चंडीगढ़: देशभर के साथ-साथ हरियाणा में भी ब्लैक फंगस अपने पैर पसार रहा है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए हरियाणा सरकार पहले से ही महामारी घोषित कर चुकी है. मगर ब्लैक फंगस को लेकर अभी तक जो कारण बताए जा रहे थे उन कारणों के दूसरी तरफ सामने आए आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं.
हरियाणा में 420 से भी ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं. इसमें से 413 मरीजों पर हुई रिसर्च को नाकाफी साबित कर दिया है. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज खुद ट्वीट कर कह रहें हैं की इस पर अभी और भी रिसर्च की जरूरत है.
![Anil Vij more research black fungus](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11893310_vij.jpg)
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हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर लिखा है कि, हरियाणा में 413 ब्लैक फंगस के मरीजों पर हुए अध्यन में बड़ा खुलासा हुआ है. जिसमें 413 मरीजों में से 64 लोगों को कभी कोरोना नहीं हुआ था. फिर उन्होंने लिखा की 413 मरीजों में से 79 मरीज डायबिटिक पेशेंट भी नहीं थे. आगे विज लिखते हैं कि 413 मरीजों में से 110 मरीजों ने स्टेरॉयड नहीं लिया था. वहीं 413 मरीजों में से 213 ब्लैक फंगस के मरीज ऑक्सीजन थेरेपी पर नहीं दी गई थी.
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इन आंकड़ों को सामने रखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी में अभी और रिसर्च की जरूरत है. गौरतलब है कि इन आंकड़ों ने विशेषज्ञों की तरफ से ब्लैक फंगस को लेकर किए जा रहे दावों पर जरूर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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साथ ही इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप के बीच अभी ये भी पता लगाना बेहद मुश्किलों भरा होने वाला है कि आखिर देशभर में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के पीछे आखिर क्या कारण अहम है.