चंडीगढ़: आदमपुर विधानसभा (Adampur Assembly by Election) हल्का हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल का गढ़ रहा है. 1968 से लेकर 2005 तक इस सीट पर भजनलाल विधायक रहे. एक बार 1987 में उनकी पत्नी जसमा देवी बिश्नोई इस सीट से विधायक बनीं. साल 2009 में कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई जीती थीं. उसके बाद साल 2014 और 2019 में कुलदीप बिश्नोई यहां से विधायक चुने गये. कुलदीप के बाद इस विधानसभा सीट पर भजनलाल की तीसरी पीढ़ी के भव्य बिश्नोई बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में है.
आदमपुर विधानसभा उपचुनाव बीजेपी से ज्यादा कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) और भव्य बिश्नोई के लिए चुनौती है. हालांकि कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो ऐसे में बीजेपी के लिए भी यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया गया है. क्योंकि इससे पहले साल 2019 के बाद राज्य में 2 सीटों पर उपचुनाव हुए थे. जिनमें बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. ऐलनाबाद और बरोदा उपचुनाव बीजेपी नहीं जीत सकी. ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत बीजेपी के सभी दिग्गज भव्य बिश्नोई के प्रचार के लिए आदमपुर पहुंचे थे.
ऐसे में इस उपचुनाव में जहां भव्य बिश्नोई पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की विरासत का जलवा इस सीट पर बरकरार रखना चाहेंगे, तो वहीं बीजेपी के लिए भी यह चुनाव प्रतिष्ठा से कम नहीं है. भव्य बिश्नोई इस विधानसभा सीट पर चुनाव जीतते हैं तो बीजेपी की विधानसभा में 1 सीट बढ़ जाएगी और उसका आंकड़ा 41 पर पहुंच जाएगा. इसके साथ ही बीजेपी हिसार जिले में अपनी पकड़ को और मजबूत कर लेगी.
इस उपचुनाव में एक बात और खास देखने को मिली है. प्रदेश में बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल जननायक जनता पार्टी भी प्रचार के लिए मैदान में उतरी. खुद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने भव्य बिश्नोई के लिए लोगों से वोट मांगे. यह बात इसलिए भी खास है, क्योंकि कभी पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल अलग-अलग दलों में रहकर एक दूसरे को चुनौती देते रहे हैं. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला भव्य के लिए वोट मांगने आदमपुर पहुंचे जो कि सियासत के उन समीकरणों को भी बताता है जो वक्त के साथ बदलते रहते हैं. यही नहीं हिसार लोकसभा उपचुनाव 2011 में और भिवानी लोकसभा चुनाव 2004 में कुलदीप बिश्नोई दुष्यंत के पिता अजय चौटाला को हरा चुके हैं.
आदमपुर में कांग्रेस के टिकट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश (Congress candidate Jayaprakash) मैदान में हैं. कांग्रेस के आदमपुर में किए गए प्रचार को देखें तो इस सीट पर सीधी प्रतिष्ठा नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की दांव पर लगी हुई है. खुद भूपेंद्र सिंह हुड्डा हों या फिर उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा, पार्टी के नये प्रदेश अध्यक्ष उदय भान, इन सभी ने जमकर प्रचार में पसीना बहाया है. ऐसे में हुड्डा परिवार के लिए यह चुनाव खुद साख का सवाल बन गया है. ये सीट जीतकर हुड्डा अपना कद आलाकमान की नजर में बढ़ाना चाहेंगे.
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इस विधानसभा सीट के उपचुनाव ने कांग्रेस पार्टी के अंदर के मनमुटाव को भी जगजाहिर कर दिया है. इस उपचुनाव में ना तो कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा प्रचार के लिए पहुंची, और ना ही हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला प्रचार में शामिल हुए. कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक किरण चौधरी ने भी चुनाव से दूरी बना रखी है. यानी कहीं ना कहीं इस उपचुनाव का सारा प्रचार हुड्डा परिवार के आसपास ही रहा. शायद इसी वजह से विरोधी इसे पिता और पुत्र का चुनाव कहकर तंज कस रहे हैं.
इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) यानि इनेलो के लिए भी ये चुनाव संजीवनी की तरह है. इनोलो ने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर आये कुरड़ा राम को उम्मीदवार बनाया हुआ है. अभय चौटाला अभी अपनी पार्टी के अकेले विधायक हैं. प्रदेश में मात्र एक विधायक वाली इनेलो आदमपुर जीतकर अपने दो विधायक करना चाहेगी. हलांकि इनेलो की जीत की संभावना बेहद कम है.
हरियाणा में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी भी खुद के लिए इस चुनाव को अवसर के तौर पर देख रही है. आम आदमी पार्टी ने बीजेपी से किनारा करने वाले सत्येंद्र सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. आम आदमी पार्टी हरियाणा में खुद को मजबूत करने के लिए किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ रही है. यह बात इस चीज से साबित हो जाती है कि इस सीट पर प्रचार करने के लिए पंजाब के सीएम भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल भी आ चुके हैं. इसके अलावा दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी आदमपुर में प्रचार कर चुके हैं.
आदमपुर विधानसभा का उपचुनाव कुलदीप बिश्नोई ने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर जीता था. उनके इस्तीफा देने के बाद खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. कुलदीप बिश्नोई ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को वोट ना देकर आजाद उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा का समर्थन किया था. जिसके बाद कांग्रेस ने सभी पदों से हटा दिया. नाराज कुलदीप ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली. आदमपुर से इस बार कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.
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