चंडीगढ़/गाज़ियाबाद: एक तरफ देश में महिलाओं के सम्मान में महिला दिवस मनाया जा रहा है, तो वहीं गाजियाबाद से शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. शर्मनाक बात ये है कि लोग आज भी बेटा और बेटी में फर्क समझते हैं और इसलिए भ्रूण परीक्षण करवाते हैं. ये सब दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी इलाके में हो रहा था. पुलिस पता लगाने में जुटी है कि अब तक कितने लोगों ने यहां भ्रूण जांच करवाकर पता लगाया था कि उनके घर में आने वाला नवजात लड़का है या लड़की.
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हरियाणा से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम
लोनी इलाके में हरियाणा से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापेमारी की है. इस अल्ट्रासाउंड सेंटर में अवैध रूप से इस बात की जांच की जा रही थी कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जाल बिछाया और यहां से संबंधित अल्ट्रासाउंड मशीनों को जप्त कर लिया है. मामले में दो आरोपी हिरासत में लिए गए हैं. हैरत की बात ये है कि जो व्यक्ति यहां अल्ट्रासाउंड कर रहा था,उसे मेडिकल फील्ड की नॉलेज तक नहीं है.
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बेटा-बेटी में फर्क क्यों
एक तरफ हम महिला दिवस पर इस बात को गर्व से कह रहे हैं कि आज हमारी बेटियां, बेटों से आगे हैं, लेकिन आज भी शर्मनाक बात ये है कि कुछ लोग बेटा और बेटियों में फर्क समझते हैं और बेटी को जन्म देने से पहले ही उसे कोख में मारने से परहेज नहीं करते. इस बात का पता लगाया जा रहा है कि अब तक कितने लोगों ने यहां पर भ्रूण परीक्षण करवाया था, क्योंकि अगर लोग इस तरह के परीक्षण करवाना बंद कर दें,तो ऐसे अल्ट्रासाउंड सेंटर ना चल पाएं. ज़ाहिर है असली गुनहगार वे लोग भी हैं.