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हरियाणा में बीजेपी का मेगा प्लान, रोहतक में ऐसे विरोधी खेमों में 'भगवा' लगाएगा सेंध

एक तरफ कांग्रेस आपसी लड़ाई में व्यस्त है, तो दूसरी तरफ बीजेपी रोहतक का किला फतह करने की जुगत में जुटी है और जाटलैंड के चक्रव्यूह को भेदने की कोशिश कर रही है. ऐसे में विपक्षी पार्टियों के गढ़ में लगातार सेंधमारी कर नेताओं को तोड़ा जा रहा है और अब ऐसा हो गया है कि रोहतक बीजेपी के छोटे नेताओं से लेकर बड़े नेताओं तक की पहली पसंद बनता जा रहा है. ऐसा क्यों जानिए.

जेपी नड्डा
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Published : Jul 28, 2019, 3:33 PM IST

रोहतक: हरियाणा में लोकसभा चुनाव में 10 सीटों पर कब्जा जमाने के बाद बीजेपी विधानसभा चुनाव में 75 पार का मिशन लेकर चल रही है और बीजेपी ने लगभग-लगभग अपने जीत का फॉर्मूला भी तैयार कर लिया है, तभी तो जेपी नड्डा जाटलैंड रोहतक में जीत का मंत्र देने पहुंचे हैं. कहने को बीजेपी कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोहतक दौरा एक साधारण प्रक्रिया है, लेकिन इसके पीछे मकसद बड़ा माना जा रहा है, विपक्षी पार्टियों के गढ़ में लगातार सेंधमारी कर नेताओं को तोड़ा जा रहा है.

कांग्रेस आपसी लड़ाई में व्यस्त !
एक तरफ कांग्रेस आपसी लड़ाई में व्यस्त है, तो दूसरी तरफ बीजेपी रोहतक का किला फतह करने की जुगत में जुटी है और जाटलैंड के चक्रव्यूह को भेदने की कोशिश कर रही है. ऐसे में विपक्षी पार्टियों के गढ़ में लगातार सेंधमारी कर नेताओं को तोड़ा जा रहा है और अब ऐसा हो गया है कि रोहतक बीजेपी के छोटे नेताओं से लेकर बड़े नेताओं तक की पहली पसंद बनता जा रहा है.

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भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस नेता (फाइल)

रोहतक पर टिकी बीजेपी की निगाहें !
रोहतक में बीजेपी के कम और विपक्षी दलों के विधायक ज्यादा हैं और यहां पार्टी अधिक से अधिक सीटें जीतना चाहती है. रोहतक ही क्यों बीजेपी की निगाहें सिरसा, हिसार, मेवात, जींद, कैथल और सोनीपत जिलों पर रहेगी, क्योंकि यहां पर भी विपक्षी दलों के विधायक बीजेपी से ज्यादा है. बीजेपी लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव में भी गैर जाट वोट को एकजुट करते हुए जाट वोट में सेंधमारी करने की तैयारी में है और इसकी शुरूआत बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कर दी है.

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जेपी नड्डा, बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष (फाइल)

शाह ने बनाया था रोहतक का किला ढहाने का चक्रव्यूह !
लोकसभा चुनाव से पहले अगस्त 2017 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी तीन दिन के प्रवास पर रोहतक आए थे. अमित शाह ने रोहतक में ही हुड्डा पिता-पुत्र के अलावा विपक्ष का सुपड़ा साफ करने का गणित हरियाणा बीजेपी के नेताओं को समझाया था. अमित शाह की प्लानिंग का असर यह रहा कि लोकसभा चुनाव में हुड्डा पिता-पुत्र का किला ढह गया और पूरे विपक्ष का सुपड़ा साफ हो गया. हरियाणा की दस की दस सीटों पर कमल खिल गया. उसी जीत को दोहराने के लिए बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रोहतक आए और जीत का मंत्र फूंका.

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अमित शाह, गृहमंत्री (फाइल)

बीजेपी का मकसद भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला से हराना !
सबसे पहले बीजेपी का मकसद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर कांग्रेसी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला किलोई से हराना है, जिसके बाद बीजेपी का रास्ता साफ हो जाएगा. क्योंकि इस वक्त बीजेपी के सामने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा प्रदेश में और कोई बड़ा नेता नहीं है, क्योंकि इनेलो सीधे तौर पर न सही पर अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी में मर्ज हो रही है. बीजेपी अबकी बार चाहेगी कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए ताकि आने समय में रोहतक हुड्डा का गढ़ न कहलाकर बीजेपी का गढ़ कहलाए.

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दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस नेता (फाइल)

रोहतक जिले में विधानसभा सीटों पर विधायक

  • महम से कांग्रेस के आनंद सिंह दांगी विधायक
  • गढ़ी सांपला किलोई से कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा
  • रोहतक से बीजेपी के मनीष कुमार ग्रोवर
  • कलानौर से कांग्रेस की शकुंतला खटक

रोहतक लोकसभा सीट

  • 1951 और 1957 में कांग्रेस के रणबीर सिंह हुड्डा दो बार सांसद रहे थे
  • 1967 में कांग्रेस के चौधरी रणधीर सिंह
  • 1991, 1996 और 1998 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हैट्रिक मारी
  • 2004 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा फिर सांसद बने
  • 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया
  • 2005, 2009 और 2014 में दीपेन्द्र सिंह हुड्डा तीन बार सांसद रहे

रोहतक: हरियाणा में लोकसभा चुनाव में 10 सीटों पर कब्जा जमाने के बाद बीजेपी विधानसभा चुनाव में 75 पार का मिशन लेकर चल रही है और बीजेपी ने लगभग-लगभग अपने जीत का फॉर्मूला भी तैयार कर लिया है, तभी तो जेपी नड्डा जाटलैंड रोहतक में जीत का मंत्र देने पहुंचे हैं. कहने को बीजेपी कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोहतक दौरा एक साधारण प्रक्रिया है, लेकिन इसके पीछे मकसद बड़ा माना जा रहा है, विपक्षी पार्टियों के गढ़ में लगातार सेंधमारी कर नेताओं को तोड़ा जा रहा है.

कांग्रेस आपसी लड़ाई में व्यस्त !
एक तरफ कांग्रेस आपसी लड़ाई में व्यस्त है, तो दूसरी तरफ बीजेपी रोहतक का किला फतह करने की जुगत में जुटी है और जाटलैंड के चक्रव्यूह को भेदने की कोशिश कर रही है. ऐसे में विपक्षी पार्टियों के गढ़ में लगातार सेंधमारी कर नेताओं को तोड़ा जा रहा है और अब ऐसा हो गया है कि रोहतक बीजेपी के छोटे नेताओं से लेकर बड़े नेताओं तक की पहली पसंद बनता जा रहा है.

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भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस नेता (फाइल)

रोहतक पर टिकी बीजेपी की निगाहें !
रोहतक में बीजेपी के कम और विपक्षी दलों के विधायक ज्यादा हैं और यहां पार्टी अधिक से अधिक सीटें जीतना चाहती है. रोहतक ही क्यों बीजेपी की निगाहें सिरसा, हिसार, मेवात, जींद, कैथल और सोनीपत जिलों पर रहेगी, क्योंकि यहां पर भी विपक्षी दलों के विधायक बीजेपी से ज्यादा है. बीजेपी लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव में भी गैर जाट वोट को एकजुट करते हुए जाट वोट में सेंधमारी करने की तैयारी में है और इसकी शुरूआत बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कर दी है.

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जेपी नड्डा, बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष (फाइल)

शाह ने बनाया था रोहतक का किला ढहाने का चक्रव्यूह !
लोकसभा चुनाव से पहले अगस्त 2017 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी तीन दिन के प्रवास पर रोहतक आए थे. अमित शाह ने रोहतक में ही हुड्डा पिता-पुत्र के अलावा विपक्ष का सुपड़ा साफ करने का गणित हरियाणा बीजेपी के नेताओं को समझाया था. अमित शाह की प्लानिंग का असर यह रहा कि लोकसभा चुनाव में हुड्डा पिता-पुत्र का किला ढह गया और पूरे विपक्ष का सुपड़ा साफ हो गया. हरियाणा की दस की दस सीटों पर कमल खिल गया. उसी जीत को दोहराने के लिए बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रोहतक आए और जीत का मंत्र फूंका.

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अमित शाह, गृहमंत्री (फाइल)

बीजेपी का मकसद भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला से हराना !
सबसे पहले बीजेपी का मकसद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर कांग्रेसी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला किलोई से हराना है, जिसके बाद बीजेपी का रास्ता साफ हो जाएगा. क्योंकि इस वक्त बीजेपी के सामने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा प्रदेश में और कोई बड़ा नेता नहीं है, क्योंकि इनेलो सीधे तौर पर न सही पर अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी में मर्ज हो रही है. बीजेपी अबकी बार चाहेगी कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए ताकि आने समय में रोहतक हुड्डा का गढ़ न कहलाकर बीजेपी का गढ़ कहलाए.

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दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस नेता (फाइल)

रोहतक जिले में विधानसभा सीटों पर विधायक

  • महम से कांग्रेस के आनंद सिंह दांगी विधायक
  • गढ़ी सांपला किलोई से कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा
  • रोहतक से बीजेपी के मनीष कुमार ग्रोवर
  • कलानौर से कांग्रेस की शकुंतला खटक

रोहतक लोकसभा सीट

  • 1951 और 1957 में कांग्रेस के रणबीर सिंह हुड्डा दो बार सांसद रहे थे
  • 1967 में कांग्रेस के चौधरी रणधीर सिंह
  • 1991, 1996 और 1998 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हैट्रिक मारी
  • 2004 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा फिर सांसद बने
  • 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया
  • 2005, 2009 और 2014 में दीपेन्द्र सिंह हुड्डा तीन बार सांसद रहे
Intro:भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नाढ्ढा का रोहतक दौरा यू तो संगठन की साधारण सी प्रक्रिया नज़र आती है लेकिन इसके पीछे मकसद बहुत बड़ा हो सकता ह जहां विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस आपने लड़ाई में व्यस्त हैं वहीं बीजेपी संगठन को मजबूत करते हुए चरम सीमा तक पहुंच रही है बीजेपी जिला ब्लाक और अंत में बूथ स्तर तक पहुंच चुकी है वहीं कांग्रेस संगठन के बारे में जानती ही नहीं खासतौर पर हरियाणा में बीजेपी की बूथ स्तर की मजबूती का सीधा फायदा उठा भी चुकी है इसका उदाहरण जींद उपचुनाव 5 जिलों के नगर निगम के और दिल जैकपोट हरियाणा में लोकसभा की तस्वीर 10 सीट जबकि कांग्रेस नगर निगम प्रत्याशी चुनाव और लोकसभा के चुनाव


Body:रोहतक:-बीजेपी के छोटे नेता से लेकर बड़े नेताओं तक रोहतक पहली पसंद बनता जा रहा है,आखिर रोहतक मे ही ऐसा क्या है जो नेता भागते हुए पहुच रहे है,इसका ताजा उदाहरण है भाजपा के तत्कालीन कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नाढ्ढा जेपी नड्डा रोहतक के 2 दिन दौरे पर आए हुए इस दौरान वह अनेक कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं लेकिन रोहतक में आने के पीछे एक खास मकसद यह भी हो सकता है कि रोहतक हुडा परिवार का गढ़ रहा है चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा 10 साल मुख्यमंत्री रहे वही उनके पिता रणवीर सिंह हुडा तीन बार सांसद रह चुके है तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी तीन बार सांसद रह चुके 45 साल की सत्ता तोड़ना कोई आसान बात रही भूपेंद्र सिंह हुड्डा कद्दावर नेता रहे और इलाके में अच्छा रुतबा रखते हैं वही अगर 1 साल पीछे जाएं तो तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी रोहतक के 3 दिन दौरे पर आए थे उस दौरान भी चर्चाएं आम चली हुई थी अमित शाह हुडा का गढ़ तोड़ने के लिए आए और हुआ भी वही जिसका अंदेशा लगाया जा रहा था बीजेपी ने हुड्डा के गढ़ में सेंध लगाई दीपेंदर सिंह हुडा को हराकर 10 की 10 लोकसभा की सीट अपने नाम कर ली तब जाकर लोगों की समझ में आया कि अमित शाह केवल साधारण कार्यकर्ताओं की मीटिंग के लिए नहीं आए थे बल्कि एक ठोस रणनीति के तहत हुडा के गढ़ में सेंध लगाने के लिए आए थे


Conclusion:लेकिन जब लोकसभा के चुनाव हो चुके हैं तो अब कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोहतक आने का मकसद क्या हो सकता है अगर गहराई से सोचा जाए तो रोहतक में कहीं ना कहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा का रुतबा अभी कायम तो क्या भूपिंदर सिंह हुडा को जो कि जाट लीडर के रूप में भी जाने जाते हैं उनको पूरी तरह से खत्म करने के मकसद से रोहतक आए है गौरतलब है कि रोहतक और सोनीपत जाटलैंड माने जाते हैं और भूपिंदर सिंह हुडा जाट नेता होने के नाते इन दोनों जगह पर अपनी काबिलियत रखते आप बीजेपी की नैना रोहतक और सोनीपत की विधानसभा की सीटों पर है क्योंकि 2014 में बहादुरगढ़ और रोहतक ही बीजेपी जीत पाई थी जबकि 7 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी और लोकसभा के चुनाव में इन दोनों जगह से ही बीजेपी थोड़ी बहुत लेट कर पाई थी लेकिन इस बार बीजेपी का मंसूबा कुछ और ही बीजेपी गढ़ी सांपला किलोई समर्थ रोहतक विधानसभा की चारों सीटों पर फतह करना पहुंचाती है सबसे पहले बीजेपी का मकसद भूपिंदर सिंह हुडा को घड़ी सांपला किलोई से हराना है जिसके बाद बीजेपी का रास्ता साफ हो जाएगा क्योंकि इस वक्त बीजेपी के सामने भूपेंद्र सिंह हुडा के अलावा कोई बड़ा नेता नहीं है क्योंकि इनेलो सीधे तौर पर ना सही इनडायरेक्ट तरीके से बीजेपी में मर्ज हो रही है लेकिन जाटलैंड में यदि जाटों के नेता के रूप में किसी की पहचान है तो भूपेंद्र सिंह हुडा के रूप में और बीजेपी अबकी बार चाहेगी कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए ताकि आने समय में रोहतक हुडा का गढ़ ना कह लाकर बीजेपी का गढ़ कहलाए
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