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शराब घोटाले को लेकर विधानसभा में सरकार पर भड़के अभय चौटाला - अभय चौटाला बयान शराब घोटाला मानसून सत्र

विधानसभा सत्र की कार्यवाही के दौरान इनेलो विधायक अभय चौटाला लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले को लेकर सरकार पर भड़क उठे.

abhay chautala on liquor scam in haryana assembly
abhay chautala on liquor scam in haryana assembly
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Published : Nov 6, 2020, 12:31 PM IST

Updated : Nov 6, 2020, 12:49 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे और आखिरी दिन की कार्यवाही के दौरान जहरीली शराब से मौत और लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले को लेकर इनेलो विधायक अभय चौटाला सरकार पर भड़क गए. अभय चौटाला ने कहा कि शराब घोटाले में सरकार की कमजोरी सामने आई है. पूरा सदन शराब घोटाले की सीबीआई से जांच चाहता है. इस पर कांग्रेस ने मेज बजाकर अभय सिंह चौटाला का समर्थन किया.

सदन में लॉकडाउन के दौरान हुए अवैध शराब घोटाले पर आए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई. इस मुद्दे पर अभय चौटाला के दिए प्रस्ताव के साथ कांग्रेस विधायकों के प्रस्ताव को भी जोड़ा गया है. चर्चा के दौरान अभय चौटाला ने कहा कि शराब घोटाले की जांच एसआईटी से ना करवाकर एसईटी से करवाई गई थी.

वहीं सदन में गृहमंत्री अनिल विज ने शराब घोटाले की जांच को लेकर जानकारी दी. विज ने कहा मामले के तमाम तथ्यों की जांच हुई है और सरकार को जो रिपोर्ट मिली उसके आधार पर कार्रवाई की गई है. तत्कालीन सोनीपत की एसपी प्रतीक्षा गोदारा और आबकारी आयुक्त शेखर विद्यार्थी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. जो भी लोग दोषी मिलेंगे कार्रवाई होगी.

ये भी पढ़ें- जहरीली शराब से मौत के मुद्दे पर हरियाणा विधानसभा में हुआ हंगामा

वहीं गृहमंत्री अनिल विज के जवाब से इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने असंतुष्टि जताई. उन्होंने कहा कि विभाग ने सदन में जो जवाब पढ़ा गया है उसकी जानकारी दो पहले मिल चुकी है. ये घोटाला लॉकडाउन के दौरान हुआ था. इस दौरान एक गांव से दूसरे गांव में जाने पर भी अनुमति लेनी पड़ती थी. सभी सीमाएं सील थी, वाहनों को अनुमति नहीं थी. लॉकडाउन के दौरान सड़क पर सिर्फ पुलिस ही मौजूद होती थी. ऐसे में ये घोटाला होना सरकार पर सवाल खड़ा करता है.

चौटाला ने आगे कहा कि सरकार ने गृहमंत्री की एसआईटी को खारिज कर अपनी टीम का गठन कर दिया. जांच रिपोर्ट के बाद विजिलेंस को एफआईआर दर्ज करने की गृहमंत्री ने सिफारिश की, लेकिन विजिलेंस ने बिना एफआईआर दर्ज किये जांच शुरू कर दी.

उन्होंने कहा कि शराब माफिया बिना सरकार की सुरक्षा के इतना बड़ा का घपला नहीं कर सकता. इस पूरे घोटाले में सरकार का कोई आदमी मिला हुआ था. अभय चौटाला ने कहा कि विज इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाना चाहते थे, लेकिन सरकार में उनकी नहीं चली. मुख्यमंत्री जी ने कमजोरी दिखाते हुए एसआईटी गठित कर दी, जबकि वो अक्सर हिम्मत के काम करते रहते हैं. मुख्यमंत्री को जनता के बीच संदेश देना चाहिए कि उन्होंने शराब घोटाले में भ्रष्टाचार के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया.

ये भी पढ़ें- सरकार और प्रशासन के नाक के नीचे बिकती रही जहरीली शराब, 28 की हो चुकी है मौत

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे और आखिरी दिन की कार्यवाही के दौरान जहरीली शराब से मौत और लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले को लेकर इनेलो विधायक अभय चौटाला सरकार पर भड़क गए. अभय चौटाला ने कहा कि शराब घोटाले में सरकार की कमजोरी सामने आई है. पूरा सदन शराब घोटाले की सीबीआई से जांच चाहता है. इस पर कांग्रेस ने मेज बजाकर अभय सिंह चौटाला का समर्थन किया.

सदन में लॉकडाउन के दौरान हुए अवैध शराब घोटाले पर आए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई. इस मुद्दे पर अभय चौटाला के दिए प्रस्ताव के साथ कांग्रेस विधायकों के प्रस्ताव को भी जोड़ा गया है. चर्चा के दौरान अभय चौटाला ने कहा कि शराब घोटाले की जांच एसआईटी से ना करवाकर एसईटी से करवाई गई थी.

वहीं सदन में गृहमंत्री अनिल विज ने शराब घोटाले की जांच को लेकर जानकारी दी. विज ने कहा मामले के तमाम तथ्यों की जांच हुई है और सरकार को जो रिपोर्ट मिली उसके आधार पर कार्रवाई की गई है. तत्कालीन सोनीपत की एसपी प्रतीक्षा गोदारा और आबकारी आयुक्त शेखर विद्यार्थी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. जो भी लोग दोषी मिलेंगे कार्रवाई होगी.

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वहीं गृहमंत्री अनिल विज के जवाब से इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने असंतुष्टि जताई. उन्होंने कहा कि विभाग ने सदन में जो जवाब पढ़ा गया है उसकी जानकारी दो पहले मिल चुकी है. ये घोटाला लॉकडाउन के दौरान हुआ था. इस दौरान एक गांव से दूसरे गांव में जाने पर भी अनुमति लेनी पड़ती थी. सभी सीमाएं सील थी, वाहनों को अनुमति नहीं थी. लॉकडाउन के दौरान सड़क पर सिर्फ पुलिस ही मौजूद होती थी. ऐसे में ये घोटाला होना सरकार पर सवाल खड़ा करता है.

चौटाला ने आगे कहा कि सरकार ने गृहमंत्री की एसआईटी को खारिज कर अपनी टीम का गठन कर दिया. जांच रिपोर्ट के बाद विजिलेंस को एफआईआर दर्ज करने की गृहमंत्री ने सिफारिश की, लेकिन विजिलेंस ने बिना एफआईआर दर्ज किये जांच शुरू कर दी.

उन्होंने कहा कि शराब माफिया बिना सरकार की सुरक्षा के इतना बड़ा का घपला नहीं कर सकता. इस पूरे घोटाले में सरकार का कोई आदमी मिला हुआ था. अभय चौटाला ने कहा कि विज इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाना चाहते थे, लेकिन सरकार में उनकी नहीं चली. मुख्यमंत्री जी ने कमजोरी दिखाते हुए एसआईटी गठित कर दी, जबकि वो अक्सर हिम्मत के काम करते रहते हैं. मुख्यमंत्री को जनता के बीच संदेश देना चाहिए कि उन्होंने शराब घोटाले में भ्रष्टाचार के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया.

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Last Updated : Nov 6, 2020, 12:49 PM IST
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