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अंबाला: बेघना नदी पर किसानों का जल सत्याग्रह, इस वजह से पानी में उतरने को मजबूर हुए अन्नदाता - अंबाला न्यूज

जल सत्याग्रह कर रहे किसानों ने बताया कि नारायणगढ़ शुगर मिल पर उनका करीब सवा सौ करोड़ रुपए का गन्ने का पेमेंट बकाया है. वो जनवरी से पेमेंट की मांग कर रहे हैं, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी कोई उनकी नहीं सुन रहा है.

बेघना नदी पर किसानों का जल सत्याग्रह
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Published : Aug 26, 2019, 10:27 AM IST

Updated : Aug 26, 2019, 1:00 PM IST

अंबाला: मुलाना में गेंहू की बकाया रकम की मांग को लेकर सैकड़ों किसान धरने पर बैठे हैं. मांग पूरी नहीं होता देख किसानों ने बेघना नदी में जल सत्याग्रह की शुरूआत की.

बकाया पेमेंट के लिए जल सत्याग्रह
जल सत्याग्रह कर रहे किसानों ने बताया कि नारायणगढ़ शुगर मिल पर उनका करीब सवा सौ करोड़ का गन्ने का पेमेंट बकाया है. वो जनवरी से पेमेंट की मांग कर रहे हैं, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी कोई उनकी नहीं सुन रहा है. किसानों ने सरकार पर अनदेखी की आरोप लगाते हुए कहा कि वो कई महीनों से पेमेंट की मांग कर रहे हैं. लेकिन अब तक सरकार ने उनकी मांग को पूरा करना तो दूर सुना तक नहीं है.

बकाया राशि के लिए किसानों का जल सत्याग्रह

चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी
किसान गन्ना संघर्ष समिति के नेता विनोद कुमार ने कहा कि वो फसल का रेट बढ़ाने की नहीं, बल्कि खुद के खून पसीने की कमाई वापस मांग रहे हैं. विनोद कुमार ने बताया कि सभी किसान 2 जनवरी से मिल के बाहर आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन अभी तक किसी ने उनकी सुध नहीं ली है. किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग जल्द पूरी नहीं की गई तो वो लोग चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

अंबाला: मुलाना में गेंहू की बकाया रकम की मांग को लेकर सैकड़ों किसान धरने पर बैठे हैं. मांग पूरी नहीं होता देख किसानों ने बेघना नदी में जल सत्याग्रह की शुरूआत की.

बकाया पेमेंट के लिए जल सत्याग्रह
जल सत्याग्रह कर रहे किसानों ने बताया कि नारायणगढ़ शुगर मिल पर उनका करीब सवा सौ करोड़ का गन्ने का पेमेंट बकाया है. वो जनवरी से पेमेंट की मांग कर रहे हैं, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी कोई उनकी नहीं सुन रहा है. किसानों ने सरकार पर अनदेखी की आरोप लगाते हुए कहा कि वो कई महीनों से पेमेंट की मांग कर रहे हैं. लेकिन अब तक सरकार ने उनकी मांग को पूरा करना तो दूर सुना तक नहीं है.

बकाया राशि के लिए किसानों का जल सत्याग्रह

चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी
किसान गन्ना संघर्ष समिति के नेता विनोद कुमार ने कहा कि वो फसल का रेट बढ़ाने की नहीं, बल्कि खुद के खून पसीने की कमाई वापस मांग रहे हैं. विनोद कुमार ने बताया कि सभी किसान 2 जनवरी से मिल के बाहर आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन अभी तक किसी ने उनकी सुध नहीं ली है. किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग जल्द पूरी नहीं की गई तो वो लोग चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

Intro:नारायणगढ़ शुगर मिल में नारायणगढ़ क्षेत्र,साढ़ोरा,अम्बाला कैन्ट,अम्बाला शहर,मुलाना,रायपुररानी,कालका, पंचकूला के क्षेत्र का गन्ना किसानो का गिरता था। जिसकी बकाया पेमेंट अब तक करीब सवा सौ करोड बकाया होने पर जहां किसान जनवरी से अपनी पेमेंट के लिए सर्घष पर है। लेकिन विडम्बना देखिये कि किसान का पैसा न देने वाली इस मिल से एक केन्द्रय मंत्री,6 विधायको का क्षेत्र के किसान जुडे हुए है। लेकिन फिर भी देश की जनता का पेट पालने वाले अन्नदाता की मांग पर कोई सरकार का नुमइंदा दिलाने वाला नही है। आज किसान मजबूरन बेगना नदी में चौथे दिन जल सत्याग्रह के लिए आन्दोलन कर रहा है। वह भी बरसाती मौसम में जहां जिला प्रशासन नदियो से दूर रहने की सलाह देते है लेकिन चार दिन से किसान अर्धनग्न होकर आज नदी में आन्दोलन पर बैठा है। यह किसान फसल की किमत बढ़ने की बात नही बल्कि अपनी खुन पसीने की कमाई गन्ने की फसल का पैसा मांग रहा है। जो शुगर मिल द्वारा हजम करे बैठा है। आज भी विभिन्न पार्टीयो के नेताओ व यूनियन ने सम्बोधित करते हुए सरकार का दोष निकालते हुए उनपर हमला बोला।

नारायणगढ़ शुगर मिल से नारायणगढ़ क्षेत्र,साढ़ोरा,अम्बाला कैन्ट,अम्बाला शहर,मुलाना,रायपुररानी,कालका, पंचकूला के क्षेत्र के हजारो किसान जुडे हुए है। इस क्षेत्र से अम्बाला कैन्ट के केन्द्र मंत्री एवं विधायक अनिल विज,अम्बाला शहर से असीम गोयल,नारायणगढ़ के पूर्व विधायक एवं कुरूक्षेत्र के संसद नायब सैनी,कालका के विधायक लतीका शर्मा,पंचकूला के विधायक ज्ञानचन्द गुप्ता व अम्बाला के संसद रतनलाल कटारिया,साढ़ोरा से विधायक बलवन्त सिंह जो सभी भाजपा पार्टी से होने के बावजूद भी किसानो की बकाया पेमेंट के प्रति इनका रवैया इस वक्त नकारात्मक है। तीन दिन से किसान जल सत्याग्रह आन्दोलन में है लेकिन इन्होने सुध तक नही ली।
Body:इनेलो पार्टी के कार्यकरणी के सदस्य एवं पूर्व प्रत्याक्षी विधायक जगमाल रोलो ने कहा कि मै भी एक किसान का बेटा हॅॅू। यह 5 साल में जब से भाजपा के सरकार आई है तब से यहा का किसान गन्ने के पेमेंट के लिए दुखी है। यहा नुमेइन्दा यहा से ब्याज खा रहा है। आप को अपने हक के पैसे नही मिल रहे। यह कितनी घटिया बात है। यह सरकार बहुत घटिया है।किसान के बीना कोई सरकार नही बन सकती। 36 बरादरी के लोग किसानो में आते है। अगर किसान एक जुट होकर इस सरकार का वाये काट करे तो यह सरकार नही आ सकती। अभी विधानसभा चुनाव नजदीक है । किसान इसे लठ्ठ से नही वोट की चोट से गिरना का काम करे ।
बाइट--- जगमाल रोलो -- फाइल 3 में है।
वोओं---
भारतीय किसान युनियन शाहबाद के मिडिया प्रभारी राकेश कुमार का कहना था कि भाजपा सरकार किसान विरोधी सरकार है। वह पुंजीपतियो की सरकार है। यह सरकार कभी बीज व कभी खाद के लिए तंग कर रही है। यह मरिक्का है सरकार का कि आप तंग होकर खेती छोड दे। आज का इसी लिए युवा 12 हजार रूप्ये के नौकरी करने को तैयार है लेकिन खेती नही करना चाहता। यह लोग खेती से बाहर निकालने की कौशिश कर रहे है। यह देष की खेती अम्बानी को देने जा रहे है। यह सरकार छोटे किसान को लाना नही चाहती । अब किसान एक जुट हो जाए । इस समय अपनी नितिया बदलनी पडेगी। किसान के हक की निती बनानी पडेगी।

बाइट--- राकेश कुमार - 5 फाइल में है।

वोओं---

किसान गन्ना संर्घष समिति के विनोद कुमार का कहना था कि हम अपनी फसल का पैसा मांग रहे है। कोई फसल का रेट बढ़ाने की बात नही हो रही बल्कि अपना खुन पसिने की कमाई लगाई हुई मांग रहे है। हमारा यहा मिल पर 2 जनवरी से अन्दोलन चल रहा है। हमारे गन्ने के पैसे दिए जाए। सरकार ने यह मिल चलवाया है। सरकार के कानुन से यह मिल चला रहा है। कैन कमिश्नर इस शुगर मिल को हर साल लाईसैस देता है। सरकार ने इस एरिया का गन्ना इस मिल में गिरने की बात कही हुई है। हम किसी भी अन्य मिल में गन्ना नही गिरा सकते। लेकिन फिर भी सरकार असर्मथ क्यो है ।
बाइट--- विनोद कुमार - 4 फाइल में है।

वोओ ---

बाइट--- भारतीय किसान यूनियन के अडिटर बलदेव सिंह - 6 फाइल में है।
Conclusion:
Last Updated : Aug 26, 2019, 1:00 PM IST
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