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भिवानी: लॉकडाउन के चलते खेतों में ही फंसे उत्तर प्रदेश के मधुमक्खी पालक

भिवानी में लॉकडाउन के कारण चांग के खेतों में मधुमक्खी पालक फंसे हुए हैं. उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के चार मधुमक्खी पालकों के तरीबन 650 डिब्बे रखे हुए हैं. अगर ये जल्द अपने शहर नहीं लौटे तो ये मधुमक्खियां मर जाएंगी और ये लोग बेरोजगार हो जाएंगे.

Beekeeper trapped in fields due to lockdown in bhiwani
Beekeeper trapped in fields due to lockdown in bhiwani
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Published : Apr 23, 2020, 7:10 PM IST

भिवानी: लॉकडाउन का असर मधुमक्खी पालकों पर भी पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण जिले के चांग के खेतों में मधुमक्खी पालक फंसे हुए हैं. उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के चार मधुमक्खी पालकों के तरीबन 650 डिब्बे रखे हुए हैं.

बता दें कि बढ़ती गर्मी के कारण मधुमक्खी पालकों की मधुमक्खियां मर रही हैं. मधुमक्खी पालकों ने राजकुमार तंवर से सम्पर्क साधा तो वे मधुमक्खी पालकों के पास पहुंचे और उन्हें मास्क और पीलीदवाई दी. राजकुमार तंवर ने जिला उपायुक्त से मांग की है कि इन मधुमक्खी पालकों को अपने डिब्बे सहित अपने प्रदेश ले जाने के लिए वाहनों की अनुमति दी जाए.

गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण यहां लगभग 50 डिब्बों की मधुमक्खियां मर चुकी हैं, जिसके चलते मधुमक्खी पालकों को भारी नुकसान हो रहा है. अगर समय रहते इनको मधुमक्खी के डिब्बे ले जाने की अनुमति नहीं मिली, तो 15 से 20 लाख रुपये का नुकसान हो जाएगा. राजकुमार ने बताया कि सर्दी के मौसम में सरसों की फसल के चलते ये मधुमक्खी पालक अपने डिब्बों के साथ हरियाणा में आते हैं और गर्मी के शुरूआती मौसम में वापिस अपने प्रदेश चले जाते हैं.

ये भी जानें-पंचकूला में स्टाफ नर्स कविता ने दी कोरोना को मात

अबकी बार 22 मार्च को कोरोना वायरस के चलते सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी, जिसके चलते ये मधुमक्खी पालक अपने प्रदेश नहीं लौट सके थे. यहां गांव चांग में सोनू गुज्जर और उसके तीन साथी अपने डिब्बों के साथ हैं. उनके पास लगभग 650 डिब्बे हैं. अब सरसों की कटाई भी हो चुकी है. अन्य फसल और पेड़ों का फूल भी नहीं है. प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी और भूख के कारण मधुमक्खियां मर रही हैं.

अगर इन मधुमक्खी पालकों को अनुमति नहीं दी गई तो इन्हें भारी नुकसान होगा और बेरोजगार हो जाएंगे. राजकुमार तंवर ने उपायुक्त से मांग की है कि इन मधुमक्खी पालकों को अपने डिब्बे अपने प्रदेश ले जाने के लिए वाहनों की लिखित अनुमति दी जाए.

भिवानी: लॉकडाउन का असर मधुमक्खी पालकों पर भी पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण जिले के चांग के खेतों में मधुमक्खी पालक फंसे हुए हैं. उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के चार मधुमक्खी पालकों के तरीबन 650 डिब्बे रखे हुए हैं.

बता दें कि बढ़ती गर्मी के कारण मधुमक्खी पालकों की मधुमक्खियां मर रही हैं. मधुमक्खी पालकों ने राजकुमार तंवर से सम्पर्क साधा तो वे मधुमक्खी पालकों के पास पहुंचे और उन्हें मास्क और पीलीदवाई दी. राजकुमार तंवर ने जिला उपायुक्त से मांग की है कि इन मधुमक्खी पालकों को अपने डिब्बे सहित अपने प्रदेश ले जाने के लिए वाहनों की अनुमति दी जाए.

गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण यहां लगभग 50 डिब्बों की मधुमक्खियां मर चुकी हैं, जिसके चलते मधुमक्खी पालकों को भारी नुकसान हो रहा है. अगर समय रहते इनको मधुमक्खी के डिब्बे ले जाने की अनुमति नहीं मिली, तो 15 से 20 लाख रुपये का नुकसान हो जाएगा. राजकुमार ने बताया कि सर्दी के मौसम में सरसों की फसल के चलते ये मधुमक्खी पालक अपने डिब्बों के साथ हरियाणा में आते हैं और गर्मी के शुरूआती मौसम में वापिस अपने प्रदेश चले जाते हैं.

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अबकी बार 22 मार्च को कोरोना वायरस के चलते सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी, जिसके चलते ये मधुमक्खी पालक अपने प्रदेश नहीं लौट सके थे. यहां गांव चांग में सोनू गुज्जर और उसके तीन साथी अपने डिब्बों के साथ हैं. उनके पास लगभग 650 डिब्बे हैं. अब सरसों की कटाई भी हो चुकी है. अन्य फसल और पेड़ों का फूल भी नहीं है. प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी और भूख के कारण मधुमक्खियां मर रही हैं.

अगर इन मधुमक्खी पालकों को अनुमति नहीं दी गई तो इन्हें भारी नुकसान होगा और बेरोजगार हो जाएंगे. राजकुमार तंवर ने उपायुक्त से मांग की है कि इन मधुमक्खी पालकों को अपने डिब्बे अपने प्रदेश ले जाने के लिए वाहनों की लिखित अनुमति दी जाए.

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