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सिटी एक्सईएन के खिलाफ दो दिन से धरने पर बिजलीकर्मी - भिवानी बिजलीकर्मी प्रदर्शन

भिवानी में बिजली विभाग के कर्मचारी दो दिन से धरने पर हैं, उनका कहना है कि विभाग का एक्सईएन कर्मचारियों के साथ जातिगत तौर पर अपने चहेतों को फायदा पहुंचा रहा है.

electricity workers protest against xen in bhiwani
भिवानी बिजली विभाग कर्मचारी
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Published : Jul 14, 2020, 9:56 PM IST

भिवानी: अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी यूनियन की सिटी यूनिट का एक्सईएन के खिलाफ धरना दूसरे दिन भी जारी रहा. प्रदर्शन की अध्यक्षता सिटी यूनिट प्रधान सुरेंद्र सिंह ने की. इस मौके पर प्रधान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग से संबंधित कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.

एक्सईएन पर भेदभाव का आरोप

उन्होंने कहा कि जानबूझकर एक्सईएन पद और शक्तियों का दुरूपयोग करके कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि एक्सईएन सिटी के जाति तौर पर अपने चहेतों और रिश्तेदारों को जो कि तकनीकी कर्मचारी है, उनको दफ्तरों में बैठाकर फ्री में तनख्वाह दी जा रही है, जबकि फील्ड में तकनीकी कर्मचारियों की कमी है और तकनीकी कर्मचारियों की फील्ड में कमी होने के कारण रोजाना कर्मचारी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.

निगम की हिदायतों के अनुसार एक सब-स्टेशन पर पांच का स्टाफ लगाया जाना चाहिए, जबकि एक्सईएन सिटी ने निगम की सभी हिदायतों को ताक पर रख दिया है. कहीं तो 10 कर्मचारी लगाए गए हैं और कहीं पर मात्र 3 या 4 कर्मचारी हैं.

ये भी पढ़ें:-'सूरमा' के बाद खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह पर बनेगी फिल्म 'सिंह सूरमा'

धरने पर यूनियन ने फैसला लिया कि जब तक संबंधित कर्मचारियों के साथ किए जा रहे पक्षपात, भेदभाव, अन्याय, उत्पीड़न एवं प्रताड़ना को बंद कर निष्पक्ष रूप से न्याय नहीं किया जाएगा, तब तक यूनियन का रोष प्रदर्शन जारी रहेगा. इस दौरान अगर बिजली बाधित होती है या किसी अन्य प्रकार की घटना घटित होती है तो उसकी समस्त जिम्मेवारी एक्सईएन की होगी.

भिवानी: अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी यूनियन की सिटी यूनिट का एक्सईएन के खिलाफ धरना दूसरे दिन भी जारी रहा. प्रदर्शन की अध्यक्षता सिटी यूनिट प्रधान सुरेंद्र सिंह ने की. इस मौके पर प्रधान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग से संबंधित कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.

एक्सईएन पर भेदभाव का आरोप

उन्होंने कहा कि जानबूझकर एक्सईएन पद और शक्तियों का दुरूपयोग करके कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि एक्सईएन सिटी के जाति तौर पर अपने चहेतों और रिश्तेदारों को जो कि तकनीकी कर्मचारी है, उनको दफ्तरों में बैठाकर फ्री में तनख्वाह दी जा रही है, जबकि फील्ड में तकनीकी कर्मचारियों की कमी है और तकनीकी कर्मचारियों की फील्ड में कमी होने के कारण रोजाना कर्मचारी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.

निगम की हिदायतों के अनुसार एक सब-स्टेशन पर पांच का स्टाफ लगाया जाना चाहिए, जबकि एक्सईएन सिटी ने निगम की सभी हिदायतों को ताक पर रख दिया है. कहीं तो 10 कर्मचारी लगाए गए हैं और कहीं पर मात्र 3 या 4 कर्मचारी हैं.

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धरने पर यूनियन ने फैसला लिया कि जब तक संबंधित कर्मचारियों के साथ किए जा रहे पक्षपात, भेदभाव, अन्याय, उत्पीड़न एवं प्रताड़ना को बंद कर निष्पक्ष रूप से न्याय नहीं किया जाएगा, तब तक यूनियन का रोष प्रदर्शन जारी रहेगा. इस दौरान अगर बिजली बाधित होती है या किसी अन्य प्रकार की घटना घटित होती है तो उसकी समस्त जिम्मेवारी एक्सईएन की होगी.

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