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फर्जी लोन APP से रहें सावधान, भिवानी पुलिस ने साइबर क्राइम से बचने के दिए निर्देश

फर्जी लोन दिए जाने को लेकर भिवानी में जागरूकता रैली निकाली (awareness rally in Bhiwani) गई. पुलिस ने बढ़ते साइबर क्राइम पर विराम लगाने के लिए स्कूलों, कॉलेजों के साथ ही शहरी और ग्रामीण एरिया में जागरूकता रैली निकाली है.

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Published : Mar 18, 2023, 10:28 PM IST

भिवानी: जिले में पुलिस ने जागरुकता रैली निकाली है. भिवानी पुलिस अधीक्षक ने लोगों को साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूक किया है. जागरुकता अभियान स्कूलों, कॉलेजों, शहर और ग्रामीण एरिया में चलाया गया है. अभियान के तहत लोगों को नये तकनीकी के बारे जागरूक किया जा रहा है कि किस प्रकार से साइबर अपराधी नये-नये तरीके अपनाकर लोगों को बेवकूफ बनाकर धोखाधड़ी करते हैं.

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी भी प्रकार की वित्तीय या ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर 1930 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवाएं या आपके संबंधित थाने में स्थापित साइबर हेल्प डेस्क पर शिकायत दें. एसपी अजीत सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में फर्जी लोन ऐप के माध्यम से आसान तरीके से कर्ज मिलने के लालच में लोग अपनी जान गवां रहे हैं, क्योंकि आजकल आसानी से ऑनलाइन लोन एप के जाल में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं.

जो कर्ज मंजूर करते वक्त फर्जी कंपनियां आवेदक का फोन हैक कर लेती है. फिर किस्त व ब्याज न देने पर अश्लील फोटो बनाकर बदनाम करने लगते हैं. कर्मचारी आवेदक के रिश्तेदारों, परिचितों और रिश्तेदारों को फोन कर अपशब्दों का भी प्रयोग करते हैं जिस बदनामी के डर से लोग गलत कदम उठा लेते हैं. ऐसे फर्जी लोन एप से सावधान रहें और डरे नहीं. अगर कोई व्यक्ति आपको ब्लैकमेल करता है तो तुरन्त साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल करें.

इसके अलावा नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर साइबर हेल्पडेस्क की मदद लें. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जब लोन देने वाले ऐप के रिकवरी एजेंट कॉल करते धमकियां देकर ज्यादा पैसे वसूलते है और आपके द्वारा पुरी किस्त देने पर भी आप पर कर्ज दिखाती है. फिर 6-7 दिन में लोन पर कर्ज की कुल राशि का दोगुना ब्याज मांगा जाता है. फिर कर्जदाता चुकाने में नाकाम होने पर उनकी तस्वीरों में फेरबदल करके उनकी आपत्तिजनक बनाकर सार्वजनिक किया जाता है जिससे डिप्रेशन में आकर कुछ कर्जधारक खुद को नुकसान भी पहुंचाते है.

यह भी पढ़ें-फरीदाबाद में मंदिर की जमीन पर विवाद, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया विरोध

उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों से बचने के लिए सबसे पहले तो लोन देने वाले ऐप या कंपनी के बारे में ये जांच करें कि क्या वह आरबीआई की अनुमति से अगर कोई ऐप आपको बैंक खाते की जानकारी, डेबिट-क्रेडिट कार्ड का पिन अथवा ऐसी ही अन्य पर्सनल जानकारियां मांगता है, तो उससे भी सावधान रहें. जिस ऐप से आप लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं, उसकी रेटिंग और रिव्यू को भी जरूर देखें. बेहतर होगा कि आप किसी बैंक या एनबीएफसी से जुड़े ऐप के जरिये ही कर्ज के लिए आवेदन करें.

भिवानी: जिले में पुलिस ने जागरुकता रैली निकाली है. भिवानी पुलिस अधीक्षक ने लोगों को साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूक किया है. जागरुकता अभियान स्कूलों, कॉलेजों, शहर और ग्रामीण एरिया में चलाया गया है. अभियान के तहत लोगों को नये तकनीकी के बारे जागरूक किया जा रहा है कि किस प्रकार से साइबर अपराधी नये-नये तरीके अपनाकर लोगों को बेवकूफ बनाकर धोखाधड़ी करते हैं.

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी भी प्रकार की वित्तीय या ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर 1930 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवाएं या आपके संबंधित थाने में स्थापित साइबर हेल्प डेस्क पर शिकायत दें. एसपी अजीत सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में फर्जी लोन ऐप के माध्यम से आसान तरीके से कर्ज मिलने के लालच में लोग अपनी जान गवां रहे हैं, क्योंकि आजकल आसानी से ऑनलाइन लोन एप के जाल में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं.

जो कर्ज मंजूर करते वक्त फर्जी कंपनियां आवेदक का फोन हैक कर लेती है. फिर किस्त व ब्याज न देने पर अश्लील फोटो बनाकर बदनाम करने लगते हैं. कर्मचारी आवेदक के रिश्तेदारों, परिचितों और रिश्तेदारों को फोन कर अपशब्दों का भी प्रयोग करते हैं जिस बदनामी के डर से लोग गलत कदम उठा लेते हैं. ऐसे फर्जी लोन एप से सावधान रहें और डरे नहीं. अगर कोई व्यक्ति आपको ब्लैकमेल करता है तो तुरन्त साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल करें.

इसके अलावा नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर साइबर हेल्पडेस्क की मदद लें. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जब लोन देने वाले ऐप के रिकवरी एजेंट कॉल करते धमकियां देकर ज्यादा पैसे वसूलते है और आपके द्वारा पुरी किस्त देने पर भी आप पर कर्ज दिखाती है. फिर 6-7 दिन में लोन पर कर्ज की कुल राशि का दोगुना ब्याज मांगा जाता है. फिर कर्जदाता चुकाने में नाकाम होने पर उनकी तस्वीरों में फेरबदल करके उनकी आपत्तिजनक बनाकर सार्वजनिक किया जाता है जिससे डिप्रेशन में आकर कुछ कर्जधारक खुद को नुकसान भी पहुंचाते है.

यह भी पढ़ें-फरीदाबाद में मंदिर की जमीन पर विवाद, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया विरोध

उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों से बचने के लिए सबसे पहले तो लोन देने वाले ऐप या कंपनी के बारे में ये जांच करें कि क्या वह आरबीआई की अनुमति से अगर कोई ऐप आपको बैंक खाते की जानकारी, डेबिट-क्रेडिट कार्ड का पिन अथवा ऐसी ही अन्य पर्सनल जानकारियां मांगता है, तो उससे भी सावधान रहें. जिस ऐप से आप लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं, उसकी रेटिंग और रिव्यू को भी जरूर देखें. बेहतर होगा कि आप किसी बैंक या एनबीएफसी से जुड़े ऐप के जरिये ही कर्ज के लिए आवेदन करें.

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