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महिला एवं बाल विकास विभाग की डायरेक्टर के नाम पर प्रोटेक्शन ऑफिसर से साइबर ठगी की कोशिश - पानीपत में साइबर ठग

हरियाणा में साइबर ठग के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर ठगों ने महिला एवं बाल विकास विभाग की डायरेक्टर जनरल की WhatsApp डीपी लगाकर जिले की प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता को मैसेज कर उनसे ठगी का मैसेज भेजा.

cyber thugs in panipat
प्रोटेक्शन ऑफिसर से साइबर ठगी
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Published : Aug 29, 2022, 7:42 PM IST

पानीपत: हरियाणा के पानीपत में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, आम लोगों को परेशान करने वाले साइबर ठगों (cyber thugs in panipat) ने एक ऑफिसर को अपना निशाना बनाया. सोमवार को पानीपत में साइबर ठग ने जिले की महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता को मैसेज किया. ठगों ने विभाग की डायरेक्टर जनरल की व्हाट्सअप पर फोटो लगाकर अधिकारी को मैसेज करके मदद मांगी.

हैरानी की बात यह है कि ठगों को अधिकारी का नाम भी पता था. प्रोटेक्शन ऑफिसर को भ्रमित करने के लिए साइबर ठगों ने उनके विभाग की डायरेक्टर जनरल की फोटो लगाकर उनसे मदद मांगी. लेकिन प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता ने साइबर ठगों के खेल को पहले ही समझ लिया था. बता दें कि प्रोटेक्शन ऑफिसर से साइबर ठगी (cyber fraud from protection officer) का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले उनके पास आ चुके हैं.

प्रोटेक्शन ऑफिसर से साइबर ठगी

महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता ने बताया कि वह सोमवार की सुबह वह अपने कार्यालय में ही मौजूद थीं. उसी दौरान उनके व्हाट्सअप पर एक मैसेज आया. मैसेज भेजने वाले ने विभाग की डायरेक्टर IAS हेमा शर्मा की फोटो लगाई हुई थी. इसके बाद उसने मैसेज में लिखा था कि 'रजनी, तुम कार्यालय में ही हो क्या? मुझे तुम्हारी एक जरुरत है. मैं किसी मीटिंग में बैठी हुई हूं. मुझे कॉल मत करना. बस यहां मैसेज से ही रिस्पांस करो' ऑफिसर का कहना है कि उन्हें पता था कि यह मैसेज फ्रॉड है. फिर भी उन्होंने ठगों के आगे के रिस्पांस देखने के लिए जवाब दिया.

जवाब देने के बाद ठग ने एक लिंक भेजा और कहा कि इस पर क्लिक कर शॉपिंग कर लो. जो कोड आएगा, वह बता देना. इसके बाद उन्होंने ठगों को रिस्पांस नहीं किया. साइबर फ्रॉड (cyber fraud in Panipat) लगातार उन्हें मैसेज भेजते रहे. प्रोटेक्शन ऑफिसर ने बताया कि सोमवार को डायरेक्टर के नाम से न केवल उन्हें बल्कि चार और जिलों के प्रोटेक्शन ऑफिसर को भी इस तरह के मैसेज आ चुके हैं. इसका पता तब लगा, जब उन्होंने अपने विभाग के बने व्हाट्सअप ग्रुप में मैसेज शेयर किए. वहीं, उन्होंने यह भी बताया कि कुछ समय पहले विभाग के प्रोटेक्शन ऑफिसर के पास प्रिंसिपल सेक्रेटरी के नाम से भी मैसेज आ चुके हैं.

पानीपत: हरियाणा के पानीपत में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, आम लोगों को परेशान करने वाले साइबर ठगों (cyber thugs in panipat) ने एक ऑफिसर को अपना निशाना बनाया. सोमवार को पानीपत में साइबर ठग ने जिले की महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता को मैसेज किया. ठगों ने विभाग की डायरेक्टर जनरल की व्हाट्सअप पर फोटो लगाकर अधिकारी को मैसेज करके मदद मांगी.

हैरानी की बात यह है कि ठगों को अधिकारी का नाम भी पता था. प्रोटेक्शन ऑफिसर को भ्रमित करने के लिए साइबर ठगों ने उनके विभाग की डायरेक्टर जनरल की फोटो लगाकर उनसे मदद मांगी. लेकिन प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता ने साइबर ठगों के खेल को पहले ही समझ लिया था. बता दें कि प्रोटेक्शन ऑफिसर से साइबर ठगी (cyber fraud from protection officer) का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले उनके पास आ चुके हैं.

प्रोटेक्शन ऑफिसर से साइबर ठगी

महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता ने बताया कि वह सोमवार की सुबह वह अपने कार्यालय में ही मौजूद थीं. उसी दौरान उनके व्हाट्सअप पर एक मैसेज आया. मैसेज भेजने वाले ने विभाग की डायरेक्टर IAS हेमा शर्मा की फोटो लगाई हुई थी. इसके बाद उसने मैसेज में लिखा था कि 'रजनी, तुम कार्यालय में ही हो क्या? मुझे तुम्हारी एक जरुरत है. मैं किसी मीटिंग में बैठी हुई हूं. मुझे कॉल मत करना. बस यहां मैसेज से ही रिस्पांस करो' ऑफिसर का कहना है कि उन्हें पता था कि यह मैसेज फ्रॉड है. फिर भी उन्होंने ठगों के आगे के रिस्पांस देखने के लिए जवाब दिया.

जवाब देने के बाद ठग ने एक लिंक भेजा और कहा कि इस पर क्लिक कर शॉपिंग कर लो. जो कोड आएगा, वह बता देना. इसके बाद उन्होंने ठगों को रिस्पांस नहीं किया. साइबर फ्रॉड (cyber fraud in Panipat) लगातार उन्हें मैसेज भेजते रहे. प्रोटेक्शन ऑफिसर ने बताया कि सोमवार को डायरेक्टर के नाम से न केवल उन्हें बल्कि चार और जिलों के प्रोटेक्शन ऑफिसर को भी इस तरह के मैसेज आ चुके हैं. इसका पता तब लगा, जब उन्होंने अपने विभाग के बने व्हाट्सअप ग्रुप में मैसेज शेयर किए. वहीं, उन्होंने यह भी बताया कि कुछ समय पहले विभाग के प्रोटेक्शन ऑफिसर के पास प्रिंसिपल सेक्रेटरी के नाम से भी मैसेज आ चुके हैं.

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