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आज पीएम पद की शपथ लेंगे मोदी, हरियाणा के इन चेहरों को मिलेगी मंत्रिमंडल में जगह! - बीजेपी

हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी मंत्रिमंडल में सांसदों की जगह बनेगी. मंत्री पद देते वक्त पूरा ध्यान रखा जाएगा कि लगभग हर बड़े समुदाय को प्रतिनिधित्व मिले.

कौन बनेगा मंत्री ?
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Published : May 27, 2019, 7:56 PM IST

Updated : May 30, 2019, 12:04 AM IST

चंडीगढ़ः हरियाणा से मिली ऐतिहासिक जीत पर हरियाणा से मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर तोहफा दिया जा सकता है. इस बार हरियाणा से 4 मंत्री मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं. लेकिन 10 सांसदों में से वो 4 नाम कौन होंगे जो केंद्र में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनकर काम करेंगे इसकी अटकलें अब तेज़ हो गई हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी 30 मई को शपथ लेंगे.

राव इंद्रजीत सिंह
मोदी मंत्रिमंडल में राव इंद्रजीत का नाम लगभग पक्का माना जा रहा है. वो पिछली बार केंद्र में रक्षा राज्यमंत्री थे. इस बार उनका विबाग बदला जा सकता है. राव इंद्रजीत सिंह अहीर बेल्ट के बड़े नेता हैं. दक्षिण हरियाणा पर उनका प्रभाव है. इस बार कैप्टन अजय यादव को बड़े अंतर से हराकर सांसद बने हैं.

बृजेंद्र सिंह
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं. हिसार से देवीलाल के परपौत्र दुष्यंत चौटाला को बड़े अंतर से हराकर लोकसभा पहुंचे हैं. इन्होंने पहला चुनाव जरूर लड़ा है लेकिन ये आईएएस रह चुके हैं जिसका फायदा इन्हें मिल सकता है और बीरेंद्र सिंह इस बार चुनाव नहीं लड़े हैं तो उनकी जगह हरियाणा से मोदी मंत्रिमंडल में जाट चेहरे के रूप में बृजेंद्र सिंह का नाम भी लगभग तय माना जा रहा है.

सुनीता दुग्गल
बीजेपी के 10 सांसदों में इकलौती महिला सांसद हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को हराकर संसद पहुंची हैं. दलित समुदाय से आती हैं. आईआरएस अधिकारी रह चुकी हैं. जो उनकी दावेदारी को मजबूत बनाता है.

संजय भाटिया
संजय भाटिया का नाम भले ही बहुत चर्चित न हो लेकिन उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है क्योंकि वो संगठन में सक्रिय भूमिका निभाते आये हैं. सीएम मनोहर लाल के करीबी माने जाते हैं. उनको टिकट दिलाने में भी सीएम की बड़ी भूमिका थी और हरियाणा में उन्होंने सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है.

अरविंद शर्मा
रोहतक में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हराने वाले अरविंद शर्मा को मंत्री पद की दौड़ में आगे माना जा रहा है. क्योंकि बीजेपी हर हाल में रोहतक सीट जीतकर हुड्डा का किला गिराना चाहती थी. जिसके लिए उसने कभी कांग्रेसी रहे अरविंद शर्मा को चुना और उन्होंने करीबी मुकाबले में दीपेंद्र हुड्डा को हरा दिया. दूसरी बीत जो उनके पक्ष में जाती है वो है उनका ब्राह्मण होना. अरविंद शर्मा बीएसपी छोड़कर बीजेपी में आये थे तो ब्राह्मण चेहरे के रूप में उनका नाम आगे आ सकता है.

नायब सैनी
नायब सैनी ने बीजेपी के बागी हुए सांसद राजकुमार सैनी की जगह चुनाव लड़ा और बड़ी जीत दर्ज की. जल्द ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं तो बीजेपी हर समुदाय को साधने की कोशिश करेगी और सैनी भी हरियाणा में अच्छी खासी संख्या में हैं. इसलिए नायब सैनी की दावेदारी भी मज़बूत मानी जा रही है.

कृष्णपाल गुर्जर की होगी छुट्टी ?
कृष्णपाल गुर्जर इस बार भी फरीदाबाद से चुनकर आये हैं पिछली बार वो मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा थे. लेकिन इस बार उनकी कुर्सी खतरे में है क्योंकि कहा ये जा रहा है कि उनके काम से केंद्रीय नेतृत्व खुश नहीं था और चुनाव प्रचार के दौरान हुए विरोध ने भी कृष्णपाल गुर्जर की मुश्किलें बढ़ाई हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि उनको इस बार शायद मंत्रिमंडल में जगह न मिले.

हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी मंत्रिमंडल में सांसदों की जगह बनेगी. मंत्री पद देते वक्त पूरा ध्यान रखा जाएगा कि लगभग हर बड़े समुदाय को प्रतिनिधित्व मिले.

चंडीगढ़ः हरियाणा से मिली ऐतिहासिक जीत पर हरियाणा से मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर तोहफा दिया जा सकता है. इस बार हरियाणा से 4 मंत्री मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं. लेकिन 10 सांसदों में से वो 4 नाम कौन होंगे जो केंद्र में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनकर काम करेंगे इसकी अटकलें अब तेज़ हो गई हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी 30 मई को शपथ लेंगे.

राव इंद्रजीत सिंह
मोदी मंत्रिमंडल में राव इंद्रजीत का नाम लगभग पक्का माना जा रहा है. वो पिछली बार केंद्र में रक्षा राज्यमंत्री थे. इस बार उनका विबाग बदला जा सकता है. राव इंद्रजीत सिंह अहीर बेल्ट के बड़े नेता हैं. दक्षिण हरियाणा पर उनका प्रभाव है. इस बार कैप्टन अजय यादव को बड़े अंतर से हराकर सांसद बने हैं.

बृजेंद्र सिंह
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं. हिसार से देवीलाल के परपौत्र दुष्यंत चौटाला को बड़े अंतर से हराकर लोकसभा पहुंचे हैं. इन्होंने पहला चुनाव जरूर लड़ा है लेकिन ये आईएएस रह चुके हैं जिसका फायदा इन्हें मिल सकता है और बीरेंद्र सिंह इस बार चुनाव नहीं लड़े हैं तो उनकी जगह हरियाणा से मोदी मंत्रिमंडल में जाट चेहरे के रूप में बृजेंद्र सिंह का नाम भी लगभग तय माना जा रहा है.

सुनीता दुग्गल
बीजेपी के 10 सांसदों में इकलौती महिला सांसद हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को हराकर संसद पहुंची हैं. दलित समुदाय से आती हैं. आईआरएस अधिकारी रह चुकी हैं. जो उनकी दावेदारी को मजबूत बनाता है.

संजय भाटिया
संजय भाटिया का नाम भले ही बहुत चर्चित न हो लेकिन उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है क्योंकि वो संगठन में सक्रिय भूमिका निभाते आये हैं. सीएम मनोहर लाल के करीबी माने जाते हैं. उनको टिकट दिलाने में भी सीएम की बड़ी भूमिका थी और हरियाणा में उन्होंने सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है.

अरविंद शर्मा
रोहतक में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हराने वाले अरविंद शर्मा को मंत्री पद की दौड़ में आगे माना जा रहा है. क्योंकि बीजेपी हर हाल में रोहतक सीट जीतकर हुड्डा का किला गिराना चाहती थी. जिसके लिए उसने कभी कांग्रेसी रहे अरविंद शर्मा को चुना और उन्होंने करीबी मुकाबले में दीपेंद्र हुड्डा को हरा दिया. दूसरी बीत जो उनके पक्ष में जाती है वो है उनका ब्राह्मण होना. अरविंद शर्मा बीएसपी छोड़कर बीजेपी में आये थे तो ब्राह्मण चेहरे के रूप में उनका नाम आगे आ सकता है.

नायब सैनी
नायब सैनी ने बीजेपी के बागी हुए सांसद राजकुमार सैनी की जगह चुनाव लड़ा और बड़ी जीत दर्ज की. जल्द ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं तो बीजेपी हर समुदाय को साधने की कोशिश करेगी और सैनी भी हरियाणा में अच्छी खासी संख्या में हैं. इसलिए नायब सैनी की दावेदारी भी मज़बूत मानी जा रही है.

कृष्णपाल गुर्जर की होगी छुट्टी ?
कृष्णपाल गुर्जर इस बार भी फरीदाबाद से चुनकर आये हैं पिछली बार वो मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा थे. लेकिन इस बार उनकी कुर्सी खतरे में है क्योंकि कहा ये जा रहा है कि उनके काम से केंद्रीय नेतृत्व खुश नहीं था और चुनाव प्रचार के दौरान हुए विरोध ने भी कृष्णपाल गुर्जर की मुश्किलें बढ़ाई हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि उनको इस बार शायद मंत्रिमंडल में जगह न मिले.

हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी मंत्रिमंडल में सांसदों की जगह बनेगी. मंत्री पद देते वक्त पूरा ध्यान रखा जाएगा कि लगभग हर बड़े समुदाय को प्रतिनिधित्व मिले.

Intro:पंजाब में नशे छुड़ाने वाली दवाई बुप्रेंनोरफिन मंहगी मिलने का मामलाBody:पंजाब में नशे छुड़ाने वाली दवाई बुप्रेंनोरफिन मंहगी मिलने का मामला

जनहित याचिका में बताया गया जब से हाईकोर्ट ने बुप्रेंनोरफिन मेडिसन को सरकारी मान्यता प्राप्त केंद्रों तक सीमित किया है तबसे दवाई कभी मिलती नहीं है तो कभी मंहगी मिलती है। तो इस कमी को पूरा किया जाए।

चीफ जस्टिस की कोर्ट ने निर्देश दिए कि पंजाब सरकार 3 महीने के अंदर सभी सरकारी मान्यता प्राप्त केंद्रों में दवाई की आपूर्ति करें।


दरअसल तरनतारन के एक संस्था ने हाई कोर्ट को बताया कि नशा छुड़ाने वाली दवाई लेने के लिए घंटो कतार में खड़ा होना पड़ता है और दवाई बहुत मंहगी मिल रही है इसलिए कोई हल निकाला जा सके क्योंकि लगातार बॉर्डर से सटे इलाकों में नशो के कारण लोगों की मौत हो रही है। जबकि नशा छुड़ाने वाली दवाई लेने के लिए काफी मशकत करनी पड़ती है

साईक्रेट्रीसट और फार्मासिसट कंपनी के वकील ने नशा छुड़ाने के लिए उन्हें भी दवाई देने की अनुमति देने की अपील की। उन्होंने बताया पंजाब में सिर्फ 60 डे एडिक्शन सेंटर हैं और नशा करने वालों की गिनती लाखों में है ऐसे में उन्हें भी अनुमति दी जाए। कोर्ट ने पंजाब सरकार को उचित फैसला लेने के निर्देश दिए।

दरअसल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछले महीने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए

नशा छुड़ाने वाली दवा बुप्रेंनोरफिन, सरकारी संस्थाओं के बिना खुले में बेचने पर रोक लगा दी थी । कोर्ट ने सिर्फ सरकारी मान्यता प्राप्त केंद्रों में दवाई देने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने कहा था की अगर ये इस तरह से बिकेगी फिर तो ठेके की तरह काम हो जायेगा ।


कोर्ट ने बुप्रेंनोरफिन मेडिसन से जुड़े मामले में स्टेटस रिपोर्ट तलब की हुई हैConclusion:
Last Updated : May 30, 2019, 12:04 AM IST
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