भिवानी: जिले में छात्र संघर्ष समिति ने मंगलवार को छात्र-छात्राओं के हितों को देखते हुए जिला राजस्व अधिकारी प्रमोद चहल को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है. इस मौके पर युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने बताया कि सरकार ने प्रदेश के विश्वविद्यालय को स्नातक तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों की परीक्षाओं को करवाने के निर्देश दिए हैं.
छात्रों ने का कहना है कि सरकार का ये फैसला वर्तमान परिस्थितियों के अनुकूल नहीं है. क्योंकि कोविड-19 के चलते मार्च से लेकर अब तक लॉकडाउन के कारण छात्र-छात्राओं की कक्षाएं नहीं लग पाई है और यदि डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से लगी भी है तो वो भी महज औपचारिकता के लिए ही लगी है.
उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की है कि कॉलेज व विश्वविद्यालय के तीसरे वर्ष के छात्रों को भी पहले और दूसरे वर्ष के अंकों के अनुपात के हिसाब से उत्तीर्ण किए जाए. कमल प्रधान ने कहा कि सरकार ऑनलाइन परीक्षा लेने पर विचार कर रही है तो भी ये वर्तमान परिस्थियों में उचित नहीं है, क्योंकि प्रदेश में ऑनलाइन परीक्षा लेने के पुख्ता इंतजाम नहीं है.
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ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प छात्रहित में नहीं है और वहीं दूसरी ओर पेन-पेपर से परीक्षा लेना छात्रों की जान से खिलवाड़ है. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग की है कि जिस प्रकार से आईआईटी कानपुर, मेरठ, मुम्बई, एमिटी राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार द्वारा बिना परीक्षाओं के छात्रों को प्रोमोट करने का निर्णय लिया गया है, ऐसे में हरियाणा सरकार को भी इसी तर्ज पर छात्रों को प्रोमोट करना पड़ेगा.