ETV Bharat / state

कृषि कानून वापस होने की खुशी में चंडीगढ़ का ये ऑटो चालक 10 दिनों तक मुफ्त में कराएगा सफर

कृषि कानून वापस (farm laws repealed) होने की जितनी खुशी किसानों को है उतनी ही आम नागरिकों में भी देखने को मिल रही है. ऐसे ही चंडीगढ़ के एक ऑटो चालक अनिल (chandigarh auto driver) ने कृषि कानून वापस होने की खुशी में सवारियों को 10 दिनों तक मुफ्त में सफर (Free auto ride in Chandigarh) कराने का फैसला लिया है.

Free auto ride in Chandigarh
chandigarh auto driver
author img

By

Published : Nov 20, 2021, 7:36 PM IST

चंडीगढ़: किसानों के एक साल से चले आ रहे आंदोलन के बाद आखिरकार सरकार ने कृषि कानून वापस (farm laws repealed) लेने का फैसला ले लिया है. इस एक साल में लाखों लोग इस आंदोलन में शामिल हुए और अब सरकार के इस फैसले के बाद लोग अलग-अलग तरीकों से अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं. ऐसे में चंडीगढ़ के रहने वाले ऑटो चालक अनिल (chandigarh auto driver) अपने तरीके से इसका जश्न मना रहे हैं.

अनिल ने अपने ऑटो पर पोस्टर चिपकाए हैं, जिसमें लिखा है कि कृषि कानून वापस होने की खुशी में वह 10 दिनों तक सवारियों को फ्री में अपने ऑटो (Free auto ride in Chandigarh) में घूमाएंगे. सवारियों को लाने, ले जाने की एवज में सवारियों से कोई पैसा नहीं लेंगे. ईटीवी भारत से हुई बातचीत में ऑटो चालक अनिल ने बताया कि हमारे किसान भाई और बहन पिछले एक साल से अपने घरों को छोड़कर किसान आंदोलन के चलते सड़कों पर बैठे थे.

कृषि कानून वापस होने की खुशी में चंडीगढ़ का ये ऑटो चालक 10 दिनों तक मुफ्त में कराएगा सफर

ये भी पढ़ें- Swachh Survekshan-2021: स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिग में चंडीगढ़ पिछड़ा, कांग्रेस ने भाजपा पर फोड़ा ठीकरा

इस दौरान उन्होंने सर्दी, गर्मी, बारिश किसी भी बात की परवाह नहीं की. आखिरकार उनकी जीत हुई है. सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला कर लिया है. इस बात से मैं भी बहुत खुश हूं और इसी खुशी में मैने शहर में 10 दिनों तक अपने ऑटो में फ्री में सवारियों को सफर कराऊंगा. सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक ऑटो में जो भी सवारी बैठेगी उनसे किसी तरह का किराया नहीं लिया जाएगा.

हालांकि किसी गरीब व्यक्ति के लिए 10 दिनों तक कोई कमाई ना करना एक बड़ी बात होती है, क्योंकि इसी कमाई से घर चलता है. इस बारे में बात करते हुए अनिल कुमार ने कहा कि उनके लिए पैसे का कोई महत्व नहीं है. वह अपना पेट भरने के लिए चार पैसे कमाते हैं, मगर उमका पेट पैसों से नहीं बल्कि किसानों द्वारा उगाए गए और फल सब्जियों से भरता है. अगर हमें अनाज और फल सब्जियां नहीं मिलेंगे तो हमारा पेट कैसे भरेगा.

ये भी पढ़ें- संयुक्त किसान मोर्चा कोर कमेटी की बैठक में हुआ फैसला, '29 नवंबर को संसद कूच होगा'

अनिल शहर के ऐसे पहले ऑटो ड्राइवर हैं जो रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैंड पर मिलने वाले भारतीय सैनिक और गर्भवती महिलाओं से भी अपने ऑटो में सफर करने का कोई किराया नहीं लेते. भारतीय सेना के किसी भी सैनिक और गर्भवती महिलाओं को उनकी मंजिल तक पहुंचने को अनिल अपना कर्तव्य समझते हैं. इसके अलावा कोरोना काल में मेडिकल स्टाफ को भी फ्री सफर करवाया था. इसके अलावा भी कई मौकों पर लोगों को फ्री में सफर करवाते रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला बोले, कृषि कानून वापसी किसानों की जीत, MSP पर कानून बने

बता दें कि, शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी. पीएम ने (pm modi on farm laws) कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. किसानों को इन तीनों कानूनों के बारे में समझाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन वह समझ नहीं पाए. हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों से घर वापसी की अपील की थी.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

चंडीगढ़: किसानों के एक साल से चले आ रहे आंदोलन के बाद आखिरकार सरकार ने कृषि कानून वापस (farm laws repealed) लेने का फैसला ले लिया है. इस एक साल में लाखों लोग इस आंदोलन में शामिल हुए और अब सरकार के इस फैसले के बाद लोग अलग-अलग तरीकों से अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं. ऐसे में चंडीगढ़ के रहने वाले ऑटो चालक अनिल (chandigarh auto driver) अपने तरीके से इसका जश्न मना रहे हैं.

अनिल ने अपने ऑटो पर पोस्टर चिपकाए हैं, जिसमें लिखा है कि कृषि कानून वापस होने की खुशी में वह 10 दिनों तक सवारियों को फ्री में अपने ऑटो (Free auto ride in Chandigarh) में घूमाएंगे. सवारियों को लाने, ले जाने की एवज में सवारियों से कोई पैसा नहीं लेंगे. ईटीवी भारत से हुई बातचीत में ऑटो चालक अनिल ने बताया कि हमारे किसान भाई और बहन पिछले एक साल से अपने घरों को छोड़कर किसान आंदोलन के चलते सड़कों पर बैठे थे.

कृषि कानून वापस होने की खुशी में चंडीगढ़ का ये ऑटो चालक 10 दिनों तक मुफ्त में कराएगा सफर

ये भी पढ़ें- Swachh Survekshan-2021: स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिग में चंडीगढ़ पिछड़ा, कांग्रेस ने भाजपा पर फोड़ा ठीकरा

इस दौरान उन्होंने सर्दी, गर्मी, बारिश किसी भी बात की परवाह नहीं की. आखिरकार उनकी जीत हुई है. सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला कर लिया है. इस बात से मैं भी बहुत खुश हूं और इसी खुशी में मैने शहर में 10 दिनों तक अपने ऑटो में फ्री में सवारियों को सफर कराऊंगा. सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक ऑटो में जो भी सवारी बैठेगी उनसे किसी तरह का किराया नहीं लिया जाएगा.

हालांकि किसी गरीब व्यक्ति के लिए 10 दिनों तक कोई कमाई ना करना एक बड़ी बात होती है, क्योंकि इसी कमाई से घर चलता है. इस बारे में बात करते हुए अनिल कुमार ने कहा कि उनके लिए पैसे का कोई महत्व नहीं है. वह अपना पेट भरने के लिए चार पैसे कमाते हैं, मगर उमका पेट पैसों से नहीं बल्कि किसानों द्वारा उगाए गए और फल सब्जियों से भरता है. अगर हमें अनाज और फल सब्जियां नहीं मिलेंगे तो हमारा पेट कैसे भरेगा.

ये भी पढ़ें- संयुक्त किसान मोर्चा कोर कमेटी की बैठक में हुआ फैसला, '29 नवंबर को संसद कूच होगा'

अनिल शहर के ऐसे पहले ऑटो ड्राइवर हैं जो रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैंड पर मिलने वाले भारतीय सैनिक और गर्भवती महिलाओं से भी अपने ऑटो में सफर करने का कोई किराया नहीं लेते. भारतीय सेना के किसी भी सैनिक और गर्भवती महिलाओं को उनकी मंजिल तक पहुंचने को अनिल अपना कर्तव्य समझते हैं. इसके अलावा कोरोना काल में मेडिकल स्टाफ को भी फ्री सफर करवाया था. इसके अलावा भी कई मौकों पर लोगों को फ्री में सफर करवाते रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला बोले, कृषि कानून वापसी किसानों की जीत, MSP पर कानून बने

बता दें कि, शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी. पीएम ने (pm modi on farm laws) कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. किसानों को इन तीनों कानूनों के बारे में समझाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन वह समझ नहीं पाए. हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों से घर वापसी की अपील की थी.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.