चंडीगढ़ः प्रदेश सरकार 1026 स्कूलों को बंद करनेकी तैयारी में है. इस का मुख्य कारण सरकारी स्कूलों में बच्चे की संख्या का लगातार कम होना बताया गया है. अगले सत्र से इन प्राइमरी स्कूलों को बंद करने की तैयारी कर ली गई है, शिक्षा विभाग की ओर से इसे लेकर सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी गई है.
स्कूलों में 25 से कम है छात्रों की संख्या
इस विषय में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि जिस स्कूल में 25 से कम विद्यार्थी हैं उन स्कूलों को बंद किया जाएगा, क्योंकि ऐसे स्कूलों का कोई औचित्य नहीं जिसमें इतनी कम संख्या में विद्यार्थी हो. उन्होंने बताया कि कई ऐसे स्कूल हैं, जिनमें 5 से भी कम संख्या के विद्यार्थी हैं, इन स्कूलों के बच्चों को साथ लगते गांव या कस्बों के स्कूलों के साथ अटैच किया जाएगा, जिससे उनकी शिक्षा में किसी तरह की कोई समस्या उत्पन्न ना हो.
महेंद्रगढ़ जिले में बंद होंगे सबसे ज्यादा स्कूल
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के 22 जिलो में 1026 स्कूल बंद होंगे.सबसे ज्यादा 122 स्कूल प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के गृह जिले महेंद्रगढ़ में बंद करने की तैयारी है. वहीं सबसे कम 2 स्कूल नूंह जिले में बंद किए जाएंगे.
जिला | बंद होने वाले स्कूलों की संख्या |
महेंद्रगढ़ | 122 |
रेवाड़ी | 110 |
यमुनानगर | 104 |
कुरुक्षेत्र | 96 |
भिवानी | 72 |
अंबाला | 57 |
पंचकूला | 57 |
चरखी दादरी | 56 |
सिरसा | 50 |
झज्जर | 48 |
गुरुग्राम | 41 |
फतेहाबाद | 38 |
हिसार | 38 |
करनाल | 31 |
कैथल | 30 |
सोनीपत | 26 |
जींद | 12 |
पलवल | 12 |
पानीपत | 9 |
फरीदाबाद | 8 |
रोहतक | 7 |
नूंह | 2 |
इन स्कूलों 79 स्कूल ऐसे हैं जिनमें बच्चों की संख्या 5 या उससे कम हैं.
जिला | स्कूलों की संख्या |
भिवानी | 9 |
चरखी दादरी | 7 |
फरीदाबाद, जींद, पलवल, पंचकूला | 1-1 |
गुरुग्राम, हिसार, सोनीपत, झज्जर, कैथल | 3-3 |
करनाल | 4 |
कुरुक्षेत्र | 10 |
महेंद्रगढ़ | 16 |
रेवाड़ी | 6 |
सिरसा, यमुनानगर | 4 - 4 |
धरे रह गए सरकार के दावे !
मौजूदा शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर कह रहे हैं कि स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है. ऐसे में ऐसे स्कूलों को चलाने का कोई औचित्य नहीं है.लेकिन शायद वो अपनी ही सरकार के पहले कार्यकाल के दावों को भूल गए हैं. जिसमें पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा कहते थे कि वो सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऐसा बना देंगे कि अभिभावक प्राइवेट स्कूलों से बच्चों को निकालकर उन्हें सरकारी स्कूलों में भेजेंगे. लेकिन मौजूदा शिक्षा मंत्री के बातों से लगता है कि सरकार के दावें बस दावें ही रह गए.
वहीं इस मामले में अब प्रदेश के जेबीटी टीचर सामने आए हैं और उन्होंने सरकार से कहा है कि वो अभिभावकों को जागरुक करेंगे ताकि वो अपने बच्चों को इन सरकारी स्कूलों में भेजे और स्कूलों को बंद होने से बचाया जा सके.
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