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कृषि कानून वापस नहीं हुए तो अनाज तिजौरियों में रखने का बन जाएगा सामान- टिकैत

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Published : Feb 7, 2021, 5:06 PM IST

भिवानी के कितलाना में रविवार को किसान रैली का आजोयन किया गया जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत ने भी शिरकत की.

bhiwani farmers rally rakesh tikait
bhiwani farmers rally rakesh tikait

भिवानी: कितलाना में किसान नेता राकेश टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसान रैली को संबोधित करते हुए किसानों को संगठित रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि यदि कृषि कानून वापस नहीं होते हैं तो अनाज तिजौरियों में रखने का सामान बन जाएगा.

उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे अपने देश की मिट्टी व पानी साथ रखें, ताकि उन्हें किसान होने का एहसास होता रहे. उन्होंने कहा कि हमारी तीन मुख्य मांगें हैं जिनमें कृषि कानून वापस हो, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले व किसानों पर दर्ज मुकदमें वापिस हो.

कितलाना में रविवार को किसान रैली का आजोयन किया गया जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत ने भी शिरकत की

उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ कानून वापसी की मांग की जा रही है. ऐसे में सरकार को किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए. यदि किसान सरकार वापसी की मांग करने लगे तो सरकार को और भी मुश्किल हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- यमुनानगर: अनाज मंडी में मुस्लिम समुदाय ने किसान आंदोलन के समर्थन में की महापंचायत

राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा के आठ-दस नेताओं ने पंजाब व हरियाणा में सिक्ख व नॉन सिक्ख में बांटने की कोशिश की, जबकि उनके इन प्रयासों से वे और भी संगठित हुए. ये किसान आंदोलन देश के हर राज्य तक पहुंच रहा है. पंजाब के भाइयों ने इस आंदोलन की शुरूआत की थी, वे अब भी बेहतर तरीके से इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं.

उन्होंने पंजाब से जुड़े किसान नेताओं द्वारा आंदोलन चलाए जाने को बेहतर बताते हुए कहा कि अब तक पंजाब व हरियाणा के किसानों की जो भी कमेटी आंदोलन की अगुवाई करती रही है, वह इसी तरह आगे भी काम करती रहेंगी.

ये भी पढ़ें- 'पंजाब के किसानों को कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ करना चाहिए प्रदर्शन'

भिवानी: कितलाना में किसान नेता राकेश टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसान रैली को संबोधित करते हुए किसानों को संगठित रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि यदि कृषि कानून वापस नहीं होते हैं तो अनाज तिजौरियों में रखने का सामान बन जाएगा.

उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे अपने देश की मिट्टी व पानी साथ रखें, ताकि उन्हें किसान होने का एहसास होता रहे. उन्होंने कहा कि हमारी तीन मुख्य मांगें हैं जिनमें कृषि कानून वापस हो, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले व किसानों पर दर्ज मुकदमें वापिस हो.

कितलाना में रविवार को किसान रैली का आजोयन किया गया जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत ने भी शिरकत की

उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ कानून वापसी की मांग की जा रही है. ऐसे में सरकार को किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए. यदि किसान सरकार वापसी की मांग करने लगे तो सरकार को और भी मुश्किल हो जाएगी.

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राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा के आठ-दस नेताओं ने पंजाब व हरियाणा में सिक्ख व नॉन सिक्ख में बांटने की कोशिश की, जबकि उनके इन प्रयासों से वे और भी संगठित हुए. ये किसान आंदोलन देश के हर राज्य तक पहुंच रहा है. पंजाब के भाइयों ने इस आंदोलन की शुरूआत की थी, वे अब भी बेहतर तरीके से इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं.

उन्होंने पंजाब से जुड़े किसान नेताओं द्वारा आंदोलन चलाए जाने को बेहतर बताते हुए कहा कि अब तक पंजाब व हरियाणा के किसानों की जो भी कमेटी आंदोलन की अगुवाई करती रही है, वह इसी तरह आगे भी काम करती रहेंगी.

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