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67 किलोमीटर हिमाचल से होकर गुजरेगा SYL का पानी, समिति ने रिसर्च वर्क कर सुझाया रास्ता

SYL के लिए बनाई गी समिति ने हिमाचल के रास्ते पानी लाने का सुझाव दिया है. समिति का कहना है कि हर साल रावी, ब्याज, सतलुज का 6 लाख क्यूसिक पानी बहकर पाकिस्तान चला जाता है, इन नई प्लानिंग से हरियाणा के किसान खुशहाल हो सकते हैं, विस्तार से पढ़ें.

syl canal new road map suggested by committee
एसवाईएल के नए रोडमैप के बारे में बताते हुए कमेटी के अध्यक्ष
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Published : Jan 25, 2020, 8:17 PM IST

भिवानी: हरियाणा प्रदेश में सतलुज यमुना लिंक नहर के पानी को लेकर लंबे समय से राजनीति होती रही है, जो अब भी थमने का नाम नहीं ले रही. पंजाब सरकार ने एक बार फिर से हरियाणा को एसवाईएल का पानी न देने की बात कही है.

एसवाईएल का पानी हरियाणा में लाने का लेकर काम करने वाली एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रावी, ब्याज, सतलुज का 6 लाख क्यूसिक पानी हर वर्ष भारत से बहकर पाकिस्तान चला जाता है. इस पानी को यदि पंजाब सरकार अपने रास्ते नहीं आने देना चाहती तो ऐसे में हिमाचल प्रदेश से यह पानी हरियाणा प्रदेश में लाया जा सकता है.

एसवाईएल के नए रोडमैप के बारे में बताते हुए कमेटी के अध्यक्ष, वीडियो देखें

रोड मैप भी हो चुका है तैयार
एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति के अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र नाथ ने भिवानी में पत्रकार वार्ता आयोजित कर कहा कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1999 से 2019 तक लगभग एक करोड़ क्यूसिक डेज पानी पाकिस्तान में भारत से गया है. जबकि हरियाणा प्रदेश की जरूरत 6 हजार क्यूसिक पानी से पूरी हो सकती है. इसके लिए भाखड़ा डैम से पानी पंजाब की बजाए वैकल्पिक रास्ते से नालागढ़-बद्दी-पिंजौर-अंबाला से जनसुईया हैड के माध्यम से हरियाणा में बनी एसवाईएल से दक्षिण हरियाणा व पूरे प्रदेश में लाया जा सकता है.

हिमाचल के रास्ते से यह मार्ग मात्र 67 किलोमीटर का है. ऐसे में उनकी समिति की मांग है कि पंजाब सरकार हरियाणा के हिस्से के पानी को न रोके तथा हरियाणा सरकार हिमाचल मार्ग से यह पानी लाए. जिसका इंतजार 1955 से पूरे हरियाणा प्रदेश को है.

पीएम, राष्ट्रपति को भेजा गया सुझाव
उन्होंने कहा कि 1963 में व्यास-सतलुज लिंक बनकर तैयार हुआ था, परन्तु इसके बनने के बाद से यह पानी पाकिस्तान बहकर जा रहा है. इसके लिए उनकी समिति ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति को हिमाचल मार्ग से पानी लाने का सुझाव पत्र भी लिखा है.

ये भी पढ़ें:- करनाल: प्रदेश के पहले लालडोरा मुक्त गांव में पहुंचेंगे सीएम और डिप्टी सीएम, ये है कार्यक्रम

उन्होंने कहा कि हरियाणा को इस मार्ग से यदि 6 हजार क्यूसिक पानी भी मिल जाता है तो प्रदेश के हर खेत को वर्ष भर के लिए पानी उपलब्ध हो जाएगा. इसीलिए प्रदेश के किसानों की तरफ से उनकी मांग है कि भाखड़ा डैम से हिमाचल के मार्ग से एसवाईएल का पानी जनसुईया हैड में लाकर प्रदेश के किसानों को दिया जाए.

भिवानी: हरियाणा प्रदेश में सतलुज यमुना लिंक नहर के पानी को लेकर लंबे समय से राजनीति होती रही है, जो अब भी थमने का नाम नहीं ले रही. पंजाब सरकार ने एक बार फिर से हरियाणा को एसवाईएल का पानी न देने की बात कही है.

एसवाईएल का पानी हरियाणा में लाने का लेकर काम करने वाली एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रावी, ब्याज, सतलुज का 6 लाख क्यूसिक पानी हर वर्ष भारत से बहकर पाकिस्तान चला जाता है. इस पानी को यदि पंजाब सरकार अपने रास्ते नहीं आने देना चाहती तो ऐसे में हिमाचल प्रदेश से यह पानी हरियाणा प्रदेश में लाया जा सकता है.

एसवाईएल के नए रोडमैप के बारे में बताते हुए कमेटी के अध्यक्ष, वीडियो देखें

रोड मैप भी हो चुका है तैयार
एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति के अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र नाथ ने भिवानी में पत्रकार वार्ता आयोजित कर कहा कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1999 से 2019 तक लगभग एक करोड़ क्यूसिक डेज पानी पाकिस्तान में भारत से गया है. जबकि हरियाणा प्रदेश की जरूरत 6 हजार क्यूसिक पानी से पूरी हो सकती है. इसके लिए भाखड़ा डैम से पानी पंजाब की बजाए वैकल्पिक रास्ते से नालागढ़-बद्दी-पिंजौर-अंबाला से जनसुईया हैड के माध्यम से हरियाणा में बनी एसवाईएल से दक्षिण हरियाणा व पूरे प्रदेश में लाया जा सकता है.

हिमाचल के रास्ते से यह मार्ग मात्र 67 किलोमीटर का है. ऐसे में उनकी समिति की मांग है कि पंजाब सरकार हरियाणा के हिस्से के पानी को न रोके तथा हरियाणा सरकार हिमाचल मार्ग से यह पानी लाए. जिसका इंतजार 1955 से पूरे हरियाणा प्रदेश को है.

पीएम, राष्ट्रपति को भेजा गया सुझाव
उन्होंने कहा कि 1963 में व्यास-सतलुज लिंक बनकर तैयार हुआ था, परन्तु इसके बनने के बाद से यह पानी पाकिस्तान बहकर जा रहा है. इसके लिए उनकी समिति ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति को हिमाचल मार्ग से पानी लाने का सुझाव पत्र भी लिखा है.

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उन्होंने कहा कि हरियाणा को इस मार्ग से यदि 6 हजार क्यूसिक पानी भी मिल जाता है तो प्रदेश के हर खेत को वर्ष भर के लिए पानी उपलब्ध हो जाएगा. इसीलिए प्रदेश के किसानों की तरफ से उनकी मांग है कि भाखड़ा डैम से हिमाचल के मार्ग से एसवाईएल का पानी जनसुईया हैड में लाकर प्रदेश के किसानों को दिया जाए.

Intro:एसवाईएल का पानी पंजाब नहीं बल्कि हिमाचल रास्ते से हरियाणा में आए : जितेंद्रनाथ
व्यर्थ बहकर 6 लाख क्यूसिक पानी हर वर्ष जा रहा है भारत से पाकिस्तान
हिमाचल मार्ग से हरियाणा में पंजाब की सहमति बगैर आ सकता है एसवाईएल का पानी
मात्र 67 किलोमीटर हिमाचल से होकर गुजरेगा एसवाईएल का पानी
समिति ने रिसर्च वर्क कर सुझाया रास्ता
भिवानी, 25 जनवरी : हरियाणा प्रदेश में सतलुज यमुना लिंक नहर के पानी को लेकर लंबे समय से राजनीति होती रही है, जो अब भी थमने का नाम नहीं ले रही। पंजाब सरकार ने एक बार फिर से हरियाणा को एसवाईएल का पानी न देने की बात कही है। इसी को लेकर लंबे समय से एसवाईएल का पानी हरियाणा में लाने का लेकर काम करने वाली एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रावी, व्याज, सतलुज का 6 लाख क्यूसिक पानी हर वर्ष भारत से बहकर पाकिस्तान चला जाता है। इस पानी को यदि पंजाब सरकार अपने रास्ते नहीं आने देना चाहती तो ऐसे में हिमाचल प्रदेश से यह पानी हरियाणा प्रदेश में लाया जा सकता है।
Body: एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति के अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र नाथ ने भिवानी में पत्रकार वार्ता आयोजित कर कहा कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1999 से 2019 तक लगभग एक करोड़ क्यूसिक डेज पानी पाकिस्तान में भारत से गया है। जबकि हरियाणा प्रदेश की जरूरत 6 हजार क्यूसिक पानी से पूरी हो सकती है। इसके लिए भाखड़ा डैम से पानी पंजाब की बजाए वैकल्पिक रास्ते से नालागढ़-बद्दी-पिंजौर-अंबाला से जनसुईया हैड के माध्यम से हरियाणा में बनी एसवाईएल से दक्षिण हरियाणा व पूरे प्रदेश में लाया जा सकता है। हिमाचल के रास्ते से यह मार्ग मात्र 67 किलोमीटर का है। ऐसे में उनकी समिति की मांग है कि पंजाब सरकार हरियाणा के हिस्से के पानी को न रोके तथा हरियाणा सरकार हिमाचल मार्ग से यह पानी लाए। जिसका इंतजार 1955 से पूरे हरियाणा प्रदेश को है।Conclusion: उन्होंने कहा कि 1963 में व्यास-सतलुज लिंक बनकर तैयार हुआ था, परन्तु इसके बनने के बाद से यह पानी पाकिस्तान बहकर जा रहा है। इसके लिए उनकी समिति ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति को हिमाचल मार्ग से पानी लाने का सुझाव पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को इस मार्ग से यदि 6 हजार क्यूसिक पानी भी मिल जाता है तो प्रदेश के हर खेत को वर्ष भर के लिए पानी उपलब्ध हो जाएगा। इसीलिए प्रदेश के किसानों की तरफ से उनकी मांग है कि भाखड़ा डैम से हिमाचल के मार्ग से एसवाईएल का पानी जनसुईया हैड में लाकर प्रदेश के किसानों को दिया जाए।
बाईट : एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति के अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र नाथ।
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