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जानिये कैसे निर्धारित होते हैं संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ

अमूमन एक बूथ पर 1 पुलिसकर्मी और एक होमगार्ड के जवान को तैनात किया जाता है. लेकिन संवेदनशील, अति संवेदनशील और क्रिटिकल बूथों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं.

बूथ प्रक्रिया
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Published : May 11, 2019, 3:36 PM IST

Updated : May 11, 2019, 7:27 PM IST

चंडीगढ़ः जब भी कोई चुनाव होता है हम सुनते हैं कि कुछ संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ बनाये गये हैं. इस बार क्रिटकल कैटेगरी इसमें जोड़ी गई है. इस बार हरियाणा में कुल 19,441 मतदान केंद्र बनाये गये हैं. जिनमें से 2463 संवेदनशील बूथ हैं. 2734 बूथों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है और 247 बूथों को क्रिटिकल श्रेणी में रखा गया है.

बूथों की कैटेगरी कैसे तय होती है ?
किस बूथ को किस कैटेगरी में रखा जाना है इसके लिए देखा जाता है कि उस बूथ की हिस्ट्री क्या रही है. जहां झगड़े की पुरानी हिस्ट्री रही होती है वहां विशेष नजर रखी जाती है. रिस्क या सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर ही श्रेणियां बनाई जाती हैं. इसके लिए पुलिस और इंटेलिजेंस की रिपोर्ट को भी आधार बनाया जाता है.

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हर पैमाने पर परखता है पुलिस विभाग
दरअसल संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों के साथ क्रिटिकल बूथों की जो श्रेणी बनाई गई है वो पुलिस विभाग की तरफ से काफी लंबी एक्सरसाइज के बाद फाइनल की गई है. इसके लिए विभाग इंटेलिजेंस की रिपोर्ट की भी मदद लेता है.

ऐसी रहती है सुरक्षा व्यवस्था
अमूमन एक बूथ पर 1 पुलिसकर्मी और एक होमगार्ड के जवान को तैनात किया जाता है. लेकिन संवेदनशील, अति संवेदनशील और क्रिटिकल बूथों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं. नॉर्मल बूथों के मुकाबले इन बूथों पर माइक्रो ऑब्जर्व से लेकर वीडियोग्राफी तक की व्यवस्था पर रहती है ताकि चुनाव प्रक्रिया को किसी भी तरह से बाधित न किया जा सके.

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हरियाणा में लोकसभा सीटों की भी तीन कैटेगरी हैं
जिस तरीके से बूथों को कई श्रेणियों में बांटा जाता है. उसी तरीके से हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों को भी अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है. हरियाणा में लोकसभा क्षेत्रों की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं. 2 लोकसभा सीटों को नॉर्मल कैटेगरी में रखा गया है. 6 लोकसभा क्षेत्रों को सेंसटिव श्रेणी में रख गया है और 2 सीटों को हाइपर सेंसटिव बताया गया है.

चंडीगढ़ः जब भी कोई चुनाव होता है हम सुनते हैं कि कुछ संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ बनाये गये हैं. इस बार क्रिटकल कैटेगरी इसमें जोड़ी गई है. इस बार हरियाणा में कुल 19,441 मतदान केंद्र बनाये गये हैं. जिनमें से 2463 संवेदनशील बूथ हैं. 2734 बूथों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है और 247 बूथों को क्रिटिकल श्रेणी में रखा गया है.

बूथों की कैटेगरी कैसे तय होती है ?
किस बूथ को किस कैटेगरी में रखा जाना है इसके लिए देखा जाता है कि उस बूथ की हिस्ट्री क्या रही है. जहां झगड़े की पुरानी हिस्ट्री रही होती है वहां विशेष नजर रखी जाती है. रिस्क या सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर ही श्रेणियां बनाई जाती हैं. इसके लिए पुलिस और इंटेलिजेंस की रिपोर्ट को भी आधार बनाया जाता है.

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हर पैमाने पर परखता है पुलिस विभाग
दरअसल संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों के साथ क्रिटिकल बूथों की जो श्रेणी बनाई गई है वो पुलिस विभाग की तरफ से काफी लंबी एक्सरसाइज के बाद फाइनल की गई है. इसके लिए विभाग इंटेलिजेंस की रिपोर्ट की भी मदद लेता है.

ऐसी रहती है सुरक्षा व्यवस्था
अमूमन एक बूथ पर 1 पुलिसकर्मी और एक होमगार्ड के जवान को तैनात किया जाता है. लेकिन संवेदनशील, अति संवेदनशील और क्रिटिकल बूथों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं. नॉर्मल बूथों के मुकाबले इन बूथों पर माइक्रो ऑब्जर्व से लेकर वीडियोग्राफी तक की व्यवस्था पर रहती है ताकि चुनाव प्रक्रिया को किसी भी तरह से बाधित न किया जा सके.

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हरियाणा में लोकसभा सीटों की भी तीन कैटेगरी हैं
जिस तरीके से बूथों को कई श्रेणियों में बांटा जाता है. उसी तरीके से हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों को भी अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है. हरियाणा में लोकसभा क्षेत्रों की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं. 2 लोकसभा सीटों को नॉर्मल कैटेगरी में रखा गया है. 6 लोकसभा क्षेत्रों को सेंसटिव श्रेणी में रख गया है और 2 सीटों को हाइपर सेंसटिव बताया गया है.

Intro:हरियाण में लोकसभा चुनाव में हरियाणा के 10 लोकसभा सीटों के लिए 12 मई को मतदान होगा । प्रदेश में मतदान के लिए 19 हजार 433 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं । इनमें से 2463 बूथों को संवेदनशील बूथ , 2734 बूथों को अतिसंवेदनशील बूथ घोषित किया गया है जबकि 247 बूथों को क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में रखा गया है । दरअसल संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों के साथ क्रिटिकल बूथ की जो श्रेणी बनाई गई है वो पुलिस विभाग की तरफ से काफी लंबी एक्सरसाइज के बाद फाइनल की गई है । अमूमन एक बूथ पर 1 पुलिसकर्मियों और एक होमगार्ड के जवान को तैनात किया जाता है । मगर क्रिटिकल बूथों में उनमें सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते है । आम नॉर्मल बूथों के मुकाबले इस बूथ पर माइक्रो ऑब्जर्व से लेकर वीडियो ग्राफी की व्यवस्था इन बूथों पर रहती है ताकि चुनाव प्रकिया को किसी भी तरह से बाधित न किया जा सके । दरसअल इंटेलिजेंस के आधार पर देखा जाता है कि कहां पर कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है यह भी देखा जाता है कि वह जिस पर सुरक्षा व्यवस्था दी जानी है उसका इतिहास क्या रहा है । रिस्क परसेप्शन या सेक्युरिटी परसेप्शन के आधार पर श्रेणियां बनाई जाती है । इंटेलिजेंस विभाग के पास रहने वाली सूचना के आधार पर भी श्रेणियां तय की जाती है । इसके आधार पर ही फोर्स की तैनाती की जाती है । हरियाणा में बूथ ही नही लोक सभा क्षेत्रों को भी श्रेणियों के रख गया है जिसमे दो लोक सभा क्षेत्र 2 नॉर्मल है जबकि 6 सेंसटिव और 2 हाइपर सेन्स्टिव है ।


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प्रदेश में मतदान के लिए 19 हजार 433 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं । इनमें से 2463 बूथों को संवेदनशील बूथ , 2734 बूथों को अतिसंवेदनशील बूथ घोषित किया गया है जबकि 247 बूथों को क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में रखा गया है । दरसहल देखा जाता है कि बूथ की हिस्ट्री क्या रही है , जहां पर झगड़े की पुरानी हिस्ट्री रही है वहां पर विशेष नजर रहती है , या कोई नई डिवेलपमेंट होने पर भी सुरक्षा बढ़ा दी जाती है । पुलिस विभाग की तरफ से ये भी देखा जाता है कि क्या मुद्दे है जिसकी वजह से परेशानी बन सकती है । इसमें पुलिस और इंटेलिजेंस विभाग की जो रिपोर्ट रहती है उसके आधार पर भी संवेदनशील बूथ , अतिसंवेदनशील बूथ या क्रिटिकल बूथ की श्रेणियां बनाई जाती है । हरियाणा के ग्रह सचिव एसएस प्रसाद के अनुसार रिस्क परसेप्शन या सेक्युरिटी परसेप्शन के आधार पर श्रेणियां बनाई जाती है । ग्रह सचिव ने बताया कि इसके आधार पर ही सुरक्षा बलों की तैनाती की जाती है । उन्होंने बताया कि लोक सभा क्षेत्र 2 नॉर्मल , 2 हाइपर सेन्स्टिव और 6 सेंसटिव है ।
बाइट - एसएस प्रसाद , ग्रह सचिव हरियाणा
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वहीं हरियाणा के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ इंद्रजीत सिंह ने बताया कि एक नॉर्मल पोलिंग स्टेशन पर एक होम गार्ड व 1 पुलिस के जवान की तैनाती होती है मगर जो क्रिटिकल बूथ है उनमे सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ा दी जाती है । व्यवस्था बनाये रखने के लिए इन जगहों पर कई प्रकार की व्यवस्था की जाती है माइक्रो ऑब्जर्वर और वीडियो ग्राफी समेत कई तरह के प्रबंध किए जाते है ।
बाइट - डॉ इंदरजीत सिंह , संयुक्त मुख्यनिर्वाचन अधिकारी


Conclusion:फिलहाल प्रदेश में मतदान के लिए 19 हजार 433 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं । इनमें से 2463 बूथों को संवेदनशील बूथ , 2734 बूथों को अतिसंवेदनशील बूथ घोषित किया गया है जबकि 247 बूथों को क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में रखा गया है । चुनाव में मतदान के दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस बल के साथ साथ अर्ध सैनिक बलों की 95 कंमनिया सुरक्षा में तैनात की गई हैं । चुनाव को सफल व निष्पक्ष बनाने के लिए सवा लाख कर्मचारी व 67 हजार पुलिस के जवान हरियाणा में मोर्चा सम्भालेंगे ।
Last Updated : May 11, 2019, 7:27 PM IST
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