चंडीगढ़: इस बार लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग वीवीपैट मशीनें भी लगा रहा है. अगर मतदान के समय आपको शक हो कि आपने जिस प्रत्याशी को वोट डाला है और वीवीपैट में जो पर्ची आई, वह दूसरे प्रत्याशी की है तो आप उसी समय आपत्ति जता सकते हैं.
लेकिन खबर है कि अगर ये आपत्ति झूठी पाई गई तो आपको सजा भी हो सकती है. दावा झूठा निकलने की सूरत में मतदाता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. इसके तहत छह माह की सजा का प्रावधान है या फिर उस पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर सजा और जुर्माना दोनों एक साथ भी किए जा सकते हैं.
ये है प्रक्रिया
मतदान करते ही मतदाता को वीवीपैट मशीन में सात सेकेंड के लिए एक स्लिप दिखाई देगी, जिसमें वो देख सकेगा कि उसका वोट किसे गया है, अगर मतदाता को कोई आपत्ति होती है तो चुनाव अधिकारी एक सैंपल वोट डालने का अधिकार प्रदान करेंगे. इस दौरान मतदाता सैंपल वोट में जो बटन दबाएगा और वीवीपैट की स्लिप में भी वही प्रत्याशी दिखेगा तो मतदाता का दावा झूठा माना जाएगा और यदि जो बटन मतदाता ने दबाया और वीपीपैट की स्लिप में उसी प्रत्याशी का नाम नहीं आया तो मतदाता का दावा सच माना जाएगा.
दावा सच पाने पर रोका जाएगा चुनाव
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार यदि कोई मतदाता इस प्रकार वीवीपैट में दिखाई स्लिप पर ऑब्जेक्शन करता है और सैंपल मतदान के बाद उसका दावा सच पाया जाता है तो उस बूथ का मतदान तुरंत रोक दिया जाएगा. उस बूथ के मतदान को पूर्णत: रद्द कर बाद में कराया जाएगा.