भिवानी: साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस इन दिनों विशेष जागरूकता अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत स्कूल व कॉलेज में भी कार्यक्रम किए जा रहे हैं. जिसमें पुलिस अधिकारी साइबर क्राइम से बचने और सतर्क रहने को लेकर जागरूक कर रहे हैं. भिवानी पुलिस (Bhiwani SP) अधीक्षक अजीत सिंह के मार्गदर्शन में चल रहे इस अभियान में खासतौर से फर्जी ऑनलाइन लोन एप (Beware of online loan app ) पर फोकस किया गया है.
भिवानी के पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह (Superintendent of Police Ajit Singh) ने बताया कि वर्तमान में फर्जी लोन एप के जरिए लोगों से ठगी की जा रही है. आसानी से और जल्दी लोन मिलने के चक्कर में लोग इन फर्जी लोन एप कंपनियों के जाल में फंस जाते हैं. फर्जी कंपनियां कर्ज मंजूर करते वक्त आवेदक का फोन हैक कर लेती हैं. किस्त व ब्याज समय पर नहीं देने पर आवेदक के अश्लील फोटो बनाकर उन्हें बदनाम करने लगती हैं. कई बार इनके जाल में फंसे लोग अपनी जान तक गवां देते हैं. इन दिनों ऑनलाइन लोन एप (cyber crime in bhiwani) के जाल में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं. कई बार एप कंपनी के कर्मचारी ब्याज या किस्त समय पर नहीं लौटाने पर आवेदक के रिश्तेदारों और परिचितों को फोन कर अपशब्दों का भी प्रयोग करते हैं.
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फर्जी लोन एप से रहें सावधान, डरे नहीं: भिवानी एसपी (Bhiwani SP) ने बताया कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लोन देने वाली ऐप कंपनी के रिकवरी एंजेंट फोन पर धमकियां देकर ज्यादा रुपए वसूलते हैं. कई बार पूरी किस्त चुकाने के बाद भी आवेदक पर कर्जा दिखाया जाता है. कुछ दिनों में ही लोन की कुल रकम का दोगुना ब्याज मांगा जाता है. ऐसे मामलों में अगर कोई व्यक्ति किसी को ब्लैकमेल करता है तो पीड़ित व्यक्ति तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर इसकी सूचना दें. इसके अलावा नजदीकी पुलिस स्टेशन पर साइबर हेल्प डेस्क की मदद भी ली जा सकती है.
ऐसे रहें सुरक्षित: साइबर क्राइम से बचने के तरीके बताते हुए पुलिस अधीक्षक ने लोगों से जागरूक रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि ऐप से लोन लेने से पहले यह जांच लें कि वह कंपनी आरबीआई की अनुमति से लोन दे रही है या नहीं. कोई लोन ऐप किसी बैंक या एनबीएफसी के नाम पर कर्ज बांटने का दावा करता है तो उसके बारे में भी पहले संबंधित बैंक या एनबीएफसी से जानकारी लें. लोन लेने से पहले उसकी ब्याज दरें निर्धारित करा लें. इसके साथ ही इसका एग्रीमेंट भी बना लें, ताकि बाद में आपसे ज्यादा ब्याज की वसूली न हो सके. ऑनलाइन लोन देने वाली ऐसी कंपनियों से दूर रहें जो किस्त, भुगतान की अवधि और इसके तरीके के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं देती है. अगर कोई ऐप 4 फीसदी ब्याज पर कर्ज दे रहा है तो यह जांच लें कि ब्याज मासिक होगा या सालाना.
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एसपी ने बताया कि ऐसे लोन ऐप जो प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ज्यादा रुपए मांगती हैं या प्री-पेमेंट अथवा प्री-क्लोयजर फीस ज्यादा लेती हैं उन पर यकीन न करें. बैंक अकाउंट की जानकारी, डेबिट-क्रेडिट कार्ड का पिन अथवा अन्य निजी जानकारी मांगने वाली ऐप से भी सावधान रहने की जरूरत है. लोन ऐप के लिए आवेदन करने से पहले उसकी रेटिंग और रिव्यू के बारे में जरूर देख लें. बेहतर यही होगा कि हमेशा किसी बैंक या एनबीएफसी से जुड़े एप के जरिये ही कर्ज लिया जाए.