भिवानी: हिसार से सांसद चौधरी बृजेंद्र सिंह ने कोरोना जैसी महामारी के साथ-साथ देश में गिरते जल स्तर को भी बड़ा संकट बताया. उन्होंने कहा कि घटता जलस्तर और बिगड़ते पर्यावरण लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा है.
उन्होंने कहा कि यदि समय रहते हमनें गिरते जल स्तर को लेकर लोगों को जागरूक नहीं किया तो आने वाले समय में पानी की किल्लतों का सामना करना पड़ेगा और ये संकट कोरोना संकट से भी बड़ा होगा. बता दें कि सांसद बृजेंद्र सिंह भिवानी जिला के मिताथल गांव में जनसंदेश रथ यात्रा को हरी झंडी दिखाने पहुंचे थे.
ये रथ यात्रा राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत सामाजिक संस्था युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा पानी और पर्यावरण संरक्षण और कोविड-19 की जागरूकता को लेकर चलाई जा रही है. इस मौके पर सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि इस प्रकार की जनसंदेश रथ यात्राएं लोगों को जागरूक करने में नींव का पत्थर साबित होती हैं.
जलस्तर को बताया बड़ी समस्या
उन्होंने कहा कि देश में केवल कोरोना जैसी महामारी ही बड़ी समस्या नहीं है, बल्कि इसके साथ साथ जल स्तर का कम होना और पर्यावरण का प्रदूषित होना भी बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि इस समस्या के पार पाने के लिए लोगों की पानी की महत्व को समझना होगा. सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि पानी के घटते जलस्तर अनेक समस्याओं को जन्म देगी.
उन्होंने कहा कि घटते जलस्तर के बारे में प्रदेश और केंद्र की सरकार भी चिंतित है. उन्होंने जीरी की फसल को लेकर किसानों को प्रेरित करने के लिए कवायद शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत पानी की खपत कृषि में होती है. अगर अभी भी घटते जलस्तर की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न होगी.
ये भी पढ़ें- झज्जर में पहुंचा टिड्डी दल, थाली बजाकर खेतों से भगा रहे किसान
लॉकडाउन में छूट की वजह बताई
उन्होंने लॉकडाउन में दिए गए छूट को लेकर कहा कि अभी देश में कोरोना का संकट टला नहीं है. कोरोना को लेकर आने दिन बेहद खराब होने वाले हैं. ये छूट इसलिए दी गई है, ताकि लोगों की आर्थिक खस्ता हालत दोबारा पटरी पर सकें. उन्होंने लोगों से अपील की है कि सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग के साथ और मास्क लगाकर अपना काम करते रहे हैं.
आपको बात दें कि गिरते जलस्तर को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना चलाई गई है. इस योजना के तहत डार्क जोन में शामिल क्षेत्रों में धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा. इस योजना का प्रमुख उद्येश्य जल संरक्षण को बढ़ावा देना है. राज्य सरकार के अनुसार 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना 2020 से गिरते भूजल स्तर को रोकने में मदद करेगी.