भिवानी: देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती (first female teacher of Country) पर भिवानी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन हनुमान जोहड़ी मंदिर धाम में किया गया. जयंती कार्यक्रम के दौरान 51 महिला शिक्षकों को सम्मानित किया गया. सम्मान समारोह कार्यक्रम में भिवानी विधायक घनश्याम सर्राफ ने शिरकत की. कार्यक्रम की अध्यक्षता भिवानी के खंड शिक्षा अधिकारी डॉ. अनिल गौड़ ने की. बता दें कि युवा जागृति एवं जन कल्याण मिशन ट्रस्ट, महात्मा ज्योतिबा फुले धर्मार्थ ट्रस्ट और नेताजी सुभाष चंद्र बोस युवा जागृत सेवा समिति ने कार्यक्रम को आयोजित किया है.
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भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि सावित्रीबाई फुले के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और शिक्षा जगत में महिलाओं और बेटियों के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सावित्री बाई फुले ने विकट परिस्थितियों में महिला शिक्षा के लिए अपने समय में बड़ा कार्य किया. सावित्री बाई महिला शिक्षा के लिए प्रेरित करनी वाली भारत की पहली महिला शिक्षिका (Savitribai Phule birth anniversary) थीं.
उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव गांव में हुआ था. उनका जन्मस्थान शिरवल से लगभग पांच किमी दूर था. सावित्रीबाई फुले मां लक्ष्मी और पिता खंडोजी नेवासे पाटिल की सबसे बड़ी बेटी थीं. वह माली समुदाय से ताल्लुक रखती थीं. उन्होंने भारत में समाज सुधारक, गर्भपात विरोधी, शिक्षिका और कवि के रूप में भी काम किया. सावित्रीबाई फुले का प्रारंभिक जीवन काफी कठनाइयों से भरा हुआ था. जब वह नौ साल की थीं, तब उनके माता-पिता ने उनकी शादी ज्योतिबा फुले से कर दी. महात्मा ज्योतिबा फुले महान समाज सुधारक थे. बता दें कि कार्यक्रम में महिलाओं के साथ ही पुरुष वर्ग भी शामिल हुआ.