चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में कृषि भूमि की मिट्टी जांच (agricultural land examination) का काम प्राथमिकता के आधार पर करते हुए इस साल 25 लाख एकड़ भूमि की मिट्टी जांच करने के निर्देश दिए हैं, ताकि हर खेत स्वस्थ खेत रहे.
ये निर्देश सीएम ने अधिकारियों को सॉयल हेल्थ कार्ड योजना (soil health card scheme) की समीक्षा बैठक के दौरान दिए हैं. समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमें प्रदेश की प्रत्येक एकड़ कृषि भूमि की जांच कर सॉयल हेल्थ कार्ड बनाने हैं, ताकि किसान अनावश्यक फर्टिलाइजर के इस्तेमाल से बचें और जमीन में जिसकी आवश्यकता हो वहीं पोषक तत्व डालें. इससे न सिर्फ जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी बल्कि ये किसानों के लिए भी लाभदायक होगा.
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मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों को वर्ष भर का कैलेंडर बनाने के भी निर्देश दिए. जिसमें मिट्टी जांच, किसान सभा और प्रदर्शनी आदि के माध्यम से किसानों को जागरूक करने की तिथियां निर्धारित हों. उन्होंने कहा कि कार्ड केवल संख्या दिखाने के लिए नहीं बनाने हैं बल्कि वो किसानों के लिए उपयोगी साबित हों, इस मानसिकता के साथ काम करना है.
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3 साल में 75 लाख एकड़ कृषि भूमि की जांच
मुख्यमंत्री ने इस व्यापक योजना में प्रदेश की 75 लाख एकड़ कृषि भूमि की मिट्टी जांच का कार्य तीन साल में पूरा करने के निर्देश दिए. बैठक के दौरान उन्होंने इस जांच के लिए बनाए जाने वाली प्रयोगशालाओं एवं उनके आवश्यक उपकरणों के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली. साथ ही इन प्रयोगशालाओं के निर्माण के लिए होने वाले खर्च के बारे में भी विस्तार से जाना. ये जांच हर एकड़ की हर तीन साल में करने की योजना पर भी विस्तृत मंथन हुआ.
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सॉयल हेल्थ कार्ड में होंगी कई जानकारियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि सॉयल हेल्थ कार्ड में खेत की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों संबंधी जानकारी विस्तार से अंकित होगी. इसमें सॉइल फर्टिलिटी, नाइट्रोजन, ऑर्गेनिक कार्बन, जिंक और फास्फोरस आदि की मात्रा के संबंध में जानकारी शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि कार्ड बनाने के बाद इसका उपयोग कैसे करना है इसके लिए किसानों को जागरूक करने की योजना बनाएं.