भिवानी: प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 21 जून को छठा इंटरनेशनल योग दिवस मानने की तैयारी कर रही है, लेकिन प्रदेश के पीटीआई टीचर नौकरी बहाली को लेकर भटक रहे हैं. इन टीचर्स को सरकार ने बिना किसी नोटिस के नौकरी से निकाल दिया है. जिसके बाद से ये लगातार प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं. शनिवार को इन टीचर्स प्रदर्शन करते हुए भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ को अपना ज्ञापन दिया. साथ ही उन्होंने मांग की कि उनकी नौकरी को बहाल किया जाए.
बता दें कि 21 जून जिसे विश्व स्तर पर योग दिवस मनाया जाता है. इस बार भी पूरा देश में ऑनलाइन योग दिवस मनाएगा, ताकि कोरोना की महामारी से बचा जा सके, लेकिन हरियाणा सराकर ने 2010 में 1983 भर्ती किए गए पीटीआई टीचर्स को निकाल दिया था. जिसके बाद से ये टीचर्स लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. ये टीचर्स गांव में बनी व्यायाम शालाओं में कार्यरत थे, लेकिन कुछ समय बाद इन टीचर्स को आयुष विभाग में मर्ज कर दिया गया. थोड़े दिन काम करने के बाद इन सभी को निकाल दिया गया.
क्या है पूरा मामला
हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.
याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा.