भिवानी: जिला प्रशासन की नई योजना के तहत अब सरकारी स्कूलों (smart government schools in bhiwani) में पढ़ने वाले बच्चे भी ब्रह्मांड और अंतरिक्ष का रहस्य और अध्ययन कर सकेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन ने एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है. जिसके तहत जिला मुख्यालय कस्बा बवानीखेड़ा के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एस्ट्रोनॉमी लैब तैयार करवाई जा रही है. ये लैब जल्द ही बनकर तैयार हो जाएंगी, जिसके बाद यहां पढ़ने वाले बच्चे स्पेस साईंस की जानकारी का अध्ययन हासिल कर सकेंगे.
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उल्लेखनीय है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी इसरो मिशन (Isro mission) पर पूरा फोकस है, इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा बच्चों स्पेस साईंस और ब्रह्मांड के बारे में रोचक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. जिला प्रशासन एस्ट्रोनॉमी लैब में चार टेलीस्कोप की सुविधा मुहैया करवाने की योजना कर रही है. जिससे बच्चे टेलीस्कॉप के द्वारा वायु मंडल, चांद, तारों को देख सकेंगे. जिला प्रशासन एस्ट्रोनॉमी लैब में 25 वर्किंग मॉडल स्थापित किए जाएंगे, जिससे बच्चे जान सकेंगे कि आसमान का रंग नीला क्यों है, तारे क्यों चमकते हैं, चांद और सूरज कहां छिप जाते हैं.
इस दौरान उपायुक्त आरएस ढिल्लो ने बताया कि एस्ट्रोनॉमी लैब बच्चों के ज्ञानवर्धन में मील का पत्थर साबित होगा. इससे बच्चे अंतरिक्ष के सवालों का जवाब जान सकेंगे. आरएस ढिल्लो ने बताया की बवानीखेड़ा स्कूल में सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिसपॉंसिबिलटी) फंड से लैब स्थापित करवाई जा रही हैं. भिवानी मुख्यालय पर शिक्षा विभाग द्वारा लैब स्थापित करवाई जाएगी. पत्रकार वार्ता में जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह श्योराण ने बताया कि उपायुक्त आरएस ढिल्लो के प्रयासों और सोच से ही एस्ट्रोनॉमी लैब स्थापित की जा रही हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सामान्य घरों के बच्चे भी स्पेस साईंस की जानकारी प्रेक्टिकल के तौर पर ले सकेंगे.
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