चंडीगढ़: स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में आईएमआर और एमएमआर सुधारना है. उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने इस दिशा में पहले भी काफी कदम उठाए हैं. वर्तमान सरकार के आने से पहले जहां आईएमआर 41 था वहीं अब यह घटकर 33 हो गया है.
गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए राज्य सरकार द्वारा कई अभियान चलाए गए हैं. वहीं बच्चों को रोटा वायरस दिए गए हैं. राज्य सरकार की कोशिश है कि गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी सरकारी अस्पताल में हो ताकि वहां जच्चा-बच्चा की देखभाल आधुनिक तकनीक से ठीक तरह से हो सके.
सही खान-पान न होने के कारण एनीमिया होता है. सरकार द्वारा बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को सही डाईट लेने के सुझाव दिए जाते हैं. सरकार द्वारा अटल अभियान में 21 करोड़ रूपए प्रति वर्ष खर्च किए जाएंगे.
'अटल अभियान' लांच करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली महिलाओं, गभर्वती महिलाओं, किशोर बालिकाओं को ‘अटल अभियान’ के तहत टेबलेट दी गई.