पानीपत: लघु सचिवालय के सामने पीटीआई अध्यापकों का अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन देखने को मिला, अध्यापकों का कहना है कि वो 2010 में भर्ती हुए थे, अब कोरोना काल के दौरान निकाल दिए गए हैं, जिससे वो सड़कों पर आ गए हैं. अब उनके पास कमाई का कोई अन्य साधन नहीं है.
कुछ महिला अध्यापकों का कहना है कि उनके परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है. अध्यापकों की मांग है कि नौकरी से हटाए गए अध्यापकों को दोबारा बहाल किया जाए. भर्ती प्रक्रिया में जो भी कर्मचारी और अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
उन्होंने बताया कि उनकी नौकरी प्रक्रिया में कोई गलती नहीं है, उनके सभी डाक्यूमेंट्स पूरे हैं और ना ही उन्होंने किसी प्रकार का कोई फ्रॉड किया है, इसके बावजूद भी उन्हें सजा दी जा रही है, जो कि सरासर सरकार का गलत फैसला है.
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पीटीआई अध्यापकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि सर्व कर्मचारी संघ के कर्मचारी ने भी उन्हें समर्थन दिया है, साथ ही डीपीटीआई अध्यापकों का कहना है कि वो राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करते हैं. जो कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करते हैं. इसके बाद भी उन्हें ये सजा दी गई है.