भिवानी: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की जिला कमेटी ने राज्य और केंद्र सरकार से मांग की है कि टमाटर उगाने वाले किसानों को लागत पूरी करने के लिए सरकारें उचित मुआवजा प्रदान करे.
पार्टी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में जिला सचिव कॉमरेड ओमप्रकाश और सचिव मंडल सदस्य अनिल कुमार ने कहा कि कोरोना संकट के चलते किसान टमाटर और अन्य सब्जियों की आपूर्ति बाजार में नहीं कर सके और उनका सामान खेत में बर्बाद हो गया.
किसानों को मिला सीपीएम का समर्थन
तोशाम इलाके के खरखड़ी गांव के किसान पिछले चार-पांच दिन से टमाटर से हुए नुकसान की भरपाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. पार्टी नेताओं ने उनके धरने को पूर्ण समर्थन देते हुए कहा कि किसान के एक एकड़ टमाटर की फसल की लागत 70 हजार पड़ती है.
बाजार में मांग के अभाव में किसानों की लागत पूरी नहीं हो रही है. किसानों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है. इसके चलते देश के इन किसानों को 25 हजार करोड़ का घाटा हुआ है. इसकी आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार के घोषित पैकेज में भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है.
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उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि इन किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए. ये मुआवजा किसानों को राज्य सरकार की भावंतर स्कीम के तहत दिया जाना चाहिए अन्यथा ये किसान बर्बाद हो जाएंगे. भिवानी में चल रहे धरने पर किसान सभा के प्रधान करतार ग्रेवाल और ब्लॉक प्रधान करण सिंह जैनावास ने किसानों को समर्थन दिया है.