अंबाला: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में माहौल गरम है. प्रदेश में राजनीति चरम पर है. वहीं जनता भी चुनाव के लिए तैयार है. पिछले पांच सालों में जनप्रतिनिधियों के काम का आंकलन भी कर रही है और नए विकल्पों पर भी विचार कर रही है. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम हमारी खास पेशकश 'हरियाणा बोल्या' के तहत जनता का मूड जानने अंबाला सिटी विधानसभा क्षेत्र में पहुंची है.
अनुच्छेद 370 बना बीजेपी का हथियार!
अंबाला सिटी से बीजेपी पार्टी से असीम गोयल विधायक हैं. फिलहाल वो दोबारा मैदान में उतरे हैं. हमारी टीम ने जब ग्राउंड जीरो पर लोगों से विधानसभा चुनाव में उनकी राय जानी तो लोगों ने भी खुलकर प्रतिक्रिया दी. हालांकि ज्यादातर लोगों ने बीजेपी सरकार से संतुष्टी जाहिर की. उनका मानना था कि इस सरकार में कई राष्ट्रहित में कार्य हुए हैं. लोगों ने अनुच्छेद 370 और एयर स्ट्राइक जैसे मुद्दों के बारे में जिक्र किया.
विधायक से खुश है अंबाला की जनता
वहीं जब हमारी टीम ने लोगों से स्थानीय मुद्दों के बारे में पूछा तो लोगों का कहना है कि करीब 70 प्रतिशत काम तो हो ही चुका है. विधायक ने कई काम करवाए हैं. बस अड्डे की मांग थी जो कि बना दिया गया. वहीं कपड़ा व्यापारियों ने भी सरकार के काम काज को ठीक ठाक ही बताया. अब देखना होगा कि अंबाला की जनता जब वोट डालने जाएगी तो पाला किसका भारी होगा.
अंबाला विधानसभा का चुनावी इतिहास
अंबाला विधानसभा सीट का गठन 977 में हुआ है. यहां से पहली बार जनता पार्टी के शिव प्रसाद चुनाव जीतकर विधायक बनें. ये सीट शुरू से ही बीजेपी का मजबूत गढ़ रही है और मौजूदा समय में बीजेपी के असीम गोयल यहां से विधायक हैं. 2014 में असीम गोयल को 60216, एचजेसीपीवी के विनोद शर्मा को 36964, कांग्रेस के हिमत सिंह 34658 और अकाली दल के बलविंदर सिंह को 22783 को वोट मिले थे.
विधानसभा का चुनावी प्रोग्राम
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होने वाले हैं. वोटों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी. 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल दो नवंबर को खत्म हो जाएगा. हरियाणा में 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में, बीजेपी ने 47 सीट, इंडियन नेशनल लोकदल(आईएनएलडी) ने 19 जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थी. वहीं हरियाणा जनहित कांग्रेस(एचजेसी) ने दो सीट, शिरोमणी अकाली दल(शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने एक-एक सीटें जीती थी. पांच निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी यहां चुनाव में जीत दर्ज की थी.
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