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लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल किए जाने पर फिर लामबंद हुई हरियाणा की खाप पंचायतें

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Published : Jul 16, 2022, 8:20 PM IST

लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 किये जाने को लेकर हरियाणा की खाप पंचायतें एक बार फिर लामबंद होने लगी है. संसद का आगामी मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरु हो रहा है. माना जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र में बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 (Child Marriage Prohibition Amendment Bill 2021) पेश किया जा सकता है.

haryana khap on girl Marriage age
haryana khap on girl Marriage age

रोहतक: लड़कियों की शादी की उम्र (haryana khap on girl Marriage age) 18 से 21 वर्ष किए जाने पर सर्वखाप पंचायत हरियाणा ने फिर एतराज जताया है. सर्वखाप पंचायत ने संसद के मानसून सत्र में पेश होने वाले बिल पर दोबारा विचार करने की मांग केंद्र सरकार से की है. शनिवार को सर्वखाप पंचायत की बैठक रोहतक के स्थानीय सनसिटी में हुई. इस बैठक की अध्यक्षता रोहतक खाप 84 के प्रधान हरदीप अहलावत ने की.

इस बैठक में चर्चा हुई कि इस बिल से परिवारों और समाज पर सीधा प्रभाव पड़ेगा. ऐसे में सामाजिक संस्थाओं और समाज से रायशुमारी करना अति आवश्यक था. लेकिन सरकार ने किसी भी सामाजिक संस्था से इसके बारे में ठोस विचार विमर्श नही किया है. सरकार ने कुछ समय पहले अपने खास और चुनिंदा लोगों से इसके बारे में राय ली है. उनमें से अधिकतर लोगों ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है और इस पर नकारात्मक टिप्पणियां दी हैं.

सर्वखाप पंचायत के संयोजक महेंद्र नांदल ने कहा कि आधुनिक परिवेश में जो बेटियां 18 वर्ष की आयु के बाद आगे पढ़ाई जारी रख कर अपना कैरियर बनाना चाहती हैं उनके लिए कोई रोक नहीं है. उनकी पढ़ाई के लिए परिवार और समाज हर प्रकार की मदद करने को तैयार रहता है, लेकिन जो बेटियां बारहवीं कक्षा के बाद आगे पढ़ने की इच्छुक नहीं होती है उनके लिए 21 वर्ष की आयु पूरी करने की लक्ष्मण रेखा खीचना ठीक नही है.

खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि कानूनन 18 वर्ष की आयु में बेटा या बेटियां प्रौढ़ हो जाते हैं. आज सामाजिक ताना बाना बिगड़ रहा है. जिससे लड़के-लड़कियां लिव इन रिलेशनशिप के नाम पर सामाजिक मर्यादाओं को तिलांजलि दे रहे हैं. अहलावत खाप के प्रधान जय सिंह अहलावत ने कहा कि यह कानून सरकार व परिवारों के लिए एक दिन संकटपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है. इसलिए सामाजिक मर्यादाओं, सामाजिक आवश्यकताओं तथा सामाजिक ताने-बाने के लिए बेटियों की शादी की आयु 18 वर्ष ही रहने देनी चाहिए.

संसद का आगामी मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है. सरकार संसद के मानसून सत्र में 24 बिल पेश कर सकती है. इसमें बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 भी शामिल है. बाल विवाह निषेध संशोधन बिल, 2021 में महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव है. जबकि पुरुषों के लिए उम्र 21 साल ही है.

रोहतक: लड़कियों की शादी की उम्र (haryana khap on girl Marriage age) 18 से 21 वर्ष किए जाने पर सर्वखाप पंचायत हरियाणा ने फिर एतराज जताया है. सर्वखाप पंचायत ने संसद के मानसून सत्र में पेश होने वाले बिल पर दोबारा विचार करने की मांग केंद्र सरकार से की है. शनिवार को सर्वखाप पंचायत की बैठक रोहतक के स्थानीय सनसिटी में हुई. इस बैठक की अध्यक्षता रोहतक खाप 84 के प्रधान हरदीप अहलावत ने की.

इस बैठक में चर्चा हुई कि इस बिल से परिवारों और समाज पर सीधा प्रभाव पड़ेगा. ऐसे में सामाजिक संस्थाओं और समाज से रायशुमारी करना अति आवश्यक था. लेकिन सरकार ने किसी भी सामाजिक संस्था से इसके बारे में ठोस विचार विमर्श नही किया है. सरकार ने कुछ समय पहले अपने खास और चुनिंदा लोगों से इसके बारे में राय ली है. उनमें से अधिकतर लोगों ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है और इस पर नकारात्मक टिप्पणियां दी हैं.

सर्वखाप पंचायत के संयोजक महेंद्र नांदल ने कहा कि आधुनिक परिवेश में जो बेटियां 18 वर्ष की आयु के बाद आगे पढ़ाई जारी रख कर अपना कैरियर बनाना चाहती हैं उनके लिए कोई रोक नहीं है. उनकी पढ़ाई के लिए परिवार और समाज हर प्रकार की मदद करने को तैयार रहता है, लेकिन जो बेटियां बारहवीं कक्षा के बाद आगे पढ़ने की इच्छुक नहीं होती है उनके लिए 21 वर्ष की आयु पूरी करने की लक्ष्मण रेखा खीचना ठीक नही है.

खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि कानूनन 18 वर्ष की आयु में बेटा या बेटियां प्रौढ़ हो जाते हैं. आज सामाजिक ताना बाना बिगड़ रहा है. जिससे लड़के-लड़कियां लिव इन रिलेशनशिप के नाम पर सामाजिक मर्यादाओं को तिलांजलि दे रहे हैं. अहलावत खाप के प्रधान जय सिंह अहलावत ने कहा कि यह कानून सरकार व परिवारों के लिए एक दिन संकटपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है. इसलिए सामाजिक मर्यादाओं, सामाजिक आवश्यकताओं तथा सामाजिक ताने-बाने के लिए बेटियों की शादी की आयु 18 वर्ष ही रहने देनी चाहिए.

संसद का आगामी मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है. सरकार संसद के मानसून सत्र में 24 बिल पेश कर सकती है. इसमें बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 भी शामिल है. बाल विवाह निषेध संशोधन बिल, 2021 में महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव है. जबकि पुरुषों के लिए उम्र 21 साल ही है.

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