पानीपत: जिले में जगह-जगह खुले सीवर के ढक्कन हादसों को न्यौता दे रहे हैं. वहीं पानीपत बस अड्डे के समीप नाले पर रखी स्लैब टूटकर नाले में ही गिर चुकी है. नाले की गहराई करीब 6 फीट है. बस अड्डे के समीप होने की वजह से खुला नाला लगातार दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहा है. रोजाना एक दो व्यक्ति इस खुले नाले की वजह से चोटिल हो रहे हैं.
दिन में तो ये नाला नजर आ जाता है मगर शाम ढलते ही अंधेरा होने की वजह से ये नाला दुर्घटनाओं को अंजाम देने की वजह बनता है. पानीपत बस अड्डे से रोहतक लौट रही नीलम नामक महिला आज इस खुले नाले में गिर गई. उसे मुंह, हाथ व पैर पर काफी चोट आई है.
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लोगों का कहना है कि भीड़भाड़ वाली जगह पर इस तरह खुला नाला सीधा मौत को निमंत्रण देने का काम कर रहा है. नगर निगम, स्थानीय प्रशासन या फ्लाईओवर ठेकेदार जिसकी भी जिम्मेदारी है उसे इस ओर ध्यान देना चाहिए.
अन्य राहगीरों का कहना है कि सार्वजनिक स्थल जैसे कि बस अड्डे के आसपास इस तरह नाला खुला नहीं होना चाहिए. सफाई होने के तुरंत बाद नाले को ढकना चाहिए. देखा जाए तो समस्या इतनी बड़ी नहीं है. खुले नाले पर एक या दो ढक्कन रखकर इसे ढका जा सकता है और राहगीरों को नाले में गिरकर चोटिल होने से बचाया जा सकता है, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है.
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