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हड़ताल करने वाले बिजली कर्मचारियों पर होगी कड़ी कार्रवाई, सबसे पहले इन कर्मियों खिलाफ हो सकता है एक्शन - चंडीगढ़ प्रशासन

चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों के हड़ताल की वजह से पूरे शहर को लगभ 41 घंटे तक अंधरे में रहना (Protest Against Provitization) पड़ा. इस दौरान पीने के पानी से लेकर ट्रैफिक व्यवस्था तक सभी व्यवस्थाएं चरमरा गई थी. अब जब कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो चुकी है तब प्रशासन ने इसके लिए जिम्मेदार बिजली कर्मियों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है.

CHANDIGARH ELECTRICITY UNION
चंडीगढ़ में बिजली कंपनी को प्राइवेट किए जाने के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल किया था.
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Published : Feb 26, 2022, 9:55 AM IST

चंडीगढ़: बिजली कर्मियों की हड़ताल की वजह से चंडीगढ़ में करीब 41 घंटे तक बिजली गुल (CHANDIGARH ELECTRICITY UNION)रही. बिजली ना होने से शहर पूरी रात अंधेरे में डूबा रहा. वहीं पीने के पानी की सप्लाई और ट्रैफिक व्यवस्था भी बुरी तरह से चरमरा गई. कहीं ना कहीं बिजली कर्मचारियों की इस हड़ताल की वजह से शहर को काफी नुकसान पहुंचा है. इतना सबकुछ हो जाने के बाद अब प्रशासन ने व्यवस्था को बिगाड़ने वाले बिजली कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर चुका है. माना जा रहा है कि हड़ताल करने वाले बहुत से बिजली कर्मियों की नौकरी जाने वाली है.

अब ऐसे आउटसोर्स पर लगे कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें बर्खास्त किया जाएगा, जबकि रेगुलर कर्मचारियों पर अनुशासनहीनता और एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने 150 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर ली है. इनको कभी भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. डिपार्टमेंट में 400 आउटसोर्स कर्मचारी हैं. सबसे पहले इन्हीं पर एक्शन हो रहा है.

मामले की पूरी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. स्वतंत्र एक्सपर्ट को इस कमेटी में शामिल किया जाएगा. हड़ताल के दौरान किस तरह का नुकसान इलेक्ट्रिकल सिस्टम को हुआ. कौन- कौन इसमें शामिल थे, कहां- कहां तारें तोड़ी गई या बाकी नुकसान किया गया. इसको लेकर ये कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी. कमेटी अपनी यह रिपोर्ट 15 दिनों में प्रशासन को सौंपेंगी. इसके लिए प्रशासक ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वे इन्वेस्टिगेशन तेज करें. जैसे ही इन कर्मियों की पहचान होती है वे अपनी रिपोर्ट सौंपे.

ये भी पढ़ें-चंडीगढ़ बिजली संकट: 36 घंटे बाद शहर में बहाल हुई बिजली, कर्मचारियों और प्रशासन के बीच इस बात पर बनी सहमति

क्या है पूरा मामला - बता दें कि बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ (Protest against privatization) 22 फरवरी को शहर के सभी बिजली कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. जिससे शहर की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी. पूरे 36 घंटे शहर में बिजली नहीं होने से (Chandigarh Power Crisis) उद्योग धंधों को काफी नुकसान पहुंचा और ट्रैफिक व्यवस्था भी चरमरा गई. बिगड़ते हालात को देखते हुए मंगलवार देर रात चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने शहर में एस्मा लागू कर दिया था.

डीसी के साथ बैठक में बनी बात- हड़ताल पर बैठे बिजली कर्मचारियों और डीसी विनय प्रताप सिंह के साथ हुई बैठक में हड़ताल वापस लेने पर सहमति बनी. बैठक के बाद चंडीगढ़ बिजली कर्मचारी संघ (Chandigarh Electricity Union) के नेता सुभाष लांबा ने बिजली यूनियन और प्रशासन के बीच सहमति बनने की जानकारी दी कि कर्मचारी काम पर वापस लौट जाएंगे.


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चंडीगढ़: बिजली कर्मियों की हड़ताल की वजह से चंडीगढ़ में करीब 41 घंटे तक बिजली गुल (CHANDIGARH ELECTRICITY UNION)रही. बिजली ना होने से शहर पूरी रात अंधेरे में डूबा रहा. वहीं पीने के पानी की सप्लाई और ट्रैफिक व्यवस्था भी बुरी तरह से चरमरा गई. कहीं ना कहीं बिजली कर्मचारियों की इस हड़ताल की वजह से शहर को काफी नुकसान पहुंचा है. इतना सबकुछ हो जाने के बाद अब प्रशासन ने व्यवस्था को बिगाड़ने वाले बिजली कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर चुका है. माना जा रहा है कि हड़ताल करने वाले बहुत से बिजली कर्मियों की नौकरी जाने वाली है.

अब ऐसे आउटसोर्स पर लगे कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें बर्खास्त किया जाएगा, जबकि रेगुलर कर्मचारियों पर अनुशासनहीनता और एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने 150 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर ली है. इनको कभी भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. डिपार्टमेंट में 400 आउटसोर्स कर्मचारी हैं. सबसे पहले इन्हीं पर एक्शन हो रहा है.

मामले की पूरी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. स्वतंत्र एक्सपर्ट को इस कमेटी में शामिल किया जाएगा. हड़ताल के दौरान किस तरह का नुकसान इलेक्ट्रिकल सिस्टम को हुआ. कौन- कौन इसमें शामिल थे, कहां- कहां तारें तोड़ी गई या बाकी नुकसान किया गया. इसको लेकर ये कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी. कमेटी अपनी यह रिपोर्ट 15 दिनों में प्रशासन को सौंपेंगी. इसके लिए प्रशासक ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वे इन्वेस्टिगेशन तेज करें. जैसे ही इन कर्मियों की पहचान होती है वे अपनी रिपोर्ट सौंपे.

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क्या है पूरा मामला - बता दें कि बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ (Protest against privatization) 22 फरवरी को शहर के सभी बिजली कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. जिससे शहर की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी. पूरे 36 घंटे शहर में बिजली नहीं होने से (Chandigarh Power Crisis) उद्योग धंधों को काफी नुकसान पहुंचा और ट्रैफिक व्यवस्था भी चरमरा गई. बिगड़ते हालात को देखते हुए मंगलवार देर रात चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने शहर में एस्मा लागू कर दिया था.

डीसी के साथ बैठक में बनी बात- हड़ताल पर बैठे बिजली कर्मचारियों और डीसी विनय प्रताप सिंह के साथ हुई बैठक में हड़ताल वापस लेने पर सहमति बनी. बैठक के बाद चंडीगढ़ बिजली कर्मचारी संघ (Chandigarh Electricity Union) के नेता सुभाष लांबा ने बिजली यूनियन और प्रशासन के बीच सहमति बनने की जानकारी दी कि कर्मचारी काम पर वापस लौट जाएंगे.


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