चंडीगढ़: हाल ही में नीति आयोग ने लिंगानुपात को लेकर एक रिपोर्ट जारी की जिसमें हरियाणा को देश में 12वें नंबर पर दिखाया गया और रिपोर्ट का बेस ईयर 2014 -16 दिखाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में लिंगानुपात में मामूली वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश में 2 साल में मात्र एक नंबर की वृद्धि हुई है. 2014 में लिंगानुपात 871 था जोकि 2016 तक मात्र 872 हुआ है.
जब इस मामले में महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रिपोर्ट का बेस ईयर गलत है क्योंकि हमारी सरकार में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान 22 जनवरी 2015 में शुरू किया गया था और उसके बाद इसमें बहुत सुधार हुआ है.
सरकारी आंकड़ों की मानें तो 2014 में हरियाणा में लिंगानुपात में 1000 लड़कों पर 871 लड़कियां दर्ज की गई थी. वहीं 2015 में 875, 2016 में 900, 2017 में 914, 2018 में 914 और 2019 अप्रैल तक यह आंकड़ा 924 का दर्ज किया गया है. इसी को आधार बनाकर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी इस रिपोर्ट के आंकड़ों पर संदेह जता रहे हैं.
नीति आयोग की रिपोर्ट में बेस ईयर के आधार पर हरियाणा में 1000 लड़कों पर कुल आंकडो में मात्र एक लड़की की वृद्धि दिखाई गई है, जिस पर सरकार के मंत्री भी सवाल खड़े करते हुए मौजूदा दौर के आंकड़ों को बेहतर बता रहे हैं. अब कौन गलत है और कौन सही है ये तो असल आंकड़े ही बता पाएंगे.