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यूपी का धनंजय सालों से अंबाला में मांग रहा था भीख, फोन नंबर याद आया तो निकला करोड़पति

अंबाला कैंट की सड़कों पर भीख मांगने वाला एक युवक अच्छे परिवार का पढ़ा लिखा नौकरी पेशा निकला. युवक नशे का आदि होने के चलते घर से भाग अंबाला आ पहुंचा और उसकी बुरी आदतों ने उसे भिखारी बनाकर रख दिया.

geeta gopal satsang organization in ambala
नशे ने किया घर से दूर तो संस्था ने मिलाया परिवार
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Published : Jan 11, 2020, 7:57 PM IST

Updated : Jan 12, 2020, 9:37 PM IST

अंबालाः शहर में एक व्यक्ति पिछले दो साल से भीख मांग रहा था. अब दो साल बाद जब उसे अपने घर का नंबर याद आया और उसने लोगों को बताया तब पता चला कि वो करोड़पति है. युवक उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है और नशे का आदि होने के चलते घर से भाग आया था. युवक को वापस लेने के लिए उसकी बहन अंबाला आई थी.

नशे का था आदि
अंबाला कैंट की सड़कों पर भीख मांगने वाला एक युवक अच्छे परिवार का पढ़ा लिखा नौकरी पेशा निकला. युवक नशे का आदि होने के चलते घर से भाग अंबाला आ पहुंचा और उसकी बुरी आदतों ने उसे भिखारी बनाकर रख दिया. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अंबाला की गीता गोपाल संस्था ने एक युवक को बड़े-बड़े बालो में घायल अवस्था में देखा. जिसके बाद संस्था से जुड़े साहिल ने उसकी मदद करनी चाही लेकिन युवक तैयार नहीं हुआ.

नशे ने किया घर से दूर तो संस्था ने मिलाया परिवार

ऐसे पता चला परिवार का
इसके बाद संस्था के लोगों ने जैसे तैसे उसे मनाया गया और उसे फर्स्ट एड दिया गया. इस दौरान साहिल ने उससे उसके परिवार के बारे में जानना चाहा लेकिन युवक ने कुछ नहीं बताया. साहिल ने बताया कि काफी देर पूछताछ के बाद उसने किसी अपने भाई शिशु पाल का नंबर दिया. उन्होंने बताया कि शिशु पाल से जब फोन पर बात हुई तो पूरी कहानी का पता चला.

ये भी पढ़ेंः करनाल: रसूखदारों के अवैध कब्जे पर मेहरबान नगर निगम? गरीबों के आशियाने पर चलाया 'पीला पंजा'

अच्छे परिवार का पढ़ा लिखा है धनंजय
साहिल ने बताया कि धनंजय ने पहले अपना नाम धर्मेन्द्र बताया था लेकिन जब उसकी छोटी बहन नेहा से बात हुई तो उसने पूरी सच्चाई बताई. धनंजय अच्छे परिवार का पढ़ा लिखा लड़का है लेकिन नशे की आदत ने उसकी हालत ये कर दी. वो 2 बहनों का इकलौता भाई है.

भीख मांग कर रहा था गुजारा
धनंजय पहले दिल्ली में नौकरी करता था उसके बाद अंबाला आ गया, लेकिन पिछले 2 साल से परिवार के साथ उसका कोई संपर्क नहीं था. धनंजय अंबाला में भीख मांग कर गुजारा कर रहा था. गीता गोपाल संस्था के लोगों ने धनंजय के परिवार से संपर्क किया और उसकी बहन नेहा उसे अंबाला से वापस आजमगढ़ ले गई.

अंबालाः शहर में एक व्यक्ति पिछले दो साल से भीख मांग रहा था. अब दो साल बाद जब उसे अपने घर का नंबर याद आया और उसने लोगों को बताया तब पता चला कि वो करोड़पति है. युवक उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है और नशे का आदि होने के चलते घर से भाग आया था. युवक को वापस लेने के लिए उसकी बहन अंबाला आई थी.

नशे का था आदि
अंबाला कैंट की सड़कों पर भीख मांगने वाला एक युवक अच्छे परिवार का पढ़ा लिखा नौकरी पेशा निकला. युवक नशे का आदि होने के चलते घर से भाग अंबाला आ पहुंचा और उसकी बुरी आदतों ने उसे भिखारी बनाकर रख दिया. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अंबाला की गीता गोपाल संस्था ने एक युवक को बड़े-बड़े बालो में घायल अवस्था में देखा. जिसके बाद संस्था से जुड़े साहिल ने उसकी मदद करनी चाही लेकिन युवक तैयार नहीं हुआ.

नशे ने किया घर से दूर तो संस्था ने मिलाया परिवार

ऐसे पता चला परिवार का
इसके बाद संस्था के लोगों ने जैसे तैसे उसे मनाया गया और उसे फर्स्ट एड दिया गया. इस दौरान साहिल ने उससे उसके परिवार के बारे में जानना चाहा लेकिन युवक ने कुछ नहीं बताया. साहिल ने बताया कि काफी देर पूछताछ के बाद उसने किसी अपने भाई शिशु पाल का नंबर दिया. उन्होंने बताया कि शिशु पाल से जब फोन पर बात हुई तो पूरी कहानी का पता चला.

ये भी पढ़ेंः करनाल: रसूखदारों के अवैध कब्जे पर मेहरबान नगर निगम? गरीबों के आशियाने पर चलाया 'पीला पंजा'

अच्छे परिवार का पढ़ा लिखा है धनंजय
साहिल ने बताया कि धनंजय ने पहले अपना नाम धर्मेन्द्र बताया था लेकिन जब उसकी छोटी बहन नेहा से बात हुई तो उसने पूरी सच्चाई बताई. धनंजय अच्छे परिवार का पढ़ा लिखा लड़का है लेकिन नशे की आदत ने उसकी हालत ये कर दी. वो 2 बहनों का इकलौता भाई है.

भीख मांग कर रहा था गुजारा
धनंजय पहले दिल्ली में नौकरी करता था उसके बाद अंबाला आ गया, लेकिन पिछले 2 साल से परिवार के साथ उसका कोई संपर्क नहीं था. धनंजय अंबाला में भीख मांग कर गुजारा कर रहा था. गीता गोपाल संस्था के लोगों ने धनंजय के परिवार से संपर्क किया और उसकी बहन नेहा उसे अंबाला से वापस आजमगढ़ ले गई.

Intro:अंबाला कैंट की पुरानी अनाज मंडी में भीख मांगने वाले एक युवक को उसके घर वापिस पहुँचाने में गीता गोपाल संस्था ने मदद की है। भीख मांगने वाला युवक यूपी आजमगढ़ का रहने वाला है और नशे का आदि होंने के चलते घर से भाग आया युवक 2 साल से लापता था। कल धनंजय की बहन अंबाला आई और उसे वापिस ले गयीBody:अंबाला कैंट की सड़को पर भीख मांगने वाला एक युवक अच्छे परिवार का पढ़ा लिखा नौकरी पेशा निकला। युवक नशे का आदि होने के चलते घर से भाग अंबाला आ पहुंचा और उसकी बुरी आदतों ने उसे भिखारी बनाकर रख दिया। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अंबाला की गीता गोपाल संस्था ने एक युवक को बड़े बड़े बालो में घायल अवस्था में देखा। जिसके बाद संस्था से जुड़े साहिल ने उसकी मदद करनी चाही लेकिन युवक तैयार नही हुआ। जैसे तैसे उसे मनाया गया और उसे फर्स्ट एड दिया गया। इस दौरान साहिल ने उससे उसके परिवार के बारे में जानना चाहा लेकिन युवक ने पूछताछ में उसे अपने भाई का शिशु पाल का नम्बर दिया जिसके बाद पूरी कहानी पता चल पाई।

बाईट :-- साहिल - धनंजय की मदद करने वाला युवक।

वीओ :-- धनंजय ने पहले अपना नाम धर्मेन्द्र बताया था लेकिन जब उसकी छोटी बहन नेहा से बात हुई तो उसने पूरी सच्चाई बताई। धनंजय अच्छे परिवार का पढ़ा लिखा लड़का है लेकिन नशे की आदत ने उसकी हालत यह कर दी। वह 2 बहनों का इकलौता भाई है। धनंजय पहले दिल्ली में नौकरी करता था उसके बाद अंबाला आ गया। लेकिन पिछले 2 साल से परिवार के साथ उसका कोई संपर्क नही था। धनंजय अंबाला में भीख मांग कर गुजारा कर रहा था। गीता गोपाल संस्था के लोगो ने धनंजय के परिवार से संपर्क किया और उसकी बहन नेहा उसे अंबाला से वापिस आजमगढ़ ले गयी।

बाईट :-- पुनीत कटारिया - डाक्टर - गीता गोपाल संस्था।Conclusion:
Last Updated : Jan 12, 2020, 9:37 PM IST
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