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Asian Games: चीनी अधिकारियों की साजिश को ज्योति ने दी मात, 100 मीटर दौड़ में सिल्वर किया अपने नाम - Chinese officials attempt to get her disqualified

एशियन गेम्स 2023 में एक बार फिर चीन ने भारतीय खिलाड़ी के साथ साजिश कर उनका मेडल छीनने की कोशिश कर अपने देश की खिलाड़ी को देने की कोशिश की लेकिन भारत के अधिकारियों के विरोध के बाद ज्योति याराजी को इंसाफ मिला और उन्हें दूसरे स्थान पर मानकर उनको सिल्वर मेडल दिया गया. क्या है पूरा मामला आप भी जानिए..

jyothi yarraji
ज्योति याराजी
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By IANS

Published : Oct 1, 2023, 9:35 PM IST

हांगझोऊ : एशियन गेम्स में रविवार का दिन भारत के लिए काफी अच्छा रहा आज भारत के खिलाड़ियों ने गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल्स पर कब्जा किया. इसी कड़ी में भारत की ज्योति याराजी ने एशियाई खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में नाटकीय अंदाज में रजत पदक जीता. इससे पहले दौड़ अधिकारियों ने उन्हें चीनी प्रतिद्वंद्वी वू यान्नी के साथ अयोग्य घोषित करने का प्रयास किया. जिन्होंने गलत शुरुआत की थी. चीनी अधिकारियों ने ज्योति को भी अयोग्य घोषित करने की कोशिश की, हालांकि वह चीनी धावक की तुलना में धीमी थी लेकिन बाद में ज्योति के विरोध के बाद अधिकारियों ने दोनों को प्रतिस्पर्धा की अनुमति दे दी.

ज्योति ने दौड़ में भाग लिया और 12.91 के समय के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. पहले अयोग्य घोषित की गई चीनी धाविका ज्‍योति से आगे दूसरे स्थान पर रही लेकिन रेस पूरी होने के कुछ मिनट बाद ही भारतीय अधिकारियों ने विरोध जताया. अधिकारियों ने अंत में चीनी धावक यानि वू को अयोग्य घोषित कर दिया और ज्योति के पदक को रजत में अपग्रेड कर दिया.

चीनी अधिकारियों ने रची साजिश
एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की वरिष्‍ठ अध्‍यक्ष अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा, 'एक एथलीट के रूप में अपने पूरे जीवन में मैंने ऐसा कभी नहीं देखा. अधिकारी पहले किसी एथलीट को अयोग्य ठहराते हैं और फिर उसे वापस लाते हैं. उन्होंने ज्योति को बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन उसने कोई गलत शुरुआत नहीं की, उसके हाथ ट्रैक को छू रहे थे. चीनी धाविका पहले से ही एक कदम आगे थी. हमने तुरंत विरोध दर्ज कराया'.

भारतीयों का विरोध काम कर गया और अधिकारियों ने अंत में सही निर्णय लिया. लेकिन ऐसा लगता है कि पूरे नाटक और उसे अयोग्य घोषित करने के अवैध प्रयास का ज्योति पर असर पड़ा क्योंकि वह अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे सकी. ज्योति ने बाद में मिश्रित क्षेत्र में मीडिया से कहा, 'मुझे नियमों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन मैं स्पष्ट थी कि मैंने गलत शुरुआत नहीं की थी'.

ये खबर भी पढ़ें : Asian Games: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पदक विजेता को दी बधाई, जानें कितनी हो चुकी है भारत के पदकों की संख्या

हांगझोऊ : एशियन गेम्स में रविवार का दिन भारत के लिए काफी अच्छा रहा आज भारत के खिलाड़ियों ने गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल्स पर कब्जा किया. इसी कड़ी में भारत की ज्योति याराजी ने एशियाई खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में नाटकीय अंदाज में रजत पदक जीता. इससे पहले दौड़ अधिकारियों ने उन्हें चीनी प्रतिद्वंद्वी वू यान्नी के साथ अयोग्य घोषित करने का प्रयास किया. जिन्होंने गलत शुरुआत की थी. चीनी अधिकारियों ने ज्योति को भी अयोग्य घोषित करने की कोशिश की, हालांकि वह चीनी धावक की तुलना में धीमी थी लेकिन बाद में ज्योति के विरोध के बाद अधिकारियों ने दोनों को प्रतिस्पर्धा की अनुमति दे दी.

ज्योति ने दौड़ में भाग लिया और 12.91 के समय के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. पहले अयोग्य घोषित की गई चीनी धाविका ज्‍योति से आगे दूसरे स्थान पर रही लेकिन रेस पूरी होने के कुछ मिनट बाद ही भारतीय अधिकारियों ने विरोध जताया. अधिकारियों ने अंत में चीनी धावक यानि वू को अयोग्य घोषित कर दिया और ज्योति के पदक को रजत में अपग्रेड कर दिया.

चीनी अधिकारियों ने रची साजिश
एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की वरिष्‍ठ अध्‍यक्ष अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा, 'एक एथलीट के रूप में अपने पूरे जीवन में मैंने ऐसा कभी नहीं देखा. अधिकारी पहले किसी एथलीट को अयोग्य ठहराते हैं और फिर उसे वापस लाते हैं. उन्होंने ज्योति को बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन उसने कोई गलत शुरुआत नहीं की, उसके हाथ ट्रैक को छू रहे थे. चीनी धाविका पहले से ही एक कदम आगे थी. हमने तुरंत विरोध दर्ज कराया'.

भारतीयों का विरोध काम कर गया और अधिकारियों ने अंत में सही निर्णय लिया. लेकिन ऐसा लगता है कि पूरे नाटक और उसे अयोग्य घोषित करने के अवैध प्रयास का ज्योति पर असर पड़ा क्योंकि वह अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे सकी. ज्योति ने बाद में मिश्रित क्षेत्र में मीडिया से कहा, 'मुझे नियमों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन मैं स्पष्ट थी कि मैंने गलत शुरुआत नहीं की थी'.

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