रोहतक: जिला के सिंहपुरा कलां गांव में घर तोड़ने के पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Haryana High Court) के आदेश के विरोध में रविवार को ग्रामीणों ने रोष जताया. उन्होंने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आगमन से पहले ही जिला विकास भवन के बाहर डेरा डाल लिया था. दुष्यंत को यहां पर जिला परिवेदना समिति की बैठक में शामिल होने के लिए आना था. हालांकि बाद में पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने 7 सदस्यीय कमेटी को उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर बात रखने का आश्वासन दिया. जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए.
दरअसल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश (Protest against Haryana High Court order) पर जिले के सिंहपुरा कलां गांव की दलित बस्ती में कई घरों को तोड़ा जाना है. यह घर अवैध तौर पर यहां बने हुए हैं. इस बारे में प्रशासन को 2 सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट में जवाब देना है. इस संबंध में एक ग्रामीण ने ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. प्रशासन की टीम पुलिस को साथ लेकर जब अवैध तौर पर बने घरों को तोड़ने के लिए सिंहपुरा गांव गई तो ग्रामीणों ने जबरदस्त विरोध कर दिया.
वहीं, विपक्षी पार्टियों के कुछ नेता भी ग्रामीणों के समर्थन में आ गए हैं. जिसके चलते प्रशासनिक अमले को वहां से लौटना पड़ा था. इसी मामले को लेकर ग्रामीण रविवार को रोहतक पहुंचे थे. ग्रामीणों का कहना है कि वे कई साल से वहां पर रह रहे हैं और उनके पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है. इसलिए उन्हें न उजाड़ा जाए. इस दौरान ग्रामीणों के साथ मौजूद आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने कहा कि जब ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव पास करके इन मकानों को मंजूरी दे रखी है तो प्रशासन किस अधिकार से इन्हें तोड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के 2 और भी बहुत से फैसले हैं, जिन्हें सरकार क्यों नहीं लागू करवाती. बाद में ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी बात रखी. इससे पहले महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने हेलीपैड पर उपमुख्यमंत्री से मुलाकात की और सिंहपुरा की दलित बस्ती के मामले में लिखित ज्ञापन सौंपा. उन्होंने तोड़ फोड़ की कार्रवाई तुरंत रूकवाने की मांग की. विधायक ने कहा कि इन लोगों के गांव में मकान 50 साल से भी पुराने हैं. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश की आड़ लेकर सरकारी अमला इन मकानों को तुड़वाने पर उतारू है. जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
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