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नीरज चोपड़ा के बाद अब हरियाणा की बेटी ने थामा जेवलिन, ओलंपिक फतेह करने का सपना

जिला पानीपत के खंडरा गांव से संबंध रखने वाले ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा (Olympic Gold Medalist Neeraj Chopra) के बाद अब गांव की 12वीं कक्षा की छात्रा दीपिका ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में अपना करियर बनाकर प्रदेश के साथ देश का नाम रोशन करना चाहती है.

Deepika Chopra of panipat
नीरज चोपड़ा के बाद अब दीपिका चोपड़ा ने थामा जेवलिन, ओलंपिक फतेह करने का सपना
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Published : Jun 2, 2022, 4:19 PM IST

पानीपत: आज जिला पानीपत के खंडरा गांव से संबंध रखने वाले ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा (Olympic Gold Medalist Neeraj Chopra) किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. नीरज चोपड़ा भारत की ओर से एथलीट में पहला ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ी हैं. हरियाणा में आज नीरज चोपड़ा से लाखों युवा प्रेरणा ले रहे हैं. वहीं जिला पानीपत के हर युवा और युवती के हाथ में जैवलिन थ्रो है. हर कोई ओलंपिक में अपने प्रदेश के साथ-साथ देश का नाम रोशन करना चाहते हैं.

बता दें, ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा एक छोटे से गांव संबंध रखते हैं. उन्होंने जब अपने करियर की शुरुआत की थी तो उस समय कोई भी जैवलिन थ्रो के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखता था. लेकिन आज प्रदेश का हर एक युवा जैवलिन थ्रो में अपना करियर बनाकर देश का नाम रोशन करने का सपना देखता है. आज हम उसी गांव की रहने वाली एक 12वीं कक्षा की छात्रा से आपको मिलवाने जा रहे हैं जो नीरज चोपड़ा के मेडल जीतने के बाद उस से प्रेरित होकर मैदान में उतरी और पहले ही राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल हासिल (Deepika won bronze medal in Javelin Throw) किया.

नीरज चोपड़ा के बाद अब दीपिका चोपड़ा ने थामा जेवलिन, ओलंपिक फतेह करने का सपना

मात्र 7 महीने की इस प्रैक्टिस में दीपिका नाम की इस छात्रा ने पहले ब्लॉक स्तर पर गोल्ड मेडल जीता, जिला स्तर पर गोल्ड मेडल जीता और अब राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर आपने ओलंपिक के सफर में एक कदम आगे बढ़ाया है. दीपिका का कहना है कि जब नीरज चोपड़ा गोल्ड मेडल जीतकर अपने गांव में आए थे और उनका जिस तरह से भव्य स्वागत किया गया था. उसी दिन उन्होंने भी ओलंपिक में जाने ठान लिया था.

दीपिका का कहना है कि नीरज के बाद उसे अपने गांव का नाम एक बार फिर से रोशन करना है और ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर लाना है. हरियाणा जैसे प्रदेश में जहां बेटियों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जाती वहां दीपिका जैसी लड़की ऊंची सोच के साथ लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही (Deepika Chopra of panipat) है. दीपिका ने बताया कि नीरज जब भी गांव आते हैं वह उन्हें जैवलिन के अच्छे गुर सिखा कर जाते हैं. आपको बता दें की दीपिका को वही जितेंद्र जागलान कोच प्रशिक्षित कर रहे हैं, जिन्होंने नीरज चोपड़ा हो प्रशिक्षित किया था.

Deepika Chopra of panipat
नीरज चोपड़ा के बाद अब दीपिका चोपड़ा ने थामा जेवलिन, ओलंपिक फतेह करने का सपना

ग्रामीणों का कहना है कि नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतने के बाद गांव के युवा और युवतियों में एक नया जुनून देखने को मिला है. अगर छोटे बच्चे को भी खेलने के लिए कुछ खिलौना नहीं मिलता तो वह भी लाठी-डंडों को जैवलिन बनाकर नीरज की तरह फेंकने का प्रयास करते हैं और अब जिस तरह युवा इस खेल की तरफ अग्रसर हो रहे हैं, तो ग्रामीण भी उनका साथ दे रहे हैं. इतना ही नहीं जब भी नीरज चोपड़ा गांव आते हैं तो वह गांव के युवाओं के लिए गेम में प्रयोग लाए जाने वाली जैकलिन स्टिक के लिए अनुदान देकर जाते हैं और अब तक अभ्यास के लिए जितना सामान गांव में मौजूद है वह नीरज चोपड़ा का ही दिया हुआ है. जिससे गांव के युवा अभ्यास करते हैं.
ये भी पढ़ें: शाबाश 'नीरज' शाबाश! भाला फेंक के फाइनल मुकाबले में नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड मेडल

पानीपत: आज जिला पानीपत के खंडरा गांव से संबंध रखने वाले ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा (Olympic Gold Medalist Neeraj Chopra) किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. नीरज चोपड़ा भारत की ओर से एथलीट में पहला ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ी हैं. हरियाणा में आज नीरज चोपड़ा से लाखों युवा प्रेरणा ले रहे हैं. वहीं जिला पानीपत के हर युवा और युवती के हाथ में जैवलिन थ्रो है. हर कोई ओलंपिक में अपने प्रदेश के साथ-साथ देश का नाम रोशन करना चाहते हैं.

बता दें, ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा एक छोटे से गांव संबंध रखते हैं. उन्होंने जब अपने करियर की शुरुआत की थी तो उस समय कोई भी जैवलिन थ्रो के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखता था. लेकिन आज प्रदेश का हर एक युवा जैवलिन थ्रो में अपना करियर बनाकर देश का नाम रोशन करने का सपना देखता है. आज हम उसी गांव की रहने वाली एक 12वीं कक्षा की छात्रा से आपको मिलवाने जा रहे हैं जो नीरज चोपड़ा के मेडल जीतने के बाद उस से प्रेरित होकर मैदान में उतरी और पहले ही राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल हासिल (Deepika won bronze medal in Javelin Throw) किया.

नीरज चोपड़ा के बाद अब दीपिका चोपड़ा ने थामा जेवलिन, ओलंपिक फतेह करने का सपना

मात्र 7 महीने की इस प्रैक्टिस में दीपिका नाम की इस छात्रा ने पहले ब्लॉक स्तर पर गोल्ड मेडल जीता, जिला स्तर पर गोल्ड मेडल जीता और अब राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर आपने ओलंपिक के सफर में एक कदम आगे बढ़ाया है. दीपिका का कहना है कि जब नीरज चोपड़ा गोल्ड मेडल जीतकर अपने गांव में आए थे और उनका जिस तरह से भव्य स्वागत किया गया था. उसी दिन उन्होंने भी ओलंपिक में जाने ठान लिया था.

दीपिका का कहना है कि नीरज के बाद उसे अपने गांव का नाम एक बार फिर से रोशन करना है और ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर लाना है. हरियाणा जैसे प्रदेश में जहां बेटियों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जाती वहां दीपिका जैसी लड़की ऊंची सोच के साथ लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही (Deepika Chopra of panipat) है. दीपिका ने बताया कि नीरज जब भी गांव आते हैं वह उन्हें जैवलिन के अच्छे गुर सिखा कर जाते हैं. आपको बता दें की दीपिका को वही जितेंद्र जागलान कोच प्रशिक्षित कर रहे हैं, जिन्होंने नीरज चोपड़ा हो प्रशिक्षित किया था.

Deepika Chopra of panipat
नीरज चोपड़ा के बाद अब दीपिका चोपड़ा ने थामा जेवलिन, ओलंपिक फतेह करने का सपना

ग्रामीणों का कहना है कि नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतने के बाद गांव के युवा और युवतियों में एक नया जुनून देखने को मिला है. अगर छोटे बच्चे को भी खेलने के लिए कुछ खिलौना नहीं मिलता तो वह भी लाठी-डंडों को जैवलिन बनाकर नीरज की तरह फेंकने का प्रयास करते हैं और अब जिस तरह युवा इस खेल की तरफ अग्रसर हो रहे हैं, तो ग्रामीण भी उनका साथ दे रहे हैं. इतना ही नहीं जब भी नीरज चोपड़ा गांव आते हैं तो वह गांव के युवाओं के लिए गेम में प्रयोग लाए जाने वाली जैकलिन स्टिक के लिए अनुदान देकर जाते हैं और अब तक अभ्यास के लिए जितना सामान गांव में मौजूद है वह नीरज चोपड़ा का ही दिया हुआ है. जिससे गांव के युवा अभ्यास करते हैं.
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