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इस्माइलपुर गांव के सरकारी स्कूल में नहीं है बेंच, ठिठुरती ठंड में टाट पर बैठने को मजबूर छात्र

ईटीवी भारत हरियाणा के साथ बातचीत के दौरान छात्रों ने बताया कि बेंच नहीं होने की वजह से उन्हें बहुत ठंड लगती है. इसके साथ ही बोर्ड पर देखकर पढ़ने में काफी परेशानी होती है.

Government Senior Secondary School of Ismailpur village in Ambala
Government Senior Secondary School of Ismailpur village in Ambala
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Published : Jan 29, 2020, 9:20 PM IST

अंबाला: इस्माइलपुर गांव का गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल बदहाल है. यहां 1 से 12वीं क्लास तक 263 बच्चे पढ़ते हैं. एक से पांच कक्षा तक 32 बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें 8 लड़कियां हैं. 6 से 8 कक्षा तक 98 बच्चे पढ़ते हैं जिनमें 48 लड़कियां हैं. 9 से 12 कक्षा तक 133 बच्चे पढ़ते हैं जिनमें 62 लड़कियां हैं. और इन बच्चों के लिए बेंचोंकी संख्या मात्र 17 है.

स्कूल में 263 बच्चे और बेंच मात्र 17
ईटीवी भारत हरियाणा के साथ बातचीत के दौरान छात्रों ने बताया कि बेंच नहीं होने की वजह से उन्हें बहुत ठंड लगती है. इसके साथ ही बोर्ड पर देखकर पढ़ने में काफी परेशानी होती है. बेंच नहीं होने की वजह से ज्यादातर ध्यान बच्चों का ठंड पर रहता है. बेंच नहीं होने की वजह से बच्चे मैट और टाट पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

इस्माइलपुर गांव के सरकारी स्कूल में नहीं है बेंच, क्लिक कर देखें वीडियो

शिक्षा विभाग ने जताई बेंच खरीदने की असमर्थता
शिक्षा विभाग ने भी स्वीकारा है कि उनके पास बेंचों की कमी है, शिक्षा विभाग ने बेंचोंको खरीदने में असमर्थता जताई है. साथ ही विभाग की तरफ से जल्द ही बेंचोंकी कमी को पूरा करने का आश्वासन दिया गया. लेकिन सवाल ये है कि शिकायत मिलने के बाद भी अभी तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया.

शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
स्कूल के कार्यकारी प्रिंसिपल राजेश कुमार से ईटीवी भारत के संवाददाता रवि चंदेल ने जब बेंचों की कमी को लेकर बात कही तो वो गोलमोल जवाब देते नजर आए. उन्होंने कहा कि कई बार शिक्षा विभाग को इस बारे में बताया गया है, लेकिन अभी तक इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें- कैदियों को सजा में रखने के बजाय सुधारने पर सरकार का जोर - रणजीत सिंह चौटाला

एक बड़ी समस्या ये भी है कि स्कूल तक आने के लिए कोई साधन ही नहीं है. जिसकी वजह से छात्राएं पैदल आने को मजबूर हैं. पैदल आने की वजह से छात्राओं को सुरक्षा को लेकर भी डर का माहौल रहता है.

अंबाला: इस्माइलपुर गांव का गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल बदहाल है. यहां 1 से 12वीं क्लास तक 263 बच्चे पढ़ते हैं. एक से पांच कक्षा तक 32 बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें 8 लड़कियां हैं. 6 से 8 कक्षा तक 98 बच्चे पढ़ते हैं जिनमें 48 लड़कियां हैं. 9 से 12 कक्षा तक 133 बच्चे पढ़ते हैं जिनमें 62 लड़कियां हैं. और इन बच्चों के लिए बेंचोंकी संख्या मात्र 17 है.

स्कूल में 263 बच्चे और बेंच मात्र 17
ईटीवी भारत हरियाणा के साथ बातचीत के दौरान छात्रों ने बताया कि बेंच नहीं होने की वजह से उन्हें बहुत ठंड लगती है. इसके साथ ही बोर्ड पर देखकर पढ़ने में काफी परेशानी होती है. बेंच नहीं होने की वजह से ज्यादातर ध्यान बच्चों का ठंड पर रहता है. बेंच नहीं होने की वजह से बच्चे मैट और टाट पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

इस्माइलपुर गांव के सरकारी स्कूल में नहीं है बेंच, क्लिक कर देखें वीडियो

शिक्षा विभाग ने जताई बेंच खरीदने की असमर्थता
शिक्षा विभाग ने भी स्वीकारा है कि उनके पास बेंचों की कमी है, शिक्षा विभाग ने बेंचोंको खरीदने में असमर्थता जताई है. साथ ही विभाग की तरफ से जल्द ही बेंचोंकी कमी को पूरा करने का आश्वासन दिया गया. लेकिन सवाल ये है कि शिकायत मिलने के बाद भी अभी तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया.

शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
स्कूल के कार्यकारी प्रिंसिपल राजेश कुमार से ईटीवी भारत के संवाददाता रवि चंदेल ने जब बेंचों की कमी को लेकर बात कही तो वो गोलमोल जवाब देते नजर आए. उन्होंने कहा कि कई बार शिक्षा विभाग को इस बारे में बताया गया है, लेकिन अभी तक इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें- कैदियों को सजा में रखने के बजाय सुधारने पर सरकार का जोर - रणजीत सिंह चौटाला

एक बड़ी समस्या ये भी है कि स्कूल तक आने के लिए कोई साधन ही नहीं है. जिसकी वजह से छात्राएं पैदल आने को मजबूर हैं. पैदल आने की वजह से छात्राओं को सुरक्षा को लेकर भी डर का माहौल रहता है.

Intro:अंबाला के सरकारी स्कूल बेंचो की कमी से जूझ रहे हैं। एक स्कूल ऐसा है जहां एक से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं के लिए मात्र 11 बेंच है । स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का कहना है उन्होंने आज तक बेंच पर बैठकर पढ़ाई नहीं की, वे अपनी स्कूली शिक्षा पूर्ण करने से पहले एक बार बेंच पर बैठकर पढ़ाई करना चाहते हैं। वहीं शिक्षा विभाग ने स्वीकारा है कि उनके पास बेंचो की कमी है लेकिन उन्होंने खरीदने में असमर्थता जताई है।


Body:हरियाणा के शिक्षा मंत्री का दावा है कि सरकारी स्कूल निजी स्कूल से बेहतर होंगे लेकिन धरातल पर यह काफी मुश्किल दिखाई देता है ।जिसका उदाहरण अंबाला जिले के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल इस्माइलपुर में देखने को मिला। यहां पर आलम यह है की पहले से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं के लिए सिर्फ 11 बेंच ही बचे हैं । जिसके चलते स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां पढ़ने वाले बच्चों का कहना है कि उन्होंने आज तक बेंच पर बैठ कर पढ़ाई नहीं की वह अपनी पढ़ाई पूरी कर स्कूल से बाहर निकलने से पहले बेंच पर बैठकर पढ़ना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उन्हें एक बार बेंच पर बैठकर पढ़ना नसीब हो जाए।

बाइट- छात्र-छात्राएं

सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों के पास तो बैठने के व्यापक प्रबंध हैं लेकिन इन बच्चों के लिए सोचने का समय किसी के पास नहीं है। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे आज भी टाट पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल प्रिंसिपल से भी हमने सवाल किया कि स्कूल में बेंच क्यों नहीं तो उन्होंने बताया वह अपनी डिमांड शिक्षा विभाग को भेज चुके हैं लेकिन उसके बावजूद कोई सुध लेने नहीं आया।

बाइट -राजेश कुमार, कार्यकारी प्रिंसिपल, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल इस्माइलपुर

सरकारी स्कूल में छात्र संख्या बढ़ाने की कोशिश और दावे बहुत हुए लेकिन धरातल पर जो दिखाई दे रहा है वह साफ-साफ बताता है कि सरकारी स्कूलों की तरफ रुझान कम क्यों है। सरकारी स्कूलों में बेंचो की कमी का सवाल हमने शिक्षा विभाग से भी किया जिस पर उप जिला शिक्षा अधिकारी ने हमें बताया कि बेंच खरीदने की पावर जिला शिक्षा विभाग के पास है ही नहीं। इसे सिर्फ हाई परचेज कमेटी ही खरीद सकती है,, वे डिमांड विभाग तक पहुंचा चुके हैं खरीद कब होगी कब बेंच आएंगे इसका जवाब उनके पास भी नहीं था।

बाइट सुधीर कालड़ा उप जिला शिक्षा अधिकारी


Conclusion:नोट: बता दें कि भारतीय जनता पार्टी लगातार दूसरी बार प्रदेश में सत्ता पर काबिज हुई है । लेकिन हाई परचेज कमेटी द्वारा वर्ष 2014 से लेकर अब तक प्रदेश के स्कूलों में बेंचों की व्यवस्था नहीं की गई ।बता दें कि पिछले कार्यकाल में हाई परचेज कमेटी के अध्यक्ष पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु रहे थे और इस कार्यकाल के अंदर अभी तक इस कमेटी का गठन ही नहीं हुआ।


गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल इस्माइलपुर के अंदर एक से बारहवीं तक 263 बच्चे पढ़ते हैं।
एक से पांच कक्षा तक- 32 बच्चे जिनमें 8 लड़कियां
6 से 8 कक्षा तक- 98 बच्चे जिनमें 48 लड़कियां
9 से 12 कक्षा तक -133 बच्चे जिनमें 62 लड़कियां

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