भिवानी: शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का जन्म दिवस प्रदेश के युवाओं ने बेरोजगारी दिवस के तौर पर मनाया. हरियाणा के युवाओं ने ट्विटर पर #Haryana_berozgari_divas नाम से कैंपेन चलाकर विरोध जताया. इस हैशटैग पर युवाओं ने करीब दो लाख ट्वीट किए. राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी इस कैंपेन में हिस्सा लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया.
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देश में सर्वाधिक 30% बेरोजगारी दर,
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) May 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
2 लाख सरकारी पद खाली, पेपर लीक - पेपर रद्य, दूसरे प्रदेशों के युवाओं की नियुक्तियाँ, भर्ती घोटाले,
गिरता निवेश, खेलों को हतौत्साहोत करना, बढ़ता अपराध, नशा और पलायन।
ये आज हमारे हरियाणा की हकीकत है।#Haryana_berozgari_divas #cet_qualify_kro
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— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) May 5, 2023
2 लाख सरकारी पद खाली, पेपर लीक - पेपर रद्य, दूसरे प्रदेशों के युवाओं की नियुक्तियाँ, भर्ती घोटाले,
गिरता निवेश, खेलों को हतौत्साहोत करना, बढ़ता अपराध, नशा और पलायन।
ये आज हमारे हरियाणा की हकीकत है।#Haryana_berozgari_divas #cet_qualify_kroदेश में सर्वाधिक 30% बेरोजगारी दर,
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) May 5, 2023
2 लाख सरकारी पद खाली, पेपर लीक - पेपर रद्य, दूसरे प्रदेशों के युवाओं की नियुक्तियाँ, भर्ती घोटाले,
गिरता निवेश, खेलों को हतौत्साहोत करना, बढ़ता अपराध, नशा और पलायन।
ये आज हमारे हरियाणा की हकीकत है।#Haryana_berozgari_divas #cet_qualify_kro
भिवानी के युवाओं ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सरकारी विभागों में नौकरियों के लिए सीईटी परीक्षा देना अनिवार्य किया था. जिसके तहत दो परीक्षाओं का आयोजन होना था. सीईटी की पहली परीक्षा का आयोजन 5 व 6 नवंबर-2022 को हुआ था. जिसके लिए अभ्यर्थियों ने कड़ी मेहनत की. साथ ही परीक्षा को पास किया. पास परीक्षार्थियों के प्रमाण पत्र पर क्वालीफाई भी दर्शाया गया था.
इतना ही नहीं सीईटी की परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए 50 प्रतिशत व आरक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत की शर्त लगाने के साथ-साथ अब टॉप के गुणा बच्चों को ही दूसरी परीक्षार्थियों का ही प्रवेश पत्र जारी किए जाने की बात कही गई है. सरकार के इस आदेशों के बाद सीईटी पास युवाओं मेे खासा रोष है. उन्हें अपने भविष्य की चिंता सता रही है. सरकार के इस फैसले के चलते 28 अप्रैल को सोनीपत में महा आंदोलन किए जाने का फैसला लिया था. प्रशासन द्वारा युवाओं को उस प्रदर्शन की भी इजाजत नहीं दी गई, जिससे गुस्साए युवाओं ने डिजिटल आंदोलन चलाया.
उन्होंने बताया कि डिजिटल आंदोलन के दौरान बेरोजगार युवाओं ने सीईटी क्वालीफाई नेचर किए जाने, सिलेबस व पैटर्न फिक्स किए जाने, नई पुलिस भर्ती में ऐज रिलेक्शेसन दिए जाने, एग्जाम कैलेंडर जारी किए जाने, एचकेआरएम को बंद कर स्थायी भर्ती दिए जाने की मांग की. इस दौरान बेरोजगार युवाओं ने कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए युवाओं की आवाज को दबाने का काम कर रही है. अगर सरकार ने सीईटी पर लगाई गई शर्ते नहीं हटाई तो तो मजबूरन युवाओं को सडक़ों पर उतर कर आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा.