भिवानी: हरियाणा के भिवानी जिले के डाडम खनन क्षेत्र में शनिवार को एक बड़ा हादसा (Landslide Accident In Dadam Mining Zone) हो गया. इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल. हादसे के बाद ही हरियाणा के खनन मंत्री ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने की बात कही थी. अब खबर आ रही है कि भिवानी डाडम हादसे की जांच डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ माइन सेफ्टी (DGMS) करेगा. इस बात की जानकारी भिवानी जिले के माइनिंग अफसर भूपेंद्र सिंह ने दी है.
माइनिंग अधिकारी ने बताया कि हरियाणा माइनिंग एंड जियोलाजी डिपार्टमेंट की ओर से डीजीएमएस को इस हादसे की जानकारी दे दी गई है. अब स्पेशल टीम घटनास्थल पर जांच करके इस बात का पता लगाएगी कि पहाड़ दरकने के पीछे की वजह क्या है. घटना स्थल पर पत्थर अपने आप दरका या फिर माइनिंग के दौरान अनकंट्रोल्ड ब्लास्ट किया गया जिसकी वजह से पत्थर खदान में गिरे.
क्या है डीजीएमएस
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ माइन सेफ्टी विभाग (Directorate General of Mines Safety) केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अन्तर्गत आता है. बता दें कि हरियाणा और राजस्थान में मौजूद अरावली की पहाड़ियों वाला इलाका डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ माइन सेफ्टी के नॉर्दर्न जोन के तहत आता है. इसका हेडक्वार्टर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में स्थित है.
बता दें कि इस हादसे में मारे गए चार लोगों में से केवल एक मृतक की शिनाख्त हो पाई है. यह मृतक पंजाब का रहने वाला है. घायलों में झारखंड और बिहार के लोग शामिल हैं. अब भी करीब दस लोगों के खदान में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. हादसे को कई घंटे बीत चुके हैं और यहां अभी तक राहत और बचाव का कार्य जारी है. बताया जा रहा है कि यहां रात भर बचाव कार्य चलेगा.
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प्रशासन द्वारा लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. गाजियाबाद से NDRF की टीम, मधुबन से SDRF की टीम पहुंच चुकी है. वहीं हिसार से आर्मी की एक यूनिट बुलाई गई है. पहाड़ के मलबे को हटाकर लोगों की तलाश की जा रही है. हालांकि दबे हुए व्यक्तियों की संख्या को लेकर कुछ भी स्पष्ट आंकड़ा अभी सामने नहीं आ पाया है.
गौरतलब है कि भिवानी के तोशाम विधानसभा क्षेत्र के तहत डाडम गांव खनन कार्यों के लिए जाना जाता (dadam mining zone) है. आज सुबह खनन कार्य के दौरान पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक से दरक गया. इसके वजह से यहां खड़ी आधा दर्जन के करीब पोकलैंड मशीनें और डंपर दब गए. हादसे के फौरन बाद प्रशासन राहत बचाव के कार्य में जुट गया. आपको बता दें कि प्रदूषण के चलते 2 महीने पहले यहां खनन कार्य पर रोक लगा दी गई थी. बंद पड़े क्रशरों को शुक्रवार को ही हरियाणा प्रदूषण बोर्ड ने चलाने की अनुमति दी थी लेकिन शनिवार को पहाड़ खिसकने से बड़ा हादसा हो गया.
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