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Tokyo Olympics 2021: बचपन में बेहद कमजोर थे मुक्केबाज विकास, प्रेरणादायी है ओलंपिक तक पहुंचने की कहानी

टोक्यो ओलंपिक 2021 (Tokyo Olympics 2021) के लिए खिलाड़ी जी-जान से मेहनत कर रहे हैं. भिवानी के रहने वाले मुक्केबाज विकास कृष्णन (Boxer Vikas Krishan) भी ओलंपिक में पदक की तैयारी कर रहे हैं. जानें कैसी चल रही है उनकी तैयारी.

(Boxer Vikas Krishan)
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Published : Jun 23, 2021, 2:41 PM IST

Updated : Jun 23, 2021, 3:35 PM IST

भिवानी: टोक्यो ओलंपिक 2021 (Tokyo Olympics 2021) में जाने वाली भारतीय मुक्केबाजी टीम के सबसे अनुभवी मुक्केबाज विकास कृष्णन (Boxer Vikas Krishan) इन दिनों इटली में टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों में जुटे हैं. वो 69 किलोग्राम भार वर्ग में भारतीय मुक्केबाजी टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे. विश्व के छठे नंबर की रैंकिंग के मुक्केबाज विकास के लगातार तीसरी बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. शायद ही कोई इस बात पर विश्वास करेगा कि आज अपने मुक्के के दम पर विरोधियों की नाक में दम करने वाले विकास कभी शारीरिक रूप से बहुत कमजोर हुआ करते थे.

ये भी पढ़ें- Tokyo Olympic: मां ने कहा था बॉक्सिंग करेगी तो नाक टूट जाएगी, शादी कैसे होगी? अब बेटी ओलंपिक में मुक्के बरसाएगी

विकास कृष्णन ने 9 साल की उम्र में ही मुक्केबाजी शुरू कर दी थी. विकास कृष्णन की माता दर्शना देवी ने बताया कि विकास बचपन में काफी ढीले थे. उन्हें अकसर खांसी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियां जल्द पकड़ लेती थीं. ऐसे में उन्होंने विकास को अच्छे स्वास्थ्य के उद्देश्य से बैडमिंटन खिलाना शुरू किया. साथी खिलाड़ियों के देख विकास का रूझान धीरे-धीरे मुक्केबाजी में बन गया. उन्होंने 2010 के एशियाई यूथ चैंपियनशिप में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर अपने आप को एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया. इसके बाद विकास ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

मुक्केबाज विकास कृष्णन देखें स्पेशल रिपोर्ट

विकास के पिता कृष्ण यादव ने कहा कि वो अब ओलंपिक के लिए पूरी तरह से तैयार है. विकास को ना तो अनुभव की कोई कमी है और ना ही प्रैक्टिस की. ये उनका तीसरा ओलंपिक है. विकास के परिजनों का कहना है कि विकास को कजाकिस्तान, इंग्लैंड व उज्बेकिस्तान के मुक्केबाजों से अच्छे मुकाबले की उम्मीद है. भिवानी के मुक्केबाज विकास कृष्णन को 2012 के लंदन ओलंपिक और 2016 के रियो ओलंपिक का अनुभव है.

Boxer Vikas Krishan
विकास कृष्णन की उपलब्धियों पर एक नजर

ये भी पढ़ें- Tokyo Olympics 2021:हिजाब से बाहर नहीं निकली इस घर की कोई महिला, बेड़ियां तोड़कर ओलंपिक पहुंची हरियाणा की बेटी

देशवासियों को उम्मीद भी है कि 29 साल के विकास अपने इसी अनुभव के बूते टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लौटेंगे. खुद विकास ने भी माना कि भारतीय मुक्केबाजी टीम ने उन्हें सबसे अनुभवी मुक्केबाज होने का फायदा होगा. उन्होंने अबकी बार गोल्ड मेडल की उम्मीद जताई. विकास इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. बता दें कि खेलों के महाकुंभ ओलंपिक के लिए आज का दिन बहुत खास है. आज यानी 23 जून को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जा रहा है. विकास भी टोक्यो ओलंपिक में मेडल के दिन-रात पसीना बहा रहे हैं. उम्मीद है कि विकास देश के ओलंपिक में मेडल के सपने को मुक्के के दम पर पूरा करेंगे.

भिवानी: टोक्यो ओलंपिक 2021 (Tokyo Olympics 2021) में जाने वाली भारतीय मुक्केबाजी टीम के सबसे अनुभवी मुक्केबाज विकास कृष्णन (Boxer Vikas Krishan) इन दिनों इटली में टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों में जुटे हैं. वो 69 किलोग्राम भार वर्ग में भारतीय मुक्केबाजी टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे. विश्व के छठे नंबर की रैंकिंग के मुक्केबाज विकास के लगातार तीसरी बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. शायद ही कोई इस बात पर विश्वास करेगा कि आज अपने मुक्के के दम पर विरोधियों की नाक में दम करने वाले विकास कभी शारीरिक रूप से बहुत कमजोर हुआ करते थे.

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विकास कृष्णन ने 9 साल की उम्र में ही मुक्केबाजी शुरू कर दी थी. विकास कृष्णन की माता दर्शना देवी ने बताया कि विकास बचपन में काफी ढीले थे. उन्हें अकसर खांसी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियां जल्द पकड़ लेती थीं. ऐसे में उन्होंने विकास को अच्छे स्वास्थ्य के उद्देश्य से बैडमिंटन खिलाना शुरू किया. साथी खिलाड़ियों के देख विकास का रूझान धीरे-धीरे मुक्केबाजी में बन गया. उन्होंने 2010 के एशियाई यूथ चैंपियनशिप में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर अपने आप को एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया. इसके बाद विकास ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

मुक्केबाज विकास कृष्णन देखें स्पेशल रिपोर्ट

विकास के पिता कृष्ण यादव ने कहा कि वो अब ओलंपिक के लिए पूरी तरह से तैयार है. विकास को ना तो अनुभव की कोई कमी है और ना ही प्रैक्टिस की. ये उनका तीसरा ओलंपिक है. विकास के परिजनों का कहना है कि विकास को कजाकिस्तान, इंग्लैंड व उज्बेकिस्तान के मुक्केबाजों से अच्छे मुकाबले की उम्मीद है. भिवानी के मुक्केबाज विकास कृष्णन को 2012 के लंदन ओलंपिक और 2016 के रियो ओलंपिक का अनुभव है.

Boxer Vikas Krishan
विकास कृष्णन की उपलब्धियों पर एक नजर

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देशवासियों को उम्मीद भी है कि 29 साल के विकास अपने इसी अनुभव के बूते टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लौटेंगे. खुद विकास ने भी माना कि भारतीय मुक्केबाजी टीम ने उन्हें सबसे अनुभवी मुक्केबाज होने का फायदा होगा. उन्होंने अबकी बार गोल्ड मेडल की उम्मीद जताई. विकास इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. बता दें कि खेलों के महाकुंभ ओलंपिक के लिए आज का दिन बहुत खास है. आज यानी 23 जून को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जा रहा है. विकास भी टोक्यो ओलंपिक में मेडल के दिन-रात पसीना बहा रहे हैं. उम्मीद है कि विकास देश के ओलंपिक में मेडल के सपने को मुक्के के दम पर पूरा करेंगे.

Last Updated : Jun 23, 2021, 3:35 PM IST
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