अंबाला: कोरोना काल में एक ओर जहां लोगों की नौकरी जाने और सैलरी कटने से परिवार का खर्च चलाना भारी पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर जून महीने में लगातार पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी के चलते महंगाई भी बढ़ती जा रही है. जिसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ रहा है. इसके अलावा लॉकडाउन की मार झेल रहे ऑटो चालक भी पेट्रोल-डीजल के बढ़ते रेट से परेशान हैं.
गुरुवार को पेट्रोल पर 12 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 16 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. जिसके बाद पेट्रोल के दाम 78. 39 पैसे प्रति लीटर और डीजल 72.35 प्रति लीटर पहुंच गया है. लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दाम पर ईटीवी भारत ने अंबाला के ऑटो चालक से बातचीत की.
अंबाला शहर ऑटो यूनियन के प्रधान अंग्रेज सिंह ने बताया कि सारा दिन लगा कर भी वो सिर्फ 100 से 150 रुपये ही कमा पा रहे हैं. जिससे ना तो घर का खर्चा, बच्चों की फीस और लोन की किस्तें भरी जा रही हैं. उन्होंने बताया कि हमारी हालात बद से बदतर होती जा रही है, लेकिन कोई भी सुध लेने वाला नहीं है.
अंग्रेज सिंह ने कहा कि लॉकडाउन से पहले सारा खर्चा निकाल कर 500 से 600 रुपये आराम से कमा लेते थे. जिससे बच्चों की फीस से लेकर घर का खर्च और लोन की किस्तें आराम से भरी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है.
वहीं दूसरे ऑटो चालकों ने बताया कि सरकार ने हमें 4000 रुपये जनधन खातों में देने की बात कही थी, लेकिन आज तक 1 रुपये भी हमारे खाते में नहीं आया है. उल्टा पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाकर महंगाई से हमारी कमर ही तोड़ दी है. यहां तक कि हम बिजली और पानी के बिल भी नहीं भर पा रहे हैं.
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ऑटो चालकों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि हमारे खातों में जो वादा किया था इतने पैसे डाले जाएं. इसके अलावा पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए जाएं, साथ ही लोन की किस्तों में भी रियायतें दी जाएं.