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हाईकोर्ट: अरुणा त्रिपाठी केस में हरियाणा सरकार ने दी एसिड बिक्री के बारे में जानकारी

एसिड अटैक रोकने के लिए हाईकोर्ट ने सरकार को किया तलब, तेजाब की बिक्री रोकने के लिए उठाए गए कदम पर सरकार ने अपने जवाब पेश किए.

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
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Published : Apr 2, 2019, 11:57 PM IST

चंडीगढ़: फरीदाबाद की अरुणा त्रिपाठी पर एसिड अटैक मामले में सुनवाई के दौरान पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब और चंडीगढ़ में तेजाब की बिक्री रोकने को लेकर उठाए गए कदमों का ब्यौरा तलब कर लिया है. इसी बीच हरियाणा सरकार ने हलफनामा देकर बताया कि उन्होंने एसिड अटैक पीड़ितों के लिए मुआवजे की व्यवस्था करने के साथ ही तेजाब की बिक्री को लेकर सख्त नियम बनाए हैं.

अरुणा ने याचिका में हरियाणा सरकार की तरफ से पर्याप्त मुआवजा दिलाए जाने की मांग की थी. कोर्ट ने पुलिस की उदासीनता और अपराधियों के ट्रेस न होने की बात को गंभीरता से लेते हुए एडवोकेट रवि कमल गुप्ता को कोर्ट मित्र नियुक्त किया था. गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि सन 2006 में अरुणा पर एसिड अटैक हुआ था.

पीड़िता का मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है. लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने अभी सिर्फ एक लाख रुपये ही दिए हैं. मंगलवार को सौंपे हलफनामे में हरियाणा सरकार ने बातया कि पीड़िता को कुल 3 लाख रुपये की मुआवजा राशि जारी की जा चुकी है. साथ ही महिलाओं के साथ विभिन्न अपराधों की स्थिति में किए गए मुआवजे के प्रावधान की जानकारी दी. इस बीच हाईकोर्ट ने एसिड की बिक्री और पीड़िता को मुआवजा देने के बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का चंडीगढ़ और पंजाब में कितना पालन किया गया है इस बारे में जानकारी सौंपने के दोनों को आदेश जारी कर दिए हैं.

चंडीगढ़: फरीदाबाद की अरुणा त्रिपाठी पर एसिड अटैक मामले में सुनवाई के दौरान पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब और चंडीगढ़ में तेजाब की बिक्री रोकने को लेकर उठाए गए कदमों का ब्यौरा तलब कर लिया है. इसी बीच हरियाणा सरकार ने हलफनामा देकर बताया कि उन्होंने एसिड अटैक पीड़ितों के लिए मुआवजे की व्यवस्था करने के साथ ही तेजाब की बिक्री को लेकर सख्त नियम बनाए हैं.

अरुणा ने याचिका में हरियाणा सरकार की तरफ से पर्याप्त मुआवजा दिलाए जाने की मांग की थी. कोर्ट ने पुलिस की उदासीनता और अपराधियों के ट्रेस न होने की बात को गंभीरता से लेते हुए एडवोकेट रवि कमल गुप्ता को कोर्ट मित्र नियुक्त किया था. गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि सन 2006 में अरुणा पर एसिड अटैक हुआ था.

पीड़िता का मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है. लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने अभी सिर्फ एक लाख रुपये ही दिए हैं. मंगलवार को सौंपे हलफनामे में हरियाणा सरकार ने बातया कि पीड़िता को कुल 3 लाख रुपये की मुआवजा राशि जारी की जा चुकी है. साथ ही महिलाओं के साथ विभिन्न अपराधों की स्थिति में किए गए मुआवजे के प्रावधान की जानकारी दी. इस बीच हाईकोर्ट ने एसिड की बिक्री और पीड़िता को मुआवजा देने के बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का चंडीगढ़ और पंजाब में कितना पालन किया गया है इस बारे में जानकारी सौंपने के दोनों को आदेश जारी कर दिए हैं.

Intro:हाईकोर्ट ने पूछा- पंजाब और चंडीगढ़ ने तेजाब की बिक्री रोकने के लिए क्या कदम उठाए 

अरुणा त्रिपाठी मामले में हरियाणा सरकार ने दी एसिड बिक्री के बारे में जानकारी 

-11 साल पहले हुआ था फरीदाबाद की युवती पर एसिड से हमला


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चंडीगढ़।

फरीदाबाद की अरुणा त्रिपाठी पर एसिड अटैक मामले में सुनवाई के दौरान पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब और चंडीगढ़ में तेजाब की बिक्री रोकने को लेकर उठाए गए कदमों का ब्यौरा तलब कर लिया है। इसी बीच हरियाणा सरकार ने हलफनामा देकर बताया कि उन्होंने एसिड अटैक पीडि़तों के लिए मुआवजे की व्यवस्था करने के साथ ही तेजाब की बिक्री को लेकर सख्त नियम बनाए हैं। 




Conclusion:अरुणा ने याचिका में हरियाणा सरकार की तरफ से पर्याप्त मुआवजा दिलाए जाने की मांग की थी। कोर्ट ने पुलिस की उदासीनता और अपराधियों के ट्रेस न होने की बात को गंभीरता से लेते हुए एडवोकेट रवि कमल गुप्ता को कोर्ट मित्र नियुक्त किया था। गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि सन 2006 में अरुणा पर एसिड अटैक हुआ था। पीडि़ता का मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है और लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने अभी सिर्फ एक लाख रुपये ही दिए हैं। मंगलवार को सौंपे हलफनामे में हरियाणा सरकार ने बातया कि पीडि़ता को कुल 3 लाख रुपये की मुआवजा राशि जारी की जा चुकी है। साथ ही महिलाओं के साथ विभिन्न अपराधों की स्थिति में किए गए मुआवजे के प्रावधान की जानकारी दी। इस बीच हाईकोर्ट ने एसिड की बिक्री और पीडि़ता को मुआवजा देने के बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का चंडीगढ़ और पंजाब में कितना पालन किया गया है इस बारे में जानकारी सौंपने केदोनों को आदेश जारी कर दिए हैं। 

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