चंडीगढ़: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात एक बीएसफ जवान ने अपनी ही राइफल से खुद को मारकर आत्महत्या कर ली है. आत्महत्या करने वाला जवान हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला था. बीएसफ जवान ने आत्महत्या शनिवार सुबर चार बजे के करीब की थी.
बता दें कि सोनीपत का रहने वाला जवान सुरेश कुमार अपने दल के साथ सर्चिंग से लौट रहा था. इसी दौरान उसने कैम्प से महज 100 मीटर पहले ही अपनी रायफल से खुद पर गोली चला ली. गोली चलने की आवाज से सहमे साथी जवान उसे तत्काल कैम्प लेकर आए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. घटना की जानकारी मिलते ही बीएसएफ और पुलिस के आला अधिकारी मौके के लिए रवाना हो गए.
नक्सली इलाके में तैनात था बीएसएफ जवान
सुबह-सुबह अंधेरा होने के कारण अचानक गोली की आवाज से जवान सचेत हो गए थे. जब अन्य जवान मौके पर भागकर गए तो हेडकांस्टेबल सुरेश कुमार का शव पड़ा था. पहले तो किसी के समझ में ही नहीं आया कि गोली कहां से चली. शव के पास किसी को भी जाने नहीं दिया जा रहा था. कैंप से महज 17 किमी दूर नक्सली इलाका शुरू हो जाता है.
आत्महत्या के कारणों का नहीं चला पता
अभी आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है. सोनीपत का रहने वाला सुरेश कुमार बीएसएफ की 157 बटालियन में हेडकांस्टेबल पद पर तैनात था. जवान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिसके बाद उसके शव को घर भेजा जाएगा. मामले की जांच की जा रही है.
डिप्रेशन और तनाव के शिकार जवान छत्तीसगढ़ में खासतौर पर नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों में आत्महत्या करने का ग्राफ हर दिन बढ़ता जा रहा है. तनाव और डिप्रेशन की वजह से कई बार एक जवान दूसरे जवान की जान भी ले लेते हैं. जवानों को इन परेशानियों से बाहर निकालने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं.
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छत्तीसगढ़ में जवानों को अवसाद और तनाव से बचाने के लिए 2 जून से स्पंदन अभियान की शुरूआत हुई है. इस अभियान के अंतर्गत जवानों के लिए कैंपों में मनोचिकित्सक म्यूजिक थेरेपी, योग, शिक्षा, खेलकूद और पुस्तकालय आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.