चंडीगढ़: तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों का निधन (cds bipin rawat chopper crash) हो गया. जनरल बिपिन रावत को एक ऐसे अधिकारी के तौर पर जाना जाता रहा है, जिन्होंने भारतीय सेना के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. भारतीय सेना के अधिकारी उनकी मौत को अपूर्णीय क्षति मान रहे हैं. ईटीवी भारत ने सीडीएस बिपिन रावत के बारे में ब्रिगेडियर (रि.) कुलदीप सिंह काहलो से खास बातचीत की.
ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह ने बताया कि सीडीएस बिपिन रावत का निधन (cds bipin rawat death) बेहद दुखद हादसा है, इस हादसे में देश नहीं अपने कई बेहतरीन अवसर खो दिए. यहां तक की सीडीएस बिपिन रावत जैसे अधिकारी को भी देश में खो दिया जो देश के लिए एक बड़ा नुकसान है. यह ऐसी क्षति है, जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता जनरल बिपिन रावत एक बेहतरीन अफसर थे. उनका इस तरह से जाना देश की सेनाओं के लिए भी बड़ा झटका है. जनरल बिपिन रावत की प्रतिभा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब साल 1978 में वह एनडीए के माध्यम से सेना में शामिल हुए थे, तब उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया था. यह ऑनर एनडीए के सर्वश्रेष्ठ कैकेट को दिया जाता है.
सीडीएस रावत ने बड़े बहादुरी के काम किए: ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह ने बताया कि सेना में रहते हुए उन्होंने बहादुरी के बहुत से कारनामे किए. जब अरुणाचल प्रदेश को लेकर चाइना बॉर्डर्स पर कई गतिविधियां कर रहा था. उस वक्त उन्होंने उन गतिविधियों खिलाफ महत्वपूर्ण काम किया. सीडीएस बिपिन रावत ने पूरी सर्विस में आतंक को रोकने के लिए भी कई ऑपरेशन चलाए और महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की. ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह ने बताय कि जिस तरह इनका रैंक बढ़ता गया उस तरह से ये अपनी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाते चले गए.
बड़ी जिम्मेदारी का पद है सीडीएस: ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह ने कहा कि सीडीएस का पद एक ऐसे सैन्य अधिकारी को दिया जा सकता है जो हर मुद्दे की समझ रखता हो और हर तरह से सेना को संभाल सकता हो. देश की सेनाओं को सीडीएस की बहुत पहले से आवश्यकता थी. कारगिल युद्ध के बाद से ही सीडीएस की जरूरत महसूस होने लगी थी, क्योंकि तीनों सेनाओं को एक साथ मिलकर काम करने के लिए सीडीएस की जरूरत थी. काफी सालों के बाद जनरल बिपिन रावत ने इस पद को संभाला और सेनाओं की कमान भी संभाली.
दोनों सफल सर्जिकल स्ट्राइक में निभाई बड़ी भूमिका: ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह ने बताया कि दोनों सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग में जनरल बिपिन रावत (bipin rawat role in surgical strike planning) शामिल थे. दोनों स्ट्राइक को सफलतापूर्वक अंजाम देने में इनका बड़ा हाथ था. उन्होंने भारतीय सेनाओं के लिए भी कई काम किए. सेनाओं का आधुनिकीकरण करने का श्रेय जनरल बिपिन रावत को जाता है.
देखिए- तस्वीरों में देखें सीडीएस जनरल बिपिन रावत का सफरनामा
ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह ने कहा कि जल्द ही किसी बड़े सैन्य अधिकारी को इस पद पर बैठाया जाएगा. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार इसको लेकर पहले से तैयार रहती है कि सेना में अगर बड़ा पद खाली होता है तो उसकी जगह कौन सा अधिकारी भेजा जाएगा, क्योंकि यह ऐसे पद हैं जिन्हें खाली नहीं रखा जा सकता. उन्होंने कहा कि देश को नया सीडीएस तो मिल जाएगा, लेकिन जनरल बिपिन रावत जैसी शख्सियत का मिलना बेहद मुश्किल है.
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