भिवानी: पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग की तरफ से सोमवार से दूसरे दौर का गलघोटू एवं मुंहखुर टीकाकरण अभियान की शुरूआत की जाएगी. अभियान के तहत पशुपालन विभाग की टीमें घर-घर जाकर पशुओं का टीकाकरण का कार्य करेगी. पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. जसवंत जून ने बताया कि विभाग तीन महीने से ऊपर के सभी पशुओं के टीकाकरण का कार्य किया जाएगा.
'29 हजार पशुओं का टीकाकरण हो चुका है'
उन्होंने बताया कि पहले दौर में तीन लाख 39 हजार पशुओं के टीकाकरण का कार्य किया जा चुका है तथा अब दूसरे दौर के अभियान में दो लाख 73 हजार पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि पहली बार पशुओं के कानों में टैग लगाकर टीकाकरण करने का कार्य किया जाएगा. टैग लगाने के साथ-साथ पशुओं का रजिस्ट्रेशन भी ऑनलाईन किया जाएगा.
जिला के सभी पशुओं की टैगिंग की जाएगी, ताकि टीकाकरण या अन्य सुविधाओं का लाभ पशुपालक उठा सकें. उन्होंने पशुपालकों से अनुरोध किया कि वे सभी पशुओं का टैगिंग जरूर करवाएं. उन्होंने बताया कि मुंहखुर या गलघोटू की संयुक्त वक्सीन लगाई जा रही है, ताकि दोनों खतरनांक बीमारियों से पशुओं की सुरक्षा की जा सकें. उन्होंने बताया कि संयुक्त वैक्सीन होने की वजह से साल में चार बार होने वाला टीकाकरण भी दो बार ही किया जाता है.
गलघोटू बीमारी पशुओं के लिए है जानलेवा
इस मौके पर डॉ. विजय सनसनवाल ने बताया कि गलघोटू एक जानलेवा बीमारी है और मुंहखुर के कारण पशु की दूध देने की क्षमता घट जाती है, जिससे पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. इस वैक्सीन का टीकाकरण हो जाने पर पशु काफी हद तक सुरक्षित हो जाता है. उन्होंने कहा कि कई पशुपालकों को भ्रम है कि इससे दूध घट जाता है या गर्भपात हो जाता है, पशुपालकों को इस भ्रांति से बचना चाहिए.
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पोलियों की तर्ज पर एक भी पशु छूट न जाए और सुरक्षा चक्र टूट न जाए को अपनाना होगा. उन्होंने कहा कि पशुपालकों को पशुओं के बीमा स्कीम का भी फायदा उठाना चाहिए. सामान्य वर्ग के पशुपालकों का बीमा 100 रूपये में व एससी वर्ग के पशुपालकों का बीमा नि:शुल्क किया जाता है.