रोहतक: महम कांड की सुनवाई अब सेशन जज एस नारंग करेंगे. महम कांड में इनेलो नेता अभय चौटाला सहित सात आरोपियों के खिलाफ अभी तक एडीजे के कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. शुक्रवार को एडीजे फखरुद्दीन की अदालत से केस को सेशन जज की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया. मामले की अब पांच जुलाई को सुनवाई होगी.
भिवानी जिले के गांव खरक जाटान निवासी रामफल ने अपने वकील एसएस सांगवान के माध्यम से अदालत में सीआरपीसी की धारा 397 के तहत याचिका दायर की.
दायर इस्तगासे के मुताबिक याचिकाकर्ता का कहना है कि 27 फरवरी 1990 को महम विधानसभा के उपचुनाव में उसके बड़े भाई हरि सिंह की मौत हो गई थी. इसके लिए इनेलो नेता अभय चौटाला, पूर्व डीआईजी शमशेर सिंह अहलावत, करनाल के पूर्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेश चंद्र, भिवानी के डीएसपी रहे सुखदेव राज राणा और गांव दरियापुर के भूपेंद्र उर्फ भूपी, हिसार के गांव दौलतपुर निवासी पप्पू और फतेहाबाद जिले के गांव गिल्ला खेड़ा निवासी अजीत सिंह जिम्मेदार हैं.
मामले की लंबे समय तक पुलिस सहित कई एजेंसी ने जांच की, लेकिन मामला अनट्रेस मानकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. इसके चलते रामफल ने महम अदालत में याचिका दायर कर दोबारा से मामले की जांच की मांग की. महम अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया. जिसके बाद रामफल ने एडीजे कोर्ट में अपील की थी. अब केस को सेशन जज की अदालत में भेज दिया गया है.
क्या है महम कांड?
बता दे कि 1990 में रोहतक के महम में विधानसभा के उपचुनाव में एक खूनी संघर्ष में 10 लोगों की मौत हो गई थी और आधा दर्जन लोग घायल हो गए थे, इसी घटना को महम कांड कहा जाता है.