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नई शिक्षा नीति लागू तो हुई पर क्या बच्चों तक पहुंच पाई? देखिए इस रिपोर्ट में

केंद्र सरकार की तरफ से साल 2020 में नई शिक्षा नीति लागू की गई थी. नई शिक्षा नीति को लेकर सरकार का दावा था इस नई शिक्षा नीति से देश में शिक्षा के मायने को बदला जाएगा. इस रिपोर्ट में हम आपको बता रहे हैं कि रोहतक में नई शिक्षा नीति की मौजूदा स्थिति क्या है.

new education policy rohtak
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Published : Feb 9, 2021, 5:53 PM IST

Updated : Feb 15, 2021, 6:32 PM IST

रोहतक: पुराने ढर्रे से चली आ रही शिक्षा प्रणाली को बदलने की सरकार की मंशा तो सही थी, लेकिन 2020 में लागू की गई शिक्षा नीति अभी तक बच्चों तक नहीं पहुंच पाई है. हो सकता है इसका कारण कोरोना महामारी हो, लेकिन ज्यादातर शिक्षक और अधिकारी भी इन नए नियमों से अछूते हैं.

नई शिक्षा नीति में बच्चों का रखा गया ध्यान

नई शिक्षा नीति में बच्चों को ध्यान में रखते हुए कई बदलाव किए गए थे. केंद्र सरकार इसके लिए 5+3+3+4 फार्मूला लेकर आई. इसके साथ-साथ आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के बच्चे करीब 6 साल की उम्र तक शुरुआती शिक्षा हासिल ही नहीं करते थे, लेकिन इस नई शिक्षा नीति के मुताबिक 3-6 साल के सभी बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान किया गया.

नई शिक्षा नीति लागू तो हुई पर क्या बच्चों तक पहुंच पाई? देखिए इस रिपोर्ट में

इसके अलावा और भी कई प्रावधान किए गए थे. जिसके बारे में जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप पढ़ सकते हैं, और आसान भाषा में पूरी शिक्षा नीति और इसके फायदे समझ सकते हैं.

यहां पढ़ें- आसान भाषा में समझें नई शिक्षा नीति में क्या होगा बदलाव?

इस रिपोर्ट में बात करते हैं कि हरियाणा में नई शिक्षा नीति को लेकर मौजूदा स्थिति के बार में. बता दें कि, नई शिक्षा नीति बना तो दी गई है और इस पर मंथन भी हुआ, लेकिन बच्चों तक ये नई शिक्षा नीति नहीं पहुंच पाई है. यही नहीं शिक्षकों और अधिकारियों को भी इसका पूरा ज्ञान नहीं है.

अभी शिक्षकों को नहीं है नई नीति का पूरा ज्ञान

शिक्षा अधिकारी सुनीता सेहरावत ने बताया कि नई शिक्षा नीति लागू तो हो गई है, लेकिन अभी तक उसका पूरी तरह से ज्ञान नहीं है. उन्होंने कहा कि समय-समय पर बैठकों का दौर जारी है, लेकिन इसे पूर्ण रूप से अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में भी खाली नहीं हुई गुरुग्राम नगर निगम की तिजोरी, वसूला 210 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स

उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति लागू होने से बच्चों का भविष्य सुधरेगा क्योंकि शुरू से ही उनके स्किल डेवलपमेंट पर काम होगा और जब बच्चे उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजों में जाएगा तो देश आगे बढ़ेगा और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

नई शिक्षा नीति को लेकर बच्चे उत्साहित

वहीं नई शिक्षा नीति को लेकर स्कूली बच्चें भी उत्साहित हैं. बच्चों का मानना है कि इससे उनका भविष्य सुधरेगा क्योंकि ये बच्चे गांव में पढ़ते हैं और यदि शुरू से ही शिक्षा में सुधार होगा तो उच्च लेवल पर पहुंचते-पहुंचते रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे.

आखिर कब से मिलेगा बच्चों को नई नीति का फायदा?

बहरहाल नई शिक्षा नीति को लेकर बच्चे तो उत्साहित हैं लेकिन इस नीति को पूर्ण रूप से लागू करने को लेकर सरकार और प्रशासन लापरवाही बरत रहे हैं जिस वजह से रोहतक में तो अभी नई शिक्षा नीति का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है.

ये भी पढ़ें- इस गांव में बच्चा पैदा होने पर दी जाती है बास्केटबॉल, निकले हैं कई इंटरनेशनल खिलाड़ी

रोहतक: पुराने ढर्रे से चली आ रही शिक्षा प्रणाली को बदलने की सरकार की मंशा तो सही थी, लेकिन 2020 में लागू की गई शिक्षा नीति अभी तक बच्चों तक नहीं पहुंच पाई है. हो सकता है इसका कारण कोरोना महामारी हो, लेकिन ज्यादातर शिक्षक और अधिकारी भी इन नए नियमों से अछूते हैं.

नई शिक्षा नीति में बच्चों का रखा गया ध्यान

नई शिक्षा नीति में बच्चों को ध्यान में रखते हुए कई बदलाव किए गए थे. केंद्र सरकार इसके लिए 5+3+3+4 फार्मूला लेकर आई. इसके साथ-साथ आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के बच्चे करीब 6 साल की उम्र तक शुरुआती शिक्षा हासिल ही नहीं करते थे, लेकिन इस नई शिक्षा नीति के मुताबिक 3-6 साल के सभी बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान किया गया.

नई शिक्षा नीति लागू तो हुई पर क्या बच्चों तक पहुंच पाई? देखिए इस रिपोर्ट में

इसके अलावा और भी कई प्रावधान किए गए थे. जिसके बारे में जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप पढ़ सकते हैं, और आसान भाषा में पूरी शिक्षा नीति और इसके फायदे समझ सकते हैं.

यहां पढ़ें- आसान भाषा में समझें नई शिक्षा नीति में क्या होगा बदलाव?

इस रिपोर्ट में बात करते हैं कि हरियाणा में नई शिक्षा नीति को लेकर मौजूदा स्थिति के बार में. बता दें कि, नई शिक्षा नीति बना तो दी गई है और इस पर मंथन भी हुआ, लेकिन बच्चों तक ये नई शिक्षा नीति नहीं पहुंच पाई है. यही नहीं शिक्षकों और अधिकारियों को भी इसका पूरा ज्ञान नहीं है.

अभी शिक्षकों को नहीं है नई नीति का पूरा ज्ञान

शिक्षा अधिकारी सुनीता सेहरावत ने बताया कि नई शिक्षा नीति लागू तो हो गई है, लेकिन अभी तक उसका पूरी तरह से ज्ञान नहीं है. उन्होंने कहा कि समय-समय पर बैठकों का दौर जारी है, लेकिन इसे पूर्ण रूप से अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.

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उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति लागू होने से बच्चों का भविष्य सुधरेगा क्योंकि शुरू से ही उनके स्किल डेवलपमेंट पर काम होगा और जब बच्चे उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजों में जाएगा तो देश आगे बढ़ेगा और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

नई शिक्षा नीति को लेकर बच्चे उत्साहित

वहीं नई शिक्षा नीति को लेकर स्कूली बच्चें भी उत्साहित हैं. बच्चों का मानना है कि इससे उनका भविष्य सुधरेगा क्योंकि ये बच्चे गांव में पढ़ते हैं और यदि शुरू से ही शिक्षा में सुधार होगा तो उच्च लेवल पर पहुंचते-पहुंचते रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे.

आखिर कब से मिलेगा बच्चों को नई नीति का फायदा?

बहरहाल नई शिक्षा नीति को लेकर बच्चे तो उत्साहित हैं लेकिन इस नीति को पूर्ण रूप से लागू करने को लेकर सरकार और प्रशासन लापरवाही बरत रहे हैं जिस वजह से रोहतक में तो अभी नई शिक्षा नीति का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है.

ये भी पढ़ें- इस गांव में बच्चा पैदा होने पर दी जाती है बास्केटबॉल, निकले हैं कई इंटरनेशनल खिलाड़ी

Last Updated : Feb 15, 2021, 6:32 PM IST
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