चंडीगढ़ः जब भी कोई चुनाव होता है हम सुनते हैं कि कुछ संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ बनाये गये हैं. इस बार क्रिटकल कैटेगरी इसमें जोड़ी गई है. इस बार हरियाणा में कुल 19,441 मतदान केंद्र बनाये गये हैं. जिनमें से 2463 संवेदनशील बूथ हैं. 2734 बूथों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है और 247 बूथों को क्रिटिकल श्रेणी में रखा गया है.
बूथों की कैटेगरी कैसे तय होती है ?
किस बूथ को किस कैटेगरी में रखा जाना है इसके लिए देखा जाता है कि उस बूथ की हिस्ट्री क्या रही है. जहां झगड़े की पुरानी हिस्ट्री रही होती है वहां विशेष नजर रखी जाती है. रिस्क या सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर ही श्रेणियां बनाई जाती हैं. इसके लिए पुलिस और इंटेलिजेंस की रिपोर्ट को भी आधार बनाया जाता है.
हर पैमाने पर परखता है पुलिस विभाग
दरअसल संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों के साथ क्रिटिकल बूथों की जो श्रेणी बनाई गई है वो पुलिस विभाग की तरफ से काफी लंबी एक्सरसाइज के बाद फाइनल की गई है. इसके लिए विभाग इंटेलिजेंस की रिपोर्ट की भी मदद लेता है.
ऐसी रहती है सुरक्षा व्यवस्था
अमूमन एक बूथ पर 1 पुलिसकर्मी और एक होमगार्ड के जवान को तैनात किया जाता है. लेकिन संवेदनशील, अति संवेदनशील और क्रिटिकल बूथों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं. नॉर्मल बूथों के मुकाबले इन बूथों पर माइक्रो ऑब्जर्व से लेकर वीडियोग्राफी तक की व्यवस्था पर रहती है ताकि चुनाव प्रक्रिया को किसी भी तरह से बाधित न किया जा सके.
हरियाणा में लोकसभा सीटों की भी तीन कैटेगरी हैं
जिस तरीके से बूथों को कई श्रेणियों में बांटा जाता है. उसी तरीके से हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों को भी अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है. हरियाणा में लोकसभा क्षेत्रों की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं. 2 लोकसभा सीटों को नॉर्मल कैटेगरी में रखा गया है. 6 लोकसभा क्षेत्रों को सेंसटिव श्रेणी में रख गया है और 2 सीटों को हाइपर सेंसटिव बताया गया है.