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वीवीपैट पर फर्जी आपत्ति आपको पहुंचा सकती है जेल - चंडीगढ़

दावा झूठा निकलने की सूरत में मतदाता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. इसके तहत छह माह की सजा का प्रावधान है या फिर उस पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर सजा और जुर्माना दोनों एक साथ भी किए जा सकते हैं.

ईवीएम और वीवीपैट मशीन
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Published : Apr 27, 2019, 11:03 AM IST

Updated : Apr 27, 2019, 11:08 AM IST

चंडीगढ़: इस बार लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग वीवीपैट मशीनें भी लगा रहा है. अगर मतदान के समय आपको शक हो कि आपने जिस प्रत्याशी को वोट डाला है और वीवीपैट में जो पर्ची आई, वह दूसरे प्रत्याशी की है तो आप उसी समय आपत्ति जता सकते हैं.

लेकिन खबर है कि अगर ये आपत्ति झूठी पाई गई तो आपको सजा भी हो सकती है. दावा झूठा निकलने की सूरत में मतदाता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. इसके तहत छह माह की सजा का प्रावधान है या फिर उस पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर सजा और जुर्माना दोनों एक साथ भी किए जा सकते हैं.

ये है प्रक्रिया
मतदान करते ही मतदाता को वीवीपैट मशीन में सात सेकेंड के लिए एक स्लिप दिखाई देगी, जिसमें वो देख सकेगा कि उसका वोट किसे गया है, अगर मतदाता को कोई आपत्ति होती है तो चुनाव अधिकारी एक सैंपल वोट डालने का अधिकार प्रदान करेंगे. इस दौरान मतदाता सैंपल वोट में जो बटन दबाएगा और वीवीपैट की स्लिप में भी वही प्रत्याशी दिखेगा तो मतदाता का दावा झूठा माना जाएगा और यदि जो बटन मतदाता ने दबाया और वीपीपैट की स्लिप में उसी प्रत्याशी का नाम नहीं आया तो मतदाता का दावा सच माना जाएगा.

दावा सच पाने पर रोका जाएगा चुनाव
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार यदि कोई मतदाता इस प्रकार वीवीपैट में दिखाई स्लिप पर ऑब्जेक्शन करता है और सैंपल मतदान के बाद उसका दावा सच पाया जाता है तो उस बूथ का मतदान तुरंत रोक दिया जाएगा. उस बूथ के मतदान को पूर्णत: रद्द कर बाद में कराया जाएगा.

चंडीगढ़: इस बार लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग वीवीपैट मशीनें भी लगा रहा है. अगर मतदान के समय आपको शक हो कि आपने जिस प्रत्याशी को वोट डाला है और वीवीपैट में जो पर्ची आई, वह दूसरे प्रत्याशी की है तो आप उसी समय आपत्ति जता सकते हैं.

लेकिन खबर है कि अगर ये आपत्ति झूठी पाई गई तो आपको सजा भी हो सकती है. दावा झूठा निकलने की सूरत में मतदाता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. इसके तहत छह माह की सजा का प्रावधान है या फिर उस पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर सजा और जुर्माना दोनों एक साथ भी किए जा सकते हैं.

ये है प्रक्रिया
मतदान करते ही मतदाता को वीवीपैट मशीन में सात सेकेंड के लिए एक स्लिप दिखाई देगी, जिसमें वो देख सकेगा कि उसका वोट किसे गया है, अगर मतदाता को कोई आपत्ति होती है तो चुनाव अधिकारी एक सैंपल वोट डालने का अधिकार प्रदान करेंगे. इस दौरान मतदाता सैंपल वोट में जो बटन दबाएगा और वीवीपैट की स्लिप में भी वही प्रत्याशी दिखेगा तो मतदाता का दावा झूठा माना जाएगा और यदि जो बटन मतदाता ने दबाया और वीपीपैट की स्लिप में उसी प्रत्याशी का नाम नहीं आया तो मतदाता का दावा सच माना जाएगा.

दावा सच पाने पर रोका जाएगा चुनाव
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार यदि कोई मतदाता इस प्रकार वीवीपैट में दिखाई स्लिप पर ऑब्जेक्शन करता है और सैंपल मतदान के बाद उसका दावा सच पाया जाता है तो उस बूथ का मतदान तुरंत रोक दिया जाएगा. उस बूथ के मतदान को पूर्णत: रद्द कर बाद में कराया जाएगा.

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मतदान के समय यदि आपको शक हो कि आपने जिस प्रत्याशी को वोट डाला है और वीवीपैट में जो पर्ची आई, वह दूसरे प्रत्याशी की है तो आप उसी समय आपत्ति जता सकते हैं। आपको यह आपत्ति अच्छी तरह से सोच-समझकर उठानी होगी, क्योंकि दावा झूठा पाए जाने पर आपको सजा भी हो सकती है। इस बार लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग द्वारा वीवीपैट मशीनें भी लगाई जा रही हैं।अकसर चुनाव नतीजों के बाद हारने वाले प्रत्याशियों द्वारा ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए जाते हैं। इसी तरह के आरोपों से बचने और निष्पक्ष चुनाव कराने के उद्देश्य से चुनाव आयोग द्वारा इस बार वीवीपैट मशीनें भी लगाई जा रही हैं। इन मशीनों के जरिये आप डाले गए वोट की जांच कर सकेंगे।



मतदान करते ही मतदाता को वीवीपैट मशीन में सात सेकेंड के लिए एक स्लिप दिखाई देगी, जिसमें वह देख सकेगा कि उसका वोट उसी प्रत्याशी के खाते में गया है, जिसे उसने दिया है। वोट डालने के बाद यदि आपको लगे कि आपने जिसे वोट डाला और वीवीपैट ने जो दिखाया, वह दोनों मैच नहीं कर रहे हैं तो आप उसी समय मौजूद चुनाव अधिकारियों के सामने आपत्ति जता सकते हैं।



इसके बाद चुनाव अधिकारी एक सैंपल वोट डालने का अधिकार प्रदान करेंगे। इस दौरान मतदाता सैंपल वोट में जो बटन दबाएगा और वीवीपैट की स्लिप में भी वही प्रत्याशी दिखेगा तो मतदाता का दावा झूठा माना जाएगा और यदि जो बटन मतदाता ने दबाया और वीपीपैट की स्लिप में उसी प्रत्याशी का नाम नहीं आया तो मतदाता का दावा सच माना जाएगा।



दावा सच पाया तो उसी दौरान थम जाएगा चुनाव



चुनाव आयोग के निर्देशानुसार यदि कोई मतदाता इस प्रकार वीवीपैट में दिखाई स्लिप पर ऑब्जेक्शन करता है और सैंपल मतदान के बाद उसका दावा सच पाया जाता है तो उस बूथ का मतदान तुरंत रोक दिया जाएगा। उस बूथ के मतदान को पूर्णत: रद्द कर बाद में कराया जाएगा।



दावा झूठा तो सजा पक्की

यदि किसी मतदाता द्वारा किया गया दावा झूठा निकलता है तो उस मतदाता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसके तहत उसे छह माह की सजा का प्रावधान है या फिर उसे 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर सजा और जुर्माना दोनों एकसाथ भी किए जा सकते हैं। अत: मतदाताओं को सोच-समझकर फर्जी मतदान की शिकायत करनी चाहिए।



कोई भी मतदाता यदि फर्जी मतदान का दावा करेगा तो उसे सैंपलिंग वोट का अधिकार दिया जाएगा। दावा सच्चा या झूठा, इसका मौके पर ही चुनाव अधिकारी सैंपलिंग वोट के जरिये पता लगाएंगे और उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। दावा सच हुआ तो मतदान रोक दिया जाएगा और यदि झूठा होगा तो संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी।


Conclusion:
Last Updated : Apr 27, 2019, 11:08 AM IST
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