भिवानी: जिले के कस्बे बवानीखेड़ा में बीडीपीओ पर जिला परिषद विकास कार्यों के लिए लाखों का कमीशन मांगने के आरोप पर खंड के अधिकतर सरपंच बिफर पड़े. उन्होंने जल्दी ही बीडीपीओ के तबादले की मांग को लेकर कार्यालय को ताला जड़कर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया.
साथ ही साथ बीडीपीओ के खिलाफ शीघ्र ही मुख्यमंत्री से कार्रवाई अमल में लाए जाने की बात कही और उसका तबादला किए जाने की मांग भी की. धरने पर बैठे सरपंचों की सूचना पाकर नायब तहसीलदार अशोक कुमार और थाना प्रभारी बलजीत सिंह मौके पर पहुंचे. वहीं इन अधिकारियों ने इस मामले में उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवा दिया है.
धरने पर बैठे सरपंच चेतन, सुरेश रंगा, सुनीता, मनफूल, जसबीर, कृष्ण लाल, राजेश यादव, सतबीर श्योराण, हरनाम आदि ने आरोप लगाया कि बवानीखेड़ा में कार्यरत्त बीडीपीओ हमेशा ही कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं. वे कई बार ड्यूटी समय पर शराब का सेवन भी किए होते हैं. साथ-साथ उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि जब भी कार्यालय में कर्मचारियों की मीटिंग लेते है तो ये अक्सर अभद्र भाषा का भी प्रयोग करते हैं.
6 लाख रुपये का कमीशन मांगा
सरपंचों का आरोप है कि बीडीपीओ ने सरपंचों की बैठक बुलाई और उसमें कहा कि जिला परिषद ने करीब 2.27 करोड़ के विकास कार्याों के लिए राशि जारी की गई हैं. उनका आरोप है कि बीडीपीओ ने इस राशि से करीब 6 लाख रूपये कमीशन सरपंचों से मांगा और बीडीपीओ ने कहा कि तुम जब 6 लाख रूपये नकद दोगो, तभी जाकर तुम्हारे खाते में ये राशि डाली जाएगी.
ये भी पढ़े- आमरण अनशन पर बैठे युवक ने सीएम की सद्बुद्धि के लिए किया हवन यज्ञ, क्लिक कर जानें वजह
उपायुक्त ने दिए जांच के आदेश
सरपंचों ने मुख्यमंत्री, जिला उपायुक्त और तहसीलदार को पत्र लिखकर शीघ्र ही बीडीपीओ के तबादले की मांग की है. साथ-साथ ये भी चेतावनी दी है कि अगर बीडीपीओ का यहां से तबादला नहीं किया गया तो वे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. साथ-साथ गांव में विकास कार्य भी नही करवाएंगे.
इस बारे में जब बीडीपीओ से फोन पर संपर्क करना चाहा तो उनका फोन स्विच ऑफ मिला. वहीं धरनास्थल पर पहुंचे अशोक कुमार ने कहा कि इस बारे में उपायुक्त को अवगत करवा दिया गया है. जिसके बाद उपायुक्त ने शीघ्र ही इस मामले में जांच किए जाने के आदेश दिए हैं.