रोहतक: हरियाणा में लोकसभा चुनाव में 10 सीटों पर कब्जा जमाने के बाद बीजेपी विधानसभा चुनाव में 75 पार का मिशन लेकर चल रही है और बीजेपी ने लगभग-लगभग अपने जीत का फॉर्मूला भी तैयार कर लिया है, तभी तो जेपी नड्डा जाटलैंड रोहतक में जीत का मंत्र देने पहुंचे हैं. कहने को बीजेपी कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोहतक दौरा एक साधारण प्रक्रिया है, लेकिन इसके पीछे मकसद बड़ा माना जा रहा है, विपक्षी पार्टियों के गढ़ में लगातार सेंधमारी कर नेताओं को तोड़ा जा रहा है.
कांग्रेस आपसी लड़ाई में व्यस्त !
एक तरफ कांग्रेस आपसी लड़ाई में व्यस्त है, तो दूसरी तरफ बीजेपी रोहतक का किला फतह करने की जुगत में जुटी है और जाटलैंड के चक्रव्यूह को भेदने की कोशिश कर रही है. ऐसे में विपक्षी पार्टियों के गढ़ में लगातार सेंधमारी कर नेताओं को तोड़ा जा रहा है और अब ऐसा हो गया है कि रोहतक बीजेपी के छोटे नेताओं से लेकर बड़े नेताओं तक की पहली पसंद बनता जा रहा है.
रोहतक पर टिकी बीजेपी की निगाहें !
रोहतक में बीजेपी के कम और विपक्षी दलों के विधायक ज्यादा हैं और यहां पार्टी अधिक से अधिक सीटें जीतना चाहती है. रोहतक ही क्यों बीजेपी की निगाहें सिरसा, हिसार, मेवात, जींद, कैथल और सोनीपत जिलों पर रहेगी, क्योंकि यहां पर भी विपक्षी दलों के विधायक बीजेपी से ज्यादा है. बीजेपी लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव में भी गैर जाट वोट को एकजुट करते हुए जाट वोट में सेंधमारी करने की तैयारी में है और इसकी शुरूआत बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कर दी है.
शाह ने बनाया था रोहतक का किला ढहाने का चक्रव्यूह !
लोकसभा चुनाव से पहले अगस्त 2017 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी तीन दिन के प्रवास पर रोहतक आए थे. अमित शाह ने रोहतक में ही हुड्डा पिता-पुत्र के अलावा विपक्ष का सुपड़ा साफ करने का गणित हरियाणा बीजेपी के नेताओं को समझाया था. अमित शाह की प्लानिंग का असर यह रहा कि लोकसभा चुनाव में हुड्डा पिता-पुत्र का किला ढह गया और पूरे विपक्ष का सुपड़ा साफ हो गया. हरियाणा की दस की दस सीटों पर कमल खिल गया. उसी जीत को दोहराने के लिए बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रोहतक आए और जीत का मंत्र फूंका.
बीजेपी का मकसद भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला से हराना !
सबसे पहले बीजेपी का मकसद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर कांग्रेसी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला किलोई से हराना है, जिसके बाद बीजेपी का रास्ता साफ हो जाएगा. क्योंकि इस वक्त बीजेपी के सामने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा प्रदेश में और कोई बड़ा नेता नहीं है, क्योंकि इनेलो सीधे तौर पर न सही पर अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी में मर्ज हो रही है. बीजेपी अबकी बार चाहेगी कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए ताकि आने समय में रोहतक हुड्डा का गढ़ न कहलाकर बीजेपी का गढ़ कहलाए.
रोहतक जिले में विधानसभा सीटों पर विधायक
- महम से कांग्रेस के आनंद सिंह दांगी विधायक
- गढ़ी सांपला किलोई से कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा
- रोहतक से बीजेपी के मनीष कुमार ग्रोवर
- कलानौर से कांग्रेस की शकुंतला खटक
रोहतक लोकसभा सीट
- 1951 और 1957 में कांग्रेस के रणबीर सिंह हुड्डा दो बार सांसद रहे थे
- 1967 में कांग्रेस के चौधरी रणधीर सिंह
- 1991, 1996 और 1998 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हैट्रिक मारी
- 2004 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा फिर सांसद बने
- 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया
- 2005, 2009 और 2014 में दीपेन्द्र सिंह हुड्डा तीन बार सांसद रहे