आप आ जा सकें.

Intro:सिटी ब्यूटीफुल को अब डिसएबल फ्रेंडली बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है । जिसके तहत चंडीगढ़ की हर जगह को दिव्यांग लोगों के लिए फ्रेंडली बनाया जाएगा ताकि दिव्यांग लोग शहर में जहां चाहे वहां जा सके।


Body:इसके तहत चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से एक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। जिसमें करीब 700 एनएसएस के वालंटियर हिस्सा लेंगे । यह वॉलिंटियर चंडीगढ़ की अलग-अलग जगहों पर जाएंगे और वहां पर जाकर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे कि किन-किन जगहों पर दिव्यांग लोगों के लिए क्या-क्या सुविधाएं होनी चाहिए। इसके बारे में बात करते हुए गवर्नमेंट रिहैबिलिटेशन इंस्टीट्यूट की ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ प्रीति अरुण ने बताया कि हमारे द्वारा चार चरणों में ऑडिट किया जाएगा । इसकी रिपोर्ट 28 फरवरी तक पेश कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस ऑडिट के तहत कई बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा ।जैसे शहर के रेलवे स्टेशन बस स्टैंड और इस तरह की दूसरी जगहे डिसएबल फ्रेंडली हो ।जहां पर दिव्यांग लोग बिना किसी सहायता के आ जा सके। इसके अलावा शहर के सार्वजनिक शौचालय डिसएबल फ्रेंडली हो, शहर के रेस्टोरेंट्स क्लब्स, बार, मल्टीप्लेक्स ,सिनेमा आदि डिसएबल फैमिली होने चाहिए। वहीं शहर के पार्क म्यूजियम जैसी जगह भी पूरी तरह से डिसएबल फ्रेंडली होनी चाहिए । इसके साथ साथ ही ट्रांसपोर्ट को भी डिसएबल फ्रेंडली किया जाएगा। जैसे शहर में चलने वाली टैक्सी और बसों आदि में ऐसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी जिसमें दिव्यांग लोग अपने आप आ जा सके । फिजिकल इयररिंग और विजिबल डिसेबिलिटी को मिलाकर कुल 21 तरह की डिसेबिलिटी है और हमें इन सभी 21 तरह की डिसेबिलिटी को ध्यान में रखकर शहर में बदलाव करने हैं । ना केवल वे लोग जो चल फिर नहीं सकते बल्कि वे लोग जो देख या सुन नहीं सकते उनके लिए भी शहर में उनके अनुसार सुविधाएं मोहिया करवाई जाएंगी डॉ प्रीति ने कहा की उन्हें उम्मीद है कि चंडीगढ़ जल्द ही देश का पहला डिसएबल फ्रेंडली सिटी बन जाएगा।


बाइक -डॉक्टर प्रीति अरुण , जॉइंट डायरेक्टर , ग्रीड


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