पानीपत: सच कड़वा होता है, सच्चाई मानना कड़वे जहर को पीने के बराबर है, लेकिन मीडिया का क्या कसूर, हम तो सच ही दिखाएंगे. इस सच को आप तक पहुंचाने के लिए एक जर्नलिस्ट को क्या-क्या सहना पड़ता है इसका जीता जागता उदाहरण ईटीवी के पानीपत के रिपोर्टर राजेश हैं.
राजेश कुमार ईटीवी के रिपोर्टर है और बुधवार को वो हरियाणा रोडवेज की बसों में सुरक्षा यंत्रों की पड़ताल कर रहे थे. उनकी पड़ताल में वहां मौजूद रोडवेज की बसें फेल साबित हुई. बसों में ना ही अग्निशमन यंत्र था ना ही फर्स्ट ऐड बॉक्स. बसों के परिचालक ने भी कैमरे के सामने इस सच्चाई को माना.
एक जिम्मेदार पत्रकार होने के नाते हमारे संवाददाता ने जब बस डिपो के वर्कशॉप मैनेजर विकास नरवाल से बातचीत करने की कोशिश की. संवाददाता के डिपो में मौजूद बसों के हालात पर चर्चा की तो वर्कशॉप मैनेजर की प्रतिक्रिया हैरान करने वाली थी. संवाददाता राजेश का कहना है कि मैनेजर ने पहले तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उसके बाद वो हाथा पाई करने लगा. मैनेजर विकास नरवाल ने उनसे कैमरा भी छीन लिया.
हालांकि संवाददाता ने नजदीकी पुलिस थाने में वर्कशॉप मैनेजर की शिकायत कर दी है, लेकिन ये बात गौर करने वाली है कि पत्रकार जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है. उसे आम जन को सच्चाई से रूबरू करवाने के लिए किन दबंगों, असामाजिक तत्वों से आय दिन सामना करना पड़ता है. पानीपत की मीडिया इस घटना से रोष में है और जल्द न्याय की मांग कर कर रही है.